दिल्ली उच्च न्यायालय ने शराब घोटाले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को एक बार फिर से जमानत नहीं दी है। उच्च न्यायालय ने आदेश को रिजर्व रख लिया और कहा कि सोमवार (29 जुलाई, 2024) को फैसला सुनाया जाएगा। हाईकोर्ट ने कहा कि आदेश लिखने के लिए समय चाहिए। जस्टिस नीना बंसल कृष्णा ने इस मामले की सुनवाई की। अरविंद केजरीवाल की तरफ से अभिषेक मनु सिंघवी, विक्रम चौधरी और N हरिहरन ने उच्च न्यायालय में दलीलें पेश की।
अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि अरविंद केजरीवाल एक मुख्यमंत्री हैं, वो कोई आतंकवादी नहीं हैं। उन्होंने बताया कि मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में ट्रायल कोर्ट ने जमानत दे रखी है। उन्होंने पाकिस्तान का उदाहरण दिया जहाँ इमरान खान को एक मामले में रिहा होने के बाद दूसरे मामले में गिरफ्तार कर लिया जाता है। सिंघवी ने कहा कि हम वो देश नहीं हैं। उन्होंने कहा कि CBI सिर्फ एक ही चीज कह रही है कि संतोषजनक जवाब नहीं मिला। उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल से जेल से बाहर भी पूछताछ की जा सकती है।
CBI की तरफ से पेश हुए वकील DP सिंह ने कहा कि सिंघवी के दावे के उलट अरविंद केजरीवाल को एक गवाह के रूप में नहीं बुलाया गया था बल्कि धारा-160 के तहत आरोपित, संदिग्ध या गवाह किसी से भी पूछताछ की जा सकती है, उन्हें बुलाया जाता है जो तथ्यों से परिचित हों। अभिषेक मनु सिंघवी ने अरविंद केजरीवाल की गिरफ़्तारी को ‘इन्सुरेंस अरेस्ट’ कह कर संबोधित किया। वहीं DP सिंह ने कहा कि अरविंद केजरीवाल को जमानत सिर्फ चुनाव प्रचार के लिए मिली थी।
Delhi High Court reserves order on Chief Minister Arvind Kejriwal's plea challenging his arrest by CBI. Order also reserved on Kejriwal's interim bail plea. #ArvindKejriwal #CBI pic.twitter.com/37rEWPC7wQ
— Live Law (@LiveLawIndia) July 17, 2024
CBI ने बताया कि अरविंद केजरीवाल को पहले भी गिरफ्तार किया जा सकता था, लेकिन सुनवाई खत्म होने का इंतज़ार किया गया और सुप्रीम कोर्ट द्वारा इसमें कम्प्लीट स्टे लगाने के बाद ही उन्हें गिरफ्तार किया गया। अभिषेक मनु सिंघवी का कहना है कि 17 अगस्त, 2022 को CBI ने जो FIR दर्ज की थी उसमें अरविंद केजरीवाल का नाम नहीं है। उनका कहना था कि तिहाड़ जेल में भी 3 घंटे केजरीवाल से पूछताछ हुई। उन्होंने बताया कि 2 बार सुप्रीम कोर्ट और 1 बार ट्रायल कोर्ट राहत दे चुका है।