आर्यन खान ड्रग केस में गवाह प्रभाकर सैल के खुलासे के बाद मामले ने नया मोड़ ले लिया है। गवाह द्वारा लगाए गए गंभीर आरोप के बाद एनसीबी के जोनल अधिकार समीर वानखेड़े सोमवार (25 अक्टूबर 2021) को स्पेशल NDPS कोर्ट के सामने पेश हुए और एफिडेविट दाखिल किए।
महाराष्ट्र सरकार के मंत्री नवाब मलिक द्वारा उन पर लगाए गए आरोप के खिलाफ समीर वानखेड़े ने कोर्ट से कहा कि उन्हें धमकी दी जा रही है और उनकी बहन व स्वर्गवासी माता को निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने ये भी कहा है कि वह हर तरह की जाँच के लिए तैयार हैं।
Drugs-on-cruise-case | My family including my sister and deceased mother are are being targeted: NCB Zonal Director Sameer Wankhede to Special NDPS court
— ANI (@ANI) October 25, 2021
NDPS कोर्ट में एक एफिडेविट समीर वानखेड़े की तरफ से दाखिल किया गया है और दूसरा एनसीबी की तरफ से है। समीर वानखेड़े ने एफिडेविट में कहा है कि उन्हें धमकी दी जा रही है और जाँच को प्रभावित किया जा रहा है। जाँच एजेंसी NCB ने कोर्ट को बताया है कि मामले में गवाह अपने बयान से मुकर गया है और विटनेस होस्टाइल की स्थिति बनी हुई।
वानखेड़े के वकील ने सोमवार को अदालत को बताया कि उनके और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ निजी आरोप लगाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा, “मेरे परिवार के सदस्यों के खिलाफ आरोप क्यों लगाए जा रहे हैं? मेरी सुपरवाइजरी पोजिशन की वजह से? क्या यह केवल मुझे भटकाने और मुझे अदालत में विफल करने के लिए है।”
वानखेड़े ने आग्रह किया कि किसी को भी गवाहों और जाँच को प्रभावित करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा, “मैं किसी भी तरह की जाँच या पूछताछ के लिए तैयार हूँ। मेरे पास 15 साल का रिकॉर्ड है।”
NCB initiates vigilance inquiry against #SameerWakhende after extortion charges. #AryanKhanDrugCase
— Marya Shakil (@maryashakil) October 25, 2021
वहीं, बताया जा रहा है कि नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने जबरन वसूली के आरोपों की जाँच का फैसला लिया है। NCB के उप-महानिदेशक (DDG-NR) और विजिलेंस यूनिट के प्रमुख ज्ञानेश्वर सिंह इस मामले में एक ‘स्वतंत्र गवाह’ द्वारा लगाए गए ‘जबरन वसूली’ के आरोपों की जाँच करेंगे। एनसीबी के उप-महानिदेशक ज्ञानेश्वर सिंह ने कहा है, “मैं आरोपों (समीर वानखेड़े के खिलाफ) की जाँच की निगरानी कर रहा हूँ।” यह पूछे जाने पर कि क्या वानखेड़े इस पद पर बने रहेंगे, सिंह ने कहा, “अभी टिप्पणी करना जल्दबाजी होगी। हमने अभी जाँच शुरू ही की है।”
इससे पहले समीर वानखेड़े ने पुलिस कमिश्नर को भी पत्र लिखा था। इसमें उन्होंने कहा था कि उन्हें झूठे केस में फँसाने की साजिश रची जा रही है। एनसीबी अधिकारी ने मुंबई पुलिस कमिश्नर से गलत उद्देश्य और आरोपों के आधार पर कोई भी कार्रवाई नहीं करने का अनुरोध किया था।
बता दें कि आर्यन खान ड्रग्स मामले में बड़ा ट्विस्ट तब आया जब इस केस के प्राइम विटनेस केपी गोसावी के बॉडीगार्ड ने बड़ा खुलासा किया। बॉडीगार्ड प्रभाकर सैल ने अपने हलफनामे में बताया कि एनसीबी के दफ्तर में पंचनामा पेपर बताकर खाली कागज में जबरन हस्ताक्षर कराए गए थे। इतना ही नहीं केपी गोसावी व एक अन्य के साथ इस मामले में 25 करोड़ की रिश्वत की भी माँग की गई थी। बाद में यह सौदा 18 करोड़ में तय हुआ था, जिसमें आठ करोड़ रुपए समीर वानखेड़े को देने की बात हो रही थी।