Monday, November 18, 2024
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लॉकडाउन में साइकिल पर सब्जी बेचकर घर चलाने वाली लड़की को डिब्रूगढ़ पुलिस ने भेंट की बाइक

"इस बच्ची की जितनी तारीफ की जाए उतनी कम है। इसने पुलिस पर पत्थर नहीं फेंका, सार्वजनिक और निजी संपत्ति को जलाया नहीं। और न ही इसने कभी पीएम, सीएम, डीएम को कोसा। इसने अपने घर-परिवार की जिम्मेदारी उठाई और अपनी व अपने परिवार की मदद करने की ठानी। ये कर्म योगी है।"

कोरोना महामारी के समय में लॉकडाउन का पालन कराने के लिए पुलिस द्वारा दिखाई गई सख्ती की कई लोगों ने आलोचना की। मगर, इस बीच कई जगह से सुरक्षा में तैनात पुलिस की कुछ ऐसी तस्वीरें भी आईं, जिन्होंने लोगों का दिल जीत लिया।

हाल की बात करें, तो दिल खुश करने वाली ये तस्वीरे असम से आई है। यहाँ डिब्रूगढ़ पुलिस ने एक सब्जी बेचने वाली बच्ची को उसकी सुविधा और व्यापार के लिए बाइक तोहफे में दी।

डिब्रूगढ़ पुलिस ने ट्विटर अकॉउंट पर इस बारे में जानकारी देते हुए बताया गया,“जनमोनी गोगोई नाम की बच्ची इस समय में अपने घर का लालन-पालन करने के लिए साइकिल पर सब्जी बेचती है। इसलिए हमने उसके आत्मसम्मान से प्रेरित होकर और अपने डीजीपी सर के निर्देशों को ध्यान में रखते हुए कि हमें खुद को पुलिस फोर्स से अर्थव्यवस्था के सूत्राधार में बदलना है, उसे उसके व्यवसाय के लिए बाइक भेंट की है।”

इस पर एक अन्य यूजर ने भी लिखा, “ये असम के डिब्रूगढ़ से जनमोनी गोगोई है। ये एक स्टूडेंट है। मगर, लॉकडाउन के दौरान इसने अपने कंधों पर अपने परिवार का जिम्मा उठाया और साइकिल पर सब्जी बेचनी शुरू की। अब डिब्रुगढ़ पुलिस उसकी लगन देखते हुए उसके घर गई और उसे उसके व्यापार के लिए एक बाइक भेंट की।”

गौरतलब है कि सोशल मीडिया पर डिब्रूगढ़ पुलिस के इस कदम को बहुत सराहा जा रहा है। यूजर्स इन तस्वीरों को शेयर करते हुए पुलिस की काफी तारीफ कर रहे हैं और जनमोनी को भी आशीष दे रहे हैं। कोई बच्ची को महान बेटी बोल रहा है, तो कोई उसे योद्धा पुकार रहा है।

कुछ लोग ऐसे भी हैं जो डिब्रुगढ़ पुलिस के आत्मीय भाव को देखकर फूले नहीं समा रहे। यूजर्स इस कदम को एक आइडल उदाहरण बता रहे हैं और डिब्रूगढ़ पुलिस को धन्यवाद दे रहे हैं।

लोगों का कहना है कि इस बच्ची की जितनी तारीफ की जाए उतनी कम है। इसने किसी पुलिस पर पत्थर नहीं फेंका, सार्वजनिक और निजी संपत्ति को जलाया नहीं। और न ही इसने कभी पीएम, सीएम, डीएम को कोसा। इसने अपने घर परिवार की जिम्मेदारी उठाई और अपनी व अपने परिवार की मदद करने की ठानी। ये कर्म योगी है।

बता दें कि यूजर्स इस बाइक की तस्वीर को देखकर पुराने गाने और यादों को भी ताजा कर रहे हैं और बता रहे हैं कि एक समय ऐसा था जब कोयंबटूर के हर घर में ये काम करने वाला घोड़ा (tvs XL100 बाइक) होता था।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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