असम में त्रिपुरा से ट्रेन के माध्यम से पहुँचे 450 रोहिंग्या मुस्लिमों को वापस भेज दिया गया। असम के स्पेशल DGP (विशेष पुलिस महानिदेशक) हरमीत सिंह ने बताया कि सूचना के आधार पर पुलिस सतर्क थी। अवैध घुसपैठियों को सीमा सुरक्षा बलों की सहायता से वापस भेजा गया। जुलाई में असम के स्पेशल टास्क फ़ोर्स (STF) ने एक ऑपरेशन लॉन्च किया था। इस अवैध घुसपैठ और मानव तस्करी में सक्रिय दलालों की पहचान करने के लिए ये ऑपरेशन चलाया गया था।
SDGP ने बताया कि ऐसे 10 दलालों को त्रिपुरा से दबोचने में कामयाबी मिली। उनसे पूछताछ के आधार पर जाँच की गई तो पता चला कि ये राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला है जिसके दुष्प्रभाव कई राज्यों पर पड़े हैं। उन्होंने बताया कि पहले दिन से ही मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा (जो राज्य के गृह मंत्री भी हैं) को इस मामले की जानकारी थी और सरकार ने इस मामले को NIA (राष्ट्रीय जाँच एजेंसी) के पास भेजने का निर्णय लिया। फिर केंद्रीय गृह मंत्रालय से इस संबंध में निवेदन किया गया।
असम के विशेष पुलिस प्रमुख हरमीत सिंह ने जानकारी दी कि NIA ने इस मामले की जाँच अपने हाथों में ली और मिलजुल कर जाँच की गई जिसके बाद देश भर में ऐसे दलालों की सूची तैयार की गई जो घुसपैठियों की मदद करते हैं। बकौल स्पेशल DGP, अब इस मामले में बुधवार (8 नवंबर, 2023) को तड़के सुबह ऑपरेशन लॉन्च किया गया जिसमें 47 ऐसे दलाल पकड़े गए हैं जो एक गिरोह बना कर काम कर रहे थे। इनमें से 25 तो अकेले त्रिपुरा से गिरफ्तार किए गए हैं।
#WATCH | Guwahati: Special DGP, Assam, Harmeet Sigh says, "Noticed a group of Rohingyas who were travelling in a train from Tripura and had entered Assam…450 such illegal infiltrators were stopped and turned back with the help of border guarding forces. There was an operation… pic.twitter.com/MoDIhoBreL
— ANI (@ANI) November 8, 2023
वहीं 9 कर्नाटक से, 5 दलाल असम से, 3 पश्चिम बंगाल से, 3 तमिलनाडु से और एक-एक हरियाणा और तेलंगाना से दबोचे गए हैं। SDGP ने बताया कि NIA और असम पुलिस ने मिल कर परस्पर सहयोग करते हुए ये अभियान चलाया है। इसमें विभिन्न स्थानीय पुलिस ने भी मदद की। असम पुलिस की इस प्रकरण में 17 टीमें ग्राउंड पर हैं। बता दें कि म्यांमार और बांग्लादेश जैसे पड़ोसी मुल्कों से बड़ी संख्या में रोहिंग्या मुस्लिम भारत में आकर बसे हुए हैं।