महाराष्ट्र के औरंगाबाद स्थित खुल्ताबाद से एटीएस ने एक डॉक्टर को गिरफ़्तार किया है। उसे आतंकवादियों के संपर्क में होने के कारण गिरफ़्तार किया गया। आतंक निरोधक दस्ते को शक है कि उक्त डॉक्टर जम्मू कश्मीर के आतंकवादियों के संपर्क में था। उस से पिछले तीन दिनों पूछताछ जारी है। अधिकारियों ने आरोपित डॉक्टर की पहचान उजागर नहीं की है। उस पर आतंकवादियों को वित्तीय मदद देने में शामिल होने का संदेह है। उसके सुरक्षा बलों को धोखे से भोजन और पानी में ज़हर देने की साज़िश में शामिल होने का भी संदेह है। इसके अलावा, उसके मुंब्रा और औरंगाबाद से हाल ही में गिरफ्तार किए गए नौ संदिग्ध आतंकवादियों के संपर्क में होने का भी संदेह है।
ATS officials have been questioning him for the last three days.https://t.co/HRwrM3MdaN
— TIMES NOW (@TimesNow) March 5, 2019
ख़ुफ़िया एजेंसियों ने हाल ही में पाकिस्तानी आर्मी इंटेलिजेंस (MI) और इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) की ख़तरनाक योजना के बारे में चेतावनी जारी की थी, जिसमें भारतीय सशस्त्र बलों को दिए जाने वाले भोजन में ज़हर मिलाया जाने वाला था। महाराष्ट्र एटीएस ने जनवरी में आईएसआईएस आतंकी समूह से जुड़े 9 संदिग्धों को गिरफ़्तार किया था। एटीएस के अधिकारियों ने मुंब्रा के एक नाबालिग किशोर के साथ मज़हर शेख, जुम्मन खुटुपद, सलमान ख़ान, फरहाद अंसारी को गिरफ्तार किया था, जबकि मोहम्मद मोहसिन सिराजुल्लाह खान, मोहम्मद तौकीउल्लाह सिराज खान, काजी सरफराज और मशहूद इस्लाम उर्फ तारेख को औरंगाबाद से गिरफ्तार किया गया था।
अधिकारियों ने विस्फोटकों के बजाय आरोपितों के पास से हाइड्रोजन पेरोक्साइड, ज़हरीला पाउडर और एसिड बरामद किया था। मीडिया में चल रही ख़बरों के अनुसार, राजनीतिक रैलियाँ, धार्मिक कार्यक्रम और प्रसिद्ध हस्तियों की शादियाँ उनकी लक्षित सूची में शामिल थीं। यानी ये आतंकी इन कार्यक्रमों को निशाना बना सकते थे। बता दें कि इस साल जनवरी में कई ताबड़तोड़ छापों के बाद महाराष्ट्र एटीएस ने मुंब्रा और ठाणे से 5 और औरंगाबाद से 4 व्यक्तियों को गिरफ़्तार किया था। सभी संदिग्ध आतंकी पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI), बेंगलुरु के लिए कार्य करते थे।
ये सभी आरोपित शिक्षित हैं और इस्लामिक स्टेट (ISIS) से भी इनके सम्बन्ध होने की बात सामने आई है। उसके पास से इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स, सिम कार्ड्स वगैरह सहित कई चीजें बरामद हुई थी। उसके बाद से ख़ुफ़िया विभाग लगातार ऐसी गतिविधियों पर नज़र बनाए हुए है।