उत्तर प्रदेश के अयोध्या जिले में नाबालिग बच्ची से गैंगरेप के आरोपित मोईद खान के मददगार सपा नेता राशिद खान के खिलाफ भी प्रशासन ने कार्रवाई तेज कर दी है। जिला प्रशासन राशिद खान के शस्त्र लाइसेंसों को निरस्त कर सकता है। इस बाबत पुलिस ने उनके घर पर मंगलवार (20 अगस्त 2024) को बाकायदा ‘कारण बताओ नोटिस’ भी चस्पा कर दी है। नोटिस का जवाब देने के लिए राशिद खान को 29 अगस्त तक का समय दिया गया है। अखिलेश यादव के करीबी माने जाने वाले राशिद खान पर 1 अगस्त को पीड़िता को अस्पताल में घुस कर केस वापस लेने की धमकी देने की FIR दर्ज है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, समाजवादी पार्टी से भदरसा के नगर पंचायत अध्यक्ष के आवास पर मंगलवार की सुबह कोतवाली नगर पुलिस सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारी पहुँचे। उनके हाथ में ‘कारण बताओ नोटिस’ थी जिसे उन्हें राशिद खान को तामील करवाना था। राशिद खान घर पर मौजूद नहीं था, इसीलिए नियमानुसार नोटिस को उसके घर पर चस्पा करवा दिया गया है। इस नोटिस में राशिद खान को जवाब देने के लिए इसी माह 29 अगस्त तक की समय सीमा दी गई है।
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— Zee Uttar Pradesh Uttarakhand (@ZEEUPUK) August 20, 2024
अयोध्या रेपकांड से जुड़ी खबर
सपा नेता राशिद खान की बढ़ी मुश्किलें
भदरसा नगर पंचायत अध्यक्ष है राशिद खान
राशिद खान का शस्त्र लाइसेंस जल्द होगा रद्द
गैंगरेप पीड़िता को धमकी देने का आरोप#Ayodhyarapecase #rashidkhan @vishals12517801 @Kundan_Jamaiyar pic.twitter.com/DaSyIGhdwR
बताते चलें कि राशिद खान को अपना बयान दर्ज करवाने के लिए अयोध्या पुलिस पहले ही नोटिस भेज चुकी है। इस नोटिस के बावजूद राशिद पुलिस के आगे बयान दर्ज करवाने नहीं गए। अपने खिलाफ दर्ज FIR में अग्रिम जमानत लेने के लिए राशिद खान अदालत भी गए थे। हालाँकि, अदालत ने उनकी अपील ख़ारिज कर दी थी और पुलिस के आगे पेश हो कर जाँच में सहयोग करने के लिए कहा था। हालाँकि अदालत से मिली 3 दिनों की समयसीमा के बावजूद राशिद खान अब तक पुलिस के आगे पेश नहीं हुए।
बताते चलें कि शिकायत कॉपी में आरोप है कि राशिद खान ने पहले पीड़िता के घर जा कर मुकदमे को वापस लेने की धमकी दी थी। अपनी बात न मानने पर उसने लड़की व उसके परिवार वालों को खत्म करने की धमकी दी थी। जब उसकी बात नहीं मानी गई तब वो अपने 2 साथियों सहित गुरुवार (1 अगस्त 2024) की रात 11 बजे महिला जिला अस्पताल के उस कमरे के पास पहुँच गया था जिसमें पीड़िता का इलाज चल रहा था। आरोप है कि राशिद व उसके साथी पीड़िता की हत्या करना चाहते थे।
इस शिकायत पर राशिद व उसके 2 सहयोगियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता 2023 (BNS) की धारा 333 (जबरदस्ती किसी के घर में घुसने) और बीएनएस की धारा 351(3) (आपराधिक धमकी देने) के तहत मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस ने इसी केस में राशिद खान को पहले भी नोटिस जारी कर के बयान देने के लिए बुलाया था लेकिन वो हाजिर नहीं हुए। गौरतलब है कि राशिद खान का समाजवादी पार्टी में काफी ऊँचा रुतबा है। वह अखिलेश यादव से हाथ मिलाता है और समाजवादी पार्टी के तमाम बड़े नेताओं के साथ मंच को साझा करता है।