Sunday, November 17, 2024
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अयोध्या के नवनिर्मित मंदिर में भगवान रामलला का अधिवास: वैदिक मंत्रोच्चार के साथ सरयू नदी के जल से स्नान, 1008 हवन कुंडों में चल रहा महायज्ञ

अयोध्या में रामलला के मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान जारी है। 16 जनवरी 2024 से शुरु हुए प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान में शनिवार (20 जनवरी 2024) को रामलला को तीन अधिवास कराए गए। रामलला का शर्कराधिवास और फलाधिवास कराने के बाद पुष्पाधिवास कराया गया। इसमें रामलला को पुष्प, फल और शक्कर चढ़ाया गया और उनका आह्वान वैदिक मंत्रोच्चार के साथ किया गया।

अयोध्या में रामलला के मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान जारी है। 16 जनवरी 2024 से शुरु हुए प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान में शनिवार (20 जनवरी 2024) को रामलला को तीन अधिवास कराए गए। रामलला का शर्कराधिवास और फलाधिवास कराने के बाद पुष्पाधिवास कराया गया। इसमें रामलला को पुष्प, फल और शक्कर चढ़ाया गया और उनका आह्वान वैदिक मंत्रोच्चार के साथ किया गया। इसके बाद 21 जनवरी (रविवार) को रामलला का मध्याधिवास कराया जाएगा, फिर शाम के समय शय्याधिवास कराया जाएगा।

शर्कराधिवास के तहत तहत सरयू नदी के पवित्र जल से गर्भगृह को धोया गया। इसके बाद वास्तु शांति और अन्नाधिवास अनुष्ठान हुआ। इस अनुष्ठान के तहत विग्रह को गेहूँ और धान आदि अन्न के भंडार में ढ़ँककर मंत्रोचारण किया गया। वहीं, अनुष्ठान के तहत अयोध्या में 1008 हवन कुंडों में लगातार यज्ञ चल रहा है। इसमें 1008 पुरोहित और 5000 से ज्यादा यजमान प्राण प्रतिष्ठा से पहले हवन और पूजन कर रहे हैं। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी 1008 कुंडीय महाय़ज्ञ में शुक्रवार को शामिल हुए थे।

अयोध्या के भव्य मंदिर में राम लला को प्राण प्रतिष्ठित करने वाले सभी अनुष्ठान लगातार जारी हैं। सप्ताह भर के कार्यक्रमों में पहले दिन 16 जनवरी 2024 को पहले दिन प्रायश्चित और कर्मकूटि पूजन अनुष्ठान किए गए थे। इसके अगले दिन 17 जनवरी 2024 को रामलला का परिसर प्रवेश कराया गया था। वहीं, 18 जनवरी को रामलला का तीर्थ पूजन, जल यात्रा, जलाधिवास और गंधाधिवास कराया गया था।

इसके बाद 19 जनवरी की सुबह रामलला का औषधाधिवास, केसराधिवास और घृताधिवास कराया गया था, जबकि सायं काल धान्याधिवास कराया गया। 20 जनवरी 2024 को शर्कराधिवास, फलाधिवास और पुष्पाधिवास कराया गया। राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा से एक दिन पहले यानी 21 जनवरी को मध्यधिवास और शय्याधिवास कराया जाएगा।

रविवार 21 जनवरी के अनुष्ठान में रामलला के विग्रह में नख से शिखा तक शक्ति का संचार करने के लिए मंत्रोचारण किया जाएगा। इसके बाद श्री विग्रह का महाभिषेक किया जाएगा और 22 जनवरी 2024 (सोमवार) को भव्य मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। ये अनुष्ठान दोपहर 12 बजकर 20 मिनट पर शुरू होगा, जिसमें सोने की सिलासा से भगवान के नयन खोले जाएँगे।

इससे पहले, शनिवार (19 जनवरी 2024) को रामलला की मूर्ति की पहली झलक मिली थी। वहीं, रामलला की नई मूर्ति के गर्भग्रह में स्थापित होने से पहले पहले भगवान की एक छोटी मूर्ति को पालकी में विराजित करके मंदिर परिसर का भ्रमण कराया गया। शुरू में प्लान किया गया था कि इस मूर्ति को नगर भ्रमण करवाया जाएगा मगर फिर सुरक्षा व्यवस्था के चलते उस कार्यक्रम को रद्द किया गया और रामलला को मंदिर में घुमाकर उनके दर्शन हुए।

श्रीराम जन्मभूमि पथ पर लगभग 5 फीट की अगरबत्तियाँ लगाई गई हैं। ये अगरबत्तियाँ 11 घंटे तक वातावरण को सुगंधित रखती हैं। इन्हें हर 11 घंटे पर ITC द्वारा बदल दिया जाता है। अगरबत्तियों पर राम जन्मभूमि ट्रस्ट का लोगो भी लगा है। आईटीसी ने इसे सुगंध कॉरिडोर का भी नाम दिया है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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