दिल्ली के जंतर-मंतर पर जारी पहलवानों के धरने में पहले राजनीतिक घुसपैठ हुई। अब एक वीडियो वायरल हो रहा है जिससे पता चलता है कि ‘आजादी गैंग’ भी इनके बीच घुस चुका है। गुरुवार (4 मई 2023) को यहाँ पीएम मोदी, आरएसएस, ब्राह्मण विरोधी नारे सुनाई पड़े। जब एक पत्रकार ने इसको लेकर सवाल किया तो उसके साथ धक्का-मुक्की हुई। उसे बृज भूषण शरण सिंह का प्रवक्ता, गोदी मीडिया बताकर चुप कराने की कोशिश की गई। आखिर में पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा और वह पत्रकार को भीड़ से बचाकर ले गई।
वीडियो में आप देख सकते हैं कि खुद को दिल्ली यूनिवर्सिटी की छात्रा बताने वाली हिजाब पहनी एक लड़की के नेतृत्व में कुछ लोग आजादी के नारे लगा रहे हैं। इन नारों में मनुवाद से आजादी, आरएसएस से आजादी, ब्राह्मणवाद से आजादी, मोदी सरकार से आजादी वगैरह शामिल थे। इतना ही नहीं कथित मॉब लिंचिंग के शिकार हुए अखलाक और जुनैद के नाम भी नारेबाजी के दौरान सुनाई पड़े। इसके अलावा आप वीडियो में मजहबी और जातिवादी नारे भी सुन सकते हैं।
इन नारों को लेकर जब O News Hindi के पत्रकार प्रभात रंजन मिश्रा ने सवाल किया कि पहलवानों के धरने में इस तरह के नारों का क्या मतलब है तो वहाँ मौजूद लोगों ने उन्हें चुप कराने की कोशिश की। गोदी मीडिया कहकर उनका विरोध किया गया। उन्हें बृज भूषण शरण सिंह का प्रवक्ता बताया गया। उन पर आग लगाने का आरोप लगाया गया। वीडियो में उग्र भीड़ को उनके साथ धक्का-मुक्की करते और पुलिस को उन्हें बचाकर ले जाते हुए आप देख सकते हैं। इस दौरान नारेबाजी करने वाले प्रदर्शनकारी मानते हैं कि वे पहलवानों के समर्थन में जंतर-मंतर पर आए हैं। आश्चर्यजनक है कि वीडियो वायरल होने और सोशल मीडिया में इस संबंध में लगातार सवालों के बावजूद खबर लिखे जाने तक इस तरह के नारों पर बजरंग पुनिया, विनेश फोगाट या साक्षी मलिक जैसे पहलवानों का, जो इस धरना का चेहरा बने हुए हैं का जवाब नहीं आया है।
इससे पहले पहलवानों के धरनास्थल पर ‘मोदी तेरी कब्र खुदेगी, आज नहीं तो कल खुदेगी‘ के नारे भी सुनाई पड़ चुके हैं। भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष पीटी उषा के साथ पहलवानों के समर्थक बदतमीजी कर चुके हैं। उल्लेखनीय है कि इन पहलवानों ने भारतीय कुश्ती संघ के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह (WFI Chief Brij Bhushan Sharan Singh) पर यौन शोषण का आरोप लगाते हुए धरना शुरू किया था। इस संबंध में दिल्ली पुलिस एफआईआर भी दर्ज कर चुकी है। लेकिन धरनारत पहलवानों का कहना है कि जब तक बृजभूषण सिंह की गिरफ्तारी नहीं होती, वे नहीं उठेंगे। इस बीच 4 अप्रैल 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने यह कहते हुए पहलवानों का केस बंद कर दिया था कि उनकी माँग एफआईआर और सुरक्षा की थी जो अब पूरी हो चुकी है। आगे किसी भी प्रकार की शिकायत या माँग के लिए सुप्रीम कोर्ट ने प्रदर्शनकारी पहलवानों को स्थानीय मजिस्ट्रेट के समक्ष जाने की सलाह भी दी है।