भड़काऊ भाषण के मामले में अदालत ने समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान को दोषी करार देते हुए 2 साल जेल की सज़ा सुनाई है। इसके बाद वो फिर से जेल जा सकते हैं। आजम खान पर कई मामले चल रहे हैं, जिस कारण उनका विधायक का पद भी चला गया था और रामपुर में उपचुनाव हुए थे। वो फ़िलहाल जमानत पर बाहर हैं। रामपुर की MP-MLA कोर्ट ने उन्हें ये सज़ा सुनाई है। ये मामला 2019 लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान शहजाद नगर का है।
तब चुनावी भाषण में उन्होंने भड़काऊ बयान दिया था, जिसके बाद तत्कालीन वीडियो निगरानी टीम प्रभारी (ADO) अनिल कुमार चौहान ने उनके खिलाफ FIR दर्ज कराई थी। सोशल मीडिया पर भी उनका ये भाषण वायरल हुआ था। उन्होंने न सिर्फ तत्कालीन जिलाधिकारी व अन्य अधिकारियों के लिए, बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिए भी आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया था। अक्टूबर 2022 में भी हेट स्पीच के एक अलग मामले में उन्हें सज़ा हो चुकी है।
हालाँकि, बाद में सेशन कोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया था। 2019 का लोकसभा चुनाव सपा और बसपा ने साथ मिल कर लड़ा था। आजम खान को रामपुर से प्रत्याशी बनाया गया था। रामपुर के भाजपा विधायक ने आजम खान को सज़ा सुनाए जाने की खबर पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “यह तो होना ही था। हमने हमेशा सत्य का साथ दिया हैं। मुझे विश्वास था कि सत्य की जीत होगी। अब इस फैसले के बाद आजम खान की जुबान पर ताला लगेगा।”
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— Times Now Navbharat (@TNNavbharat) July 15, 2023
हाल ही में आजम खान को सपा प्रमुख अखिलेश यादव के साथ आम की दावत उड़ाते हुए देखा गया था। साथ में एक अन्य मुस्लिम सांसद शफीकुर्रहमान बर्क भी थे। वो भी उलूल-जलूल बयानों के कारण चर्चा में रहते हैं। ये सभी नेता मलिहाबाद में ‘मैंगो मैन’ कहे जाने वाले कलीमुल्लाह खान के घर पहुँचे थे। इस दौरान अखिलेश यादव ने कई आरोप लगाते हुए भाजपा सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कोरोना से लेकर किसानों तक के मुद्दे पर सरकार विरोधी बयान दिए।