Sunday, November 17, 2024
Homeदेश-समाजअब नहीं होगा ‘पाकिस्तानी फूड फेस्टिवल’: बजरंग दल के विरोध के बाद आयोजक ने...

अब नहीं होगा ‘पाकिस्तानी फूड फेस्टिवल’: बजरंग दल के विरोध के बाद आयोजक ने माँगी माफी, बदला नाम

सूरत शहर में लगा यह बैनर उस समय सोशल मीडिया पर चर्चा में आया जब कॉन्ग्रेस पार्षद असलम साइकलवाला ने इसकी वीडियो अपने फेसबुक पर साझा की।

गुजरात के सूरत में सोमवार (13 दिसंबर 2021) को एक नामी रेस्टोरेंट में ‘पाकिस्तानी फूड फेस्टिवल’ नाम से होने वाले आयोजन को बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने रद्द करवा दिया। इस दौरान फेस्टिवल के बैनर को फाड़ा गया, उन्हें जलाया गया और आक्रोश तब तक बना रहा जब तक टेस्ट ऑफ इंडिया के मालिक संदीप डावर ने हिंदू संगठनों से माफी नहीं माँगी।

इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, सूरत में कई रेस्टोरेंट चलाने वाले संदीप डावर ने हिंदू संगठनों से माफी माँगी और बताया कि उन्होंने पाकिस्तानी फूड फेस्टिवल को सीफूड फेस्टिवल से रिप्लेस कर दिया है। कुछ रिपोर्ट के अनुसार, वह अब पाकिस्तानी शब्द का इस्तेमाल न करके मुगलई शब्द से खाना बेचेंगे।

बता दें कि सूरत शहर में लगा यह बैनर उस समय सोशल मीडिया पर चर्चा में आया जब कॉन्ग्रेस पार्षद असलम साइकलवाला ने इसकी वीडियो अपने फेसबुक पर साझा की। इस वीडियो को वायरल होने में थोड़ी देर भी नहीं लगी और दोपहर तक वहाँ बजरंग तक के कार्यकर्ता पहुँच गए।

वहाँ पता चला कि रेस्टोरेंट में पाकिस्तानी फूड फेस्टिवल का कार्यक्रम 12-22 दिसंबर तक चलने वाला है। इसके बाद संगठन के सभी लोगों ने ‘जय श्रीराम’ और ‘हर-हर महादेव’ के नारों के बीच इमारत की छत पर जाकर उस होर्डिंग को उतार दिया और पब्लिक के सामने ही उसमें आग लगा दी गई।

बजरंग दल नेता देवी प्रसाद दुबे ने कहा कि ऐसे फेस्टिवल बिलकुल बर्दाश्त नहीं किए जाएँगे। वह बोले, “हमें होर्डिंग के बारे में सोशल मीडिया से पता चला जिसके बाद हमने दक्षिण गुजरात के संयोजक दिनेश नवादिया से अनुमति ली। बाद में हम मौके पर गए और होर्डिंग को नीचे उतारा। हमने मालिक डावर को भी बुलाया। उससे पूछा कि उसने ऐसा फूड फेस्टिवल क्यों आयोजित किया है। उन्होंने माफी माँगी। हमने उनसे यह भी कहा कि 12 से 22 दिसंबर के बीच हम अपने वॉलंटियर्स को गुपचुप तरीके से भेजेंगे। अगर पाकिस्तानी खाना परोसा जाता है, तो वह इसके परिणामों के लिए जिम्मेदार होगा।”

दुबे के अनुसार रेस्टोरेंट मालिक ने पहले इस फूड फेस्टिवल कार्यक्रम को जायज ठहराने की कोशिश की। उन्होंने कहा, “हम अपने रेस्तरां में राज्यों और देश के अनुसार अलग-अलग फूड फेस्टिवल आयोजित करते हैं। हम पाकिस्तान के खिलाफ नहीं हैं लेकिन हम उनकी राजनीतिक व्यवस्था के खिलाफ हैं जो भारत के खिलाफ है। दुनिया में हर जगह खाना आम है। हमने किसी पाकिस्तानी रसोइये को आमंत्रित नहीं किया है, लेकिन हमारे स्टाफ ने ऑनलाइन वीडियो के माध्यम से भोजन प्रेमियों के लिए एक मेनू तैयार किया था। हमने पाकिस्तानी फूड फेस्टिवल को रद्द कर दिया है और इसके स्थान पर सीफूड फेस्टिवल में बदल दिया है।”

वहीं असलम साइकलवाला ने इस मामले में राजनीति करते हुए कहा, “आखिर घटना के संबंध में केस क्यों नहीं किया गया। ऐसे आयोजन कैसे हो सकते हैं। हम चाहते हैं कि रेस्टोरेंट वाले का लाइसेंस कैंसिल हो। पुलिस एक्शन ले। हालाँकि डावर के विरुद्ध कोई एक्शन नहीं लिया गया है। ये मालिक भाजपा नेता का करीबी है। अगर यही आयोजन किसी ऐसे रेस्टोरेंट में होता जहाँ का मालिम मुस्लिम होता, तो क्या परिणाम यही होते।”

एक ओर जहाँ असलम ने इस मामले में पुलिस शिकायत की माँग की है। वहीं बजरंग दल का कहना है कि वो अपने नेताओं की प्रतिक्रिया का इंतजार कर रहे हैं। अगर उनकी ओर से हरी झंडी मिलती है तो केस दर्ज किया जाएगा। पूरे विवाद पर ‘टेस्ट ऑफ इंडिया’ का संचालन करने वाले ‘शुगर एंड स्पाइस रेस्टोरेंट्स’ के संदीप डावर ने कहा कि वे मुगलई व्यंजन परोसना जारी रखेंगे। बस कार्यक्रम से ‘पाकिस्तानी’ शब्द हटा देंगे क्योंकि इससे कुछ लोगों की भावनाएँ आहत होती हैं। 

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

महाराष्ट्र में महायुति सरकार लाने की होड़, मुख्यमंत्री बनने की रेस नहीं: एकनाथ शिंदे, बाला साहेब को ‘हिंदू हृदय सम्राट’ कहने का राहुल गाँधी...

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने साफ कहा, "हमारी कोई लड़ाई, कोई रेस नहीं है। ये रेस एमवीए में है। हमारे यहाँ पूरी टीम काम कर रही महायुति की सरकार लाने के लिए।"

महाराष्ट्र में चुनाव देख PM मोदी की चुनौती से डरा ‘बच्चा’, पुण्यतिथि पर बाला साहेब ठाकरे को किया याद; लेकिन तारीफ के दो शब्द...

पीएम की चुनौती के बाद ही राहुल गाँधी का बाला साहेब को श्रद्धांजलि देने का ट्वीट आया। हालाँकि देखने वाली बात ये है इतनी बड़ी शख्सियत के लिए राहुल गाँधी अपने ट्वीट में कहीं भी दो लाइन प्रशंसा की नहीं लिख पाए।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -