गुजरात के सूरत में एक ऐसा बांग्लादेशी घुसपैठिया पकड़ा गया है, जो भारत में फर्जी भारतीय आईडेंटिटी लेकर आराम से जिंदगी काट रहा था। आरोपित का नाम मीनार हेमायत है। मीनार हेमायत को सूरत एसओजी ने गिरफ्तार किया है। वो शुवो सुनील दास नाम के फर्जी हिंदू पहचान के साथ रह रहा था और उसी नाम से उसके पास सारे फर्जी कागजात भी मिले हैं। इन कागजातों के दम पर वो 2 साल कतर की राजधानी दोहा में नौकरी कर चुका है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मीनार हेमायत बांग्लादेशी मुस्लिम है। उसे सूरत के ऊना इलाके से गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने शुवो सुनील दास के नाम से हिंदू पहचान के कई जाली दस्तावेज बरामद किए। आरोपी के पास से जन्म प्रमाण पत्र, स्कूल प्रवेश और छोड़ने के प्रमाण पत्र, बांग्लादेशी राष्ट्रीय पहचान पत्र और अन्य दस्तावेज सहित कई बांग्लादेशी दस्तावेज भी बरामद किए गए। भारतीय दस्तावेजों में पश्चिम बंगाल से स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट, आधार कार्ड, कतर के लिए रेजिडेंट परमिट कार्ड, भारतीय पासपोर्ट और घर का रेंट एग्रीमेंट भी शामिल है।
સુરતમાં હિન્દુ નામ ધારણ કરીને ફરતો બાંગ્લાદેશી નાગરીક પકડાયો; બનાવ્યા હતા નકલી આધારકાર્ડ, પાસપોર્ટ#Surat #Gujarat #News #Bangladesh pic.twitter.com/XXqjB8ipY8
— Zee 24 Kalak (@Zee24Kalak) June 22, 2024
रिपोर्ट्स के मुताबिक, हेमायत 2020 में पश्चिम बंगाल में सतखीरा सीमा के रास्ते बांग्लादेश से भारत आया था। उसे ममता बनर्जी की टीएमसी शासित पश्चिम बंगाल के नादिया जिले में हिंदू पहचान के तहत जाली दस्तावेज़ मिले। जाली दस्तावेज़ों का इस्तेमाल करके उसने भारतीय पासपोर्ट हासिल किया और 2021 से 2023 तक कतर के दोहा में काम किया। इसके बाद वह कंस्ट्रक्शन कंपनी में काम करने के लिए सूरत चला गया।
बता दें कि हाल ही में महाराष्ट्र एटीएस ने भारत में कई बांग्लादेशियों को पकड़ा है, जिसमें खुलासा हुआ है कि उनमें से कुछ ने हाल ही में हुए लोकसभा चुनावों में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर मतदान भी किया था। जाँच में पता चला कि इन बांग्लादेशी घुसपैठियों ने गुजरात से अपने फर्जी पासपोर्ट बनवाए और उनका इस्तेमाल विदेश में नौकरी पाने के लिए किया। कुछ लोग जाली भारतीय दस्तावेजों का इस्तेमाल करके सऊदी अरब गए थे।
इन गिरफ्तारियों ने भारत के अलग-अलग हिस्सों में फर्जी पहचान के साथ रह रहे बांग्लादेशी घुसपैठियों की गंभीर चिंता को उजागर किया है। इस मामले में सरकार को और भी कड़े कदम उठाने की जरूरत है, क्योंकि ये राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा साबित हो सकता है।