राजस्थान के अलवर जिले में एक दलित युवक को इस कदर पीटा गया कि दिल्ली में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। युवक का कसूर केवल इतना था कि उसके बाइक से एक मुस्लिम महिला को टक्कर लग गई थी।
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक झिवाना गाँव निवासी हरीश जाटव मंगलवार (जुलाई 16, 2019) को अलवर जिले के चौपांकी थाना इलाके में फसला गाँव से गुजर रहा था। इसी दौरान उसकी बाइक से हकीमन नाम की महिला को टक्कर लग गई।
कथित तौर पर हादसे के बाद मौके पर मौजूद भीड़ ने हरीश की पिटाई शुरू कर दी। गंभीर हालत में उसे स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहाँ से उसे दिल्ली रेफर कर दिया गया। सफदरजंग अस्पताल में इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया। पोस्टमॉर्टम के बाद शुक्रवार (जुलाई 19, 2019) को शव परिवार वालों को सौंपा गया।
Mob Lynching: राजस्थान के अलवर में फिर भीड़ हुई बेकाबू, युवक की पीट-पीटकर हत्याhttps://t.co/CQXmMFYY85#MobLynching #Alwar
— Dainik jagran (@JagranNews) July 19, 2019
टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के अनुसार घटना की सूचना मिलने पर पुलिस जब भिवाड़ी चोपांकी रोड पहुँची तो हकीमन और हरीश सड़क पर पड़े मिले। हकीमन को उसके घरवाले अस्पताल लेकर गए, जबकि हरीश को पुलिस ने हॉस्पिटल पहुँचाया। साथ ही उसके घरवालों को भी इस घटना की खबर दी। पुलिस ने बताया कि हरीश ट्रक ड्राइवर था। परिवार में उसकी पत्नी और चार बेटियों के अलावा पिता हैं जो देखने में समर्थ नहीं हैं।
हरीश की मौत के बाद उसके गाँव के भिवाड़ी सर्किल में पुलिस अलर्ट पर है। दोनों पक्षों की तरफ़ से गुरुवार (जुलाई 18, 2019) को बाइक से टक्कर और युवक की पिटाई को लेकर मामला दर्ज करवाया गया।
जाटव के परिजनों का कहना है कि उमर शेर नाम के शख्स ने हरीश को मार-मार के अधमरा कर दिया। आईपीसी की धारा 323, 343 और एससी/एसटी के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। वहीं, हकीमन के पति जमालुद्दीन ने भी आईपीसी धारा 279 के तहत एफआईआर करवाई है। उसने आरोप लगाया है कि बाइक चलाते वक़्त हरीश शराब के नशे में था। पुलिस ने बताया कि मामले की जाँच की जा रही है। कुछ रिपोर्टों में हरीश को मॉब लिंचिंग का शिकार बताया गया है, जिससे पुलिस ने इनकार किया है।