कर्नाटक के हसन जिले के अर्सिकेरे नगर में मटन की जगह बीफ बेचने का काम न जाने कितने दिनों से जोरों पर था। मामले का खुलासा होने के बाद पुलिस ने इस संबंध में अब 3 लोगों को गिरफ्तार किया है। तीनों की पहचान शहबाज, अफरोज और रहमान के तौर पर हुई है। इन पर आरोप है कि ये तीनों अर्सिकेरे में अपने मटन स्टॉल पर बीफ बेचते थे।
इन तीनों को पुलिस ने अपने ऑपरेशन के दौरान गिरफ्तार किया। इसके अलावा पुलिस ने इस मामले में कसाईखाने के मालिकों के ऊपर कर्नाटक गौहत्या और मवेशी हत्या रोकथाम अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एक एनजीओ के संज्ञान में आने के बाद इस केस का खुलासा हुआ। साथ ही कई गौवंशों को अवैध कसाईखाने से निकाला जा सका।
बेंगलुरु मिरर के अनुसार, गौ ज्ञान फाउंडेशन की कार्यकर्ता नंदिनी मटियानी बताती हैं कि उन्हें शुक्रवार को इस बारे में सूचना मिली कि अर्सिकेरे नगर के टिप्पू रोड में कई अवैध बूचड़खाने चल रहे हैं, जहाँ सैकड़ों की तादाद में गायों को काटा जाता है और फिर उसे मटन के नाम पर बेच दिया जाता है।
इसकी जानकारी मिलते ही नंदिनी संगठन के 4 सदस्यों के साथ अर्सिकेरे के टिप्पू सड़क पर स्थित मटन बाजार गईं। इस दौरान उनके साथ पुलिस भी थी। वहाँ जाकर संगठन ने कुछ दुकानदारों को रंगे हाथ पकड़ा लेकिन कुछ लोग अपनी दुकाने बंद करके भागने में सफल हो गए।
कसाईखाने के स्थिति के बारे में बात करते हुए नंदिनी कहती है, “वहाँ बहुत गंदगी थी। हमें गायों के सिर और पैर एक कोने में पड़े मिले। कुछ बछड़े भी थे। बावजूद ऐसे सख्त नियम के कि आप एक जानवर को दूसरे जानवर के सामने नहीं मार सकते, फिर भी वहाँ एक छोर पर मृत गाये थीं और दूसरी तरफ बछड़े रो रहे थे। वहाँ हमें एक पूरा कमरा शवों व हड्डियों से भी भरा मिला।”
अपनी इस रेड में गौ ज्ञान फाउंडेशन के लोगों को कटे जानवरों की हड्डियाँ और उनके शव भी इलाके में खुले पड़े मिले। एक अन्य कार्यकर्ता रूमा जे के मुताबिक, इस रेड में उन्होंने 6 बछड़ों और 7 गायों को रेस्क्यू किया और उन्हें मांड्या के उस आश्रयगृह में भेज दिया, जहाँ पहले से ही 1300 गायों को बचाकर रखा गया है।
बता दें कि संगठन ने अब इस मामले के संबंध में अर्सिकेरे टाउन पुलिस को शिकायत दर्ज करवा दी है। पुलिस ने उपयुक्त प्रावधान Karnataka Prevention of Cow Slaughter and Cattle Prevention Act के तहत मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस का कहना है कि इस ऑपरेशन के दौरान उन्होंने तीन लोगों को गिरफ्तार किया। इनकी पहचान शहबाज, अफरोज और रहमान के रूप में हुई।