पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में भारतीय जनता पार्टी के नेता सुवेंदु अधिकारी को पीड़ितों से मिल उनका हाल जानने की अनुमति मिलने के बाद सोशल मीडिया पर एक नया बवाल सामने आया। बंगाल पुलिस ने एक वीडियो शेयर किया और दावा किया कि सुवेंदु अधिकारी ने उनके सिख पुलिस अधिकारी को ‘खालिस्तानी’ कहा जो कि किसी कीमत पर स्वीकार्य नहीं है।
अजीब बात ये है कि पुलिस ने अपने ट्वीट के नीचे आए रिप्लाई को हाइड किया हुआ है जिससे पता नहीं चल पा रहा कि जनता का इस पर क्या रिएक्शन है। हालाँकि उनके इस ट्वीट के बाद सुवेंदु अधिकारी की प्रतिक्रिया आई है। उन्होंने कहा है कि बंगाल पुलिस जो इल्जाम लगा रही है वो साबित करे वरना वो लीगल एक्शन लेंगे।
बंगाल पुलिस ने शेयर की वीडियो
बंगाल पुलिस ने अपने लिखा था- “इस घटना क्रम से नाराज हम, पश्चिम बंगाल पुलिस बिरादरी, इस वीडियो को साझा कर रहे हैं जिसमें हमारे ही एक अधिकारी को राज्य के विपक्ष के नेता द्वारा ‘खालिस्तानी’ कहा गया। उनका ‘दोष’ यह है कि वह एक गौरवान्वित सिख हैं और एक सक्षम पुलिस अधिकारी भी हैं जो कानून लागू करने की कोशिश कर रहे थे।”
This comment is as much malicious and racial as it is communally inciting. It is a criminal act. We unequivocally condemn the unprovoked, unacceptable attack on an individual’s religious identity and beliefs aimed to incite people to take to violence and break the law… (2/3)
— West Bengal Police (@WBPolice) February 20, 2024
पुलिस ने लिखा, “यह टिप्पणी जितनी दुर्भावनापूर्ण और नस्लीय है, उतनी ही सांप्रदायिक रूप से भड़काने वाली भी है। यह एक आपराधिक कृत्य है। हम स्पष्ट रूप से किसी व्यक्ति की धार्मिक पहचान और विश्वास पर अकारण, अस्वीकार्य हमले की निंदा करते हैं जिसका उद्देश्य लोगों को हिंसा करने और कानून तोड़ने के लिए उकसाना है। हम इस मामले में कड़ी कार्रवाई करेंगे।”
क्या है वीडियो में
वीडियो में एक सिख पुलिसकर्मी दिखाई दे रहे हैं, जिनका नाम जसप्रीत सिंह है। वह बंगाल पुलिस में एएएसपी के पद पर तैनात हैं। वीडियो में दिखता है कि संदेशखाली के रास्ते में कुछ लोग पुलिस से भिड़ रहे हैं। इस बीच एक आवाज आती है- ये एक खालिस्तानी है।
अब इस क्लिप से ये स्पष्ट नहीं है कि खालिस्तानी बोला किसने, लेकिन वीडियो की अगली क्लिप में उन्हें एक भाजपा महिला नेता से पूछते देखा जा सकता है कि आखिर कैसे उन्हें खालिस्तानी कहा गया, उनके धर्म पर बात उठाई गई। वह कहते हैं- “सिर्फ इसलिए कि मैंने पगड़ी पहनी है, आप लोग मुझे खालिस्तानी कह रहे हैं? क्या आपने यही सीखा है? यदि कोई पुलिस अधिकारी पगड़ी पहनता है और अपना कर्तव्य ईमानदारी से निभाता है, तो वह आपके लिए खालिस्तानी बन जाता है? आपको शर्म आनी चाहिए।”
इस मामले पर भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी के साथ मौजूद भाजपा विधायक अग्निमित्रा पॉल ने कहा है कि ये खालिस्तानी शब्द उन लोगों ओर से बिलकुल नहीं बोला गया। वहीं सुवेंदु अधिकारी ने कहा है- “मैं बंगाल की एडीजी सुप्रतीम सरकार से कहूँगा कि वो या तो 24 घंटों के अंदर सारे आरोपों को साबित करें वरना वो उनके खिलाफ एक्शन लेंगे।”
আমি সুপ্রতিম সরকারকে বলবো ২৪ ঘন্টার মধ্যে আপনাকে অভিযোগ প্রমাণ করতে হবে না হলে আমি আপনার বিরুদ্ধে আইনি পদক্ষেপ নেব।
— BJP West Bengal (@BJP4Bengal) February 20, 2024
শ্রী @SuvenduWB , বিরোধী দলনেতা pic.twitter.com/9sipTu1SNA
वहीं मनजिंदर सिंह सिरसा ने भी कहा कि उन्होंने सुवेंदु अधिकारी से बात की है। उन्होंने कहा है कि उन्होने ऐसे शब्द नहीं कहे। सिरसा कहते हैं कि अधिकारी तो सिख समुदाय और समुदाय परंपरा का सम्मान करते हैं। सिखों को टीएमसी का राजनीतिक मोहरा नहीं बनाया जाएगा। मैं पश्चिम बंगाल पुलिस से फिर आग्रह करूँगा कि वह संदेशखाली के लुटेरों और बलात्कारियों को खोजने पर ध्यान केंद्रित करे।
Spoke to West Bengal LoP @SuvenduWB. He told me that he has NOT UTTERED the words being attributed to him. He has topmost regard for the Sikh community and the Sikh traditions.
— Manjinder Singh Sirsa (@mssirsa) February 20, 2024
Sikhs will not be made political pawns to TMC. I will again urge the WB Police to focus on finding… https://t.co/dYLIdaU7fl