बेंगलुरु के एक रिहायसी इलाके से एक 17 वर्षीय बांग्लादेशी लड़की को बचाया गया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक एक एनजीओ के सदस्यों को एक लड़की फुटपात पर सोती हुई मिली, जिसके पूरे शरीर पर चोट के निशान थे। एनजीओं के सदस्यों ने पहले तो लड़की को इलाके से सुरक्षित बाहर निकाला और चिल्ड्रन होम में भेज दिया। इसके बाद इसकी जानकारी पुलिस प्रशासन को दी गई।
बेंगलुरु मिरर की एक रिपोर्ट के अनुसार, नाबालिग लड़की ने बाद में खुलासा किया कि वह बांग्लादेश से है और उसे रोजगार देने के बहाने कुछ लोगों द्वारा भारत लाया गया था। इसके बाद पहले तो उसे कथित रूप से प्रताड़ित किया गया और उसे वेश्यावृत्ति के लिए मजबूर किया गया। नाबालिग लड़की द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर सिद्धपुरा पुलिस ने बेंगलुरु में रहने वाले 5 बांग्लादेशी घुसपैठियों को गिरफ्तार किया है। उनके नाम मोहम्मद मदीसा, किसलुमुल्ला, इमरान मुल्ला, उनकी पत्नी सती और बाजिदा हैं।
दरअसल लड़की को बचाने वाले एनजीओ के सदस्यों ने पुलिस अधिकारियों को बताया कि आरोपित पीड़ित नाबालिग लड़की को कुछ महीने पहले नौकरी दिलाने के बहाने बहला फुसला कर बेंगलुरू लाए थे। इसके बाद उसे कडुगोड़ी के एक घर में रखा गया, जहाँ पीड़िता को कथित रूप से प्रताड़ित किया गया और उसे वेश्यावृत्ति के लिए मजबूर किया गया। एनजीओ के सदस्यों के मुताबिक पीड़िता ने बताया कि जब भी वह इसका विरोध करती थी तभी बांग्लादेशी नागरिकों द्वारा उसके साथ मारपीट की जाती थी।
इसके बाद नाबालिग लड़की किसी तरह से कडुगोड़ी स्थित घर से भागने में सफल रही और रिहायसी इलाके में पहुँच गई थी। एनजीओ द्वारा की गई शिकायत के बाद पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए पाँच बांग्लादेशियों को गिरफ्तार कर लिया। साथ ही पुलिस ने आरोपितों के ख़िलाफ पॉक्सो, अपहरण, तस्करी और बलात्कार की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। इसके साथ ही पुलिस ने पाँचों को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।