बेंगलुरु पुलिस ने आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ कर इस्लामी चरमपंथी संगठन सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (SDPI) के 6 संदिग्धों को गिरफ्तार किया है। इन्होंने नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के समर्थन में 22 दिसंबर को निकली रैली में शामिल आरएसएस कार्यकर्ता की हत्या का प्रयास किया था। बताया जाता है कि इनके निशाने पर बीजेपी सांसद तेजस्वी सूर्या थे।
गिरफ्तार संदिग्धों की पहचान इरफान, सैयद अकबर, सैयद सिद्दीकी, अकबर बाशा, सनाउल्ला और सादिक अमीन उर्फ साउंड अमीन के तौर पर की गई है। ये सभी शहर के केजी हल्ली इलाके के रहने वाले हैं। बेंगलुरु के पुलिस कमिश्नर भास्कर राव ने बताया कि गिरफ्तार किए गए आतंकी बड़ी साजिश रच रहे थे। गिरफ्तार सभी लोग SDPI से ताल्लुक रखते हैं। ये लोग CAA के समर्थन में आयोजित रैली में अव्यवस्था फैलाना चाहते थे और जानेमाने हिन्दू नेता की हत्या करना चाहते थे। कमिश्नर ने बताया कि इन सभी को अपने आकाओं (हैंडलर) से एजेंडा पूरा करने के लिए हर महीने 10,000 रुपए मिलते थे। अब इस मामले की जाँच एंटी टेरर स्क्वॉयड को सौंप दी गई है।
Bhaskar Rao, Commissioner of Police, Bangalore:There were 6 people belonging to SDPI, who were here to carry out attacks on leaders supporting #CAA. These people were being paid Rs 10,000 from their handlers to create ruckus here. Now this will be handled by the Anti-Terror unit. pic.twitter.com/qa4zYMDH3J
— ANI (@ANI) January 17, 2020
बता दें कि इस्लामी चरमपंथी के इन आतंकी के निशाने पर बीजेपी सांसद तेजस्वी सूर्या और हिन्दू नेता थे। हालाँकि पुलिस की मुस्तैदी की वजह से वो इस वारदात को अंजाम न दे सके। पिछले दिनों टाउन हॉल में बेंगलुरु दक्षिण से सांसद तेजस्वी सूर्या और दक्षिणपंथी नेता चक्रवर्ती सुलीबेले की अध्यक्षता में CAA और NRC के समर्थन में रैली की गई थी।
My god. Bengaluru police just arrested six Islamic fundamentalists who, for mere Rs 10,000 each, plotted to kill @Tejasvi_Surya because of his pro-CAA stand. They came to kill him but couldn’t so nearly killed an RSS worker instead.
— Anand Ranganathan (@ARanganathan72) January 17, 2020
Tejasvi has been provided with one guard now. pic.twitter.com/w3kHS9cW51
एसडीपीआई के संदिग्ध चोरी की तीन बाइक से रैली स्थल पहुँचे थे। ये लोग रैली में मौजूद लोगों के बीच घुसकर हमला करना चाहते थे, लेकिन पुलिस बंदोबस्त के चलते ऐसा नहीं कर सके। इसके बाद ये लोग भीड़ पर पथराव कर भगदड़ की स्थिति उत्पन्न करना चाहते थे, ताकि भगदड़ के दौरान आसानी से हत्या कर सकें। हालाँकि इनके पत्थर अपना निशाना चूक गए।
उन्होंने सम्मेलन में प्रमुख हिंदू नेता की हत्या करने के इरादे से एक आपराधिक साजिश रची और योजना बनाई थी। इन अभियुक्तों ने भी रैली में भाग लिया था और चूँकि पुलिस सुरक्षा कड़ी थी, इसलिए रैली के प्रमुख वक्ता और भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या को मारने की उनकी योजना विफल हो गई। इसके बाद उन्होंने कम से कम एक हिंदू कार्यकर्ता को मारने का फैसला किया और आरएसएस कार्यकर्ता वरुण पर हमला किया।
पुलिस ने बताया कि ये घटना कलसिपालिया में कुंभारगुंडी रोड के पास हुई। हमलावर दो बाइक पर थे। उन लोगों ने हत्या करने के इरादे से वरुण को बेरहमी से मारा। जख्मी वरुण के सिर, गर्दन और पीठ पर गंभीर चोटें आई। हालाँकि सही समय पर पुलिस और राहगीरों की मदद से अस्पताल पहुँचने की वजह से उनकी जान बच गई।
आरोपितों ने इस वारदात को गहरी साजिश के साथ अंजाम दिया था। इसके लिए उन्होंने पुख्ता इंतजाम किए थे। पहचान छुपाने के लिए हेलमेट पहन रखा था और एक के ऊपर एक करके लगभग 2-3 टी-शर्ट पहनी हुई थी। इन्होंने पास में मोबाइल फोन भी नहीं रखा था। मोबाइल फोन को घर पर ही छोड़ दिया था। इतना ही नहीं, इन्होंने अपने गाड़ियों की नंबर प्लेटों पर काली कालिख पोत दी थी, ताकि गाड़ी के नंबर का पता न चल सके।
आपराधिक वारदात को अंजाम देने के बाद उन्होंने पहनी हुई शर्ट को उतार दिया और बीच रास्ते में ही पेट्रोल डालकर उसे जला दिया। उन्होंने एंकल्याप के पास के एक झील में हथियार फेंक दिए और राममूर्तिनगर के पास एक तालाब में अपने हेलमेट उतार कर फेंक दिए। पुलिस ने बताया कि उन्होंने अपने जूते नाले में फेंक दिए थे और अपनी गाड़ियाँ भी छुपा दी थी। कमिश्नर भास्कर राव ने बताया कि गिरफ्तार किए गए लोगों के अंदर कट्टरपंथी सोच भरी गई और उनका काम अन्य कैडर की भर्ती करना, उन्हें प्रशिक्षण देना तथा कट्टर सोच भरना था ताकि वे शहर में तबाही फैलाने के लिए जाने-माने लोगों की हत्या कर सकें।
इस मामले में सांसद तेजस्वी सूर्या ने कहा, “SDPI एक संगठन है, जिसे अभी तक प्रतिबंधित नहीं किया गया है। अब यह संगठन इसलिए खतरनाक हो चुका है, क्योंकि तत्कालीन मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने इसके सदस्यों के खिलाफ मामले वापस ले लिए थे।” उन्होंने 6 SDPI सदस्यों की गिरफ्तारी को ऊँट के मुँह में जीरे की तरह बताया और कहा कि वह SDPI की गतिविधियों की जानकारी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह तक पहुँचाएँगे।
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