Sunday, November 17, 2024
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SDPI ने दंगों के लिए पुलिस को ठहराया दोषी: पोस्ट करने वाले के खिलाफ कार्रवाई की देरी ने कट्टरपंथी भीड़ को किया नाराज

एसडीपीआई के प्रदेश अध्यक्ष इलियास मुहम्मद थुम्बे ने बुधवार को दावा किया कि कथित तौर पर अपमानजनक टिप्पणी करने वाले व्यक्ति पर कार्रवाई करने में बेंगलुरु पुलिस की निष्क्रियता ने संप्रदाय विशेष के लोगों को नाराज कर दिया, जिसकी वजह से वो बेंगलुरु की सड़कों पर हिंसा करने के लिए विवश हुए।

कट्टरपंथी इस्लामिक संगठन सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (SDPI) द्वारा बेंगलुरु की सड़कों पर दंगे भड़काने के लिए संप्रदाय विशेष की हिंसक भीड़ का नेतृत्व करने के एक दिन बाद इस्लामी संगठन ने भयावह दंगों के लिए बेंगलुरु पुलिस को दोषी ठहराया है। इस दंगे में तीन लोग मारे गए हैं और 60 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। 

सुवर्ण न्यूज के मुताबिक, एसडीपीआई के प्रदेश अध्यक्ष इलियास मुहम्मद थुम्बे ने बुधवार (अगस्त 12, 2020) को दावा किया कि कथित तौर पर अपमानजनक टिप्पणी करने वाले व्यक्ति पर कार्रवाई करने में बेंगलुरु पुलिस की निष्क्रियता ने संप्रदाय विशेष के लोगों को नाराज कर दिया, जिसकी वजह से वो बेंगलुरु की सड़कों पर हिंसा करने के लिए विवश हुए।

बता दें कि एसडीपीआई के नेताओं के नेतृत्व में संप्रदाय विशेष की भीड़ ने दो पुलिस स्टेशनों और वाहनों को आग लगा दी। साथ ही उन्होंने स्थानीय कॉन्ग्रेस विधायक पर भी हमला किया। इलियास ने इनका बचाव करते हुए दावा किया कि संप्रदाय विशेष के एक समूह ने स्थानीय पुलिस से नवीन नाम के एक व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए संपर्क किया था। मगर पुलिस ने शिकायत पर कार्रवाई करने से पहले संप्रदाय विशेष के लोगों को दो घंटे तक इंतजार करवाया।

एसडीपीआई नेता ने दावा किया कि संप्रदाय विशेष की भीड़ पुलिस कार्रवाई में देरी से नाराज हो गई और स्थानीय विधायक के खिलाफ ‘विरोध’ करने के लिए सड़कों पर उतर आई। इलियास मुहम्मद थम्बे ने कहा, “बेंगलुरु पुलिस की अक्षमता और नवीन द्वारा की गई सांप्रदायिक पोस्ट पूरी घटना के लिए जिम्मेदार है।”

संप्रदाय विशेष के लोगों द्वारा की गई पत्थरबाज़ी और उसके बाद हुए दंगों में 60 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हो गए। स्टेशनों के सामने 2 डीसीपी की इनोवा गाड़ी सहित कम से कम 10 वाहन क्षतिग्रस्त हो गए। भीड़ ने केजी हल्ली पुलिस स्टेशन के सामने भी वाहनों को आग लगा दी।

पूर्व-नियोजित हमले के दौरान, संप्रदाय विशेष की भीड़, पेट्रोल बम और अन्य हथियार लेकर, पास के पुलिस क्वार्टर में भी घुस गए और परिसर में हमला किया। संप्रदाय विशेष की भीड़ को पुलिस स्टेशन के बाहर ‘अल्लाह-हो-अकबर’ और-नारा-ए-तकबीर’ जैसे इस्लामी नारे लगाते देखा गया। यह भी बताया जा रहा है कि कन्नड़ समाचार नेटवर्क सुवर्ण समाचार से संबंधित पत्रकारों और कैमरामैन पर भी अनियंत्रित भीड़ ने हमला किया।

बेंगलुरु दंगा के पीछे SDPI का हाथ

गौरतलब है कि बेंगलुरु पुलिस ने केजी हल्ली थाना क्षेत्र में दंगा भड़काने के आरोप में SDPI के नेता मुजम्मिल पाशा को गिरफ्तार किया है। बताया जा रहा है कि वो इन दंगों का मास्टरमाइंड है। इसके अलावा दो अन्य नेताओं के खिलाफ भी केस दर्ज किया गया है। दोनों फिलहाल फरार चल रहे हैं।

SDPI का नेता मुजम्मिल पाशा, नवीन नामक व्यक्ति के खिलाफ पैगम्बर मुहम्मद के बारे में अपमानजनक फेसबुक पोस्ट करने के आरोप में मामला दर्ज करवाने केजी हल्ली थाना पहुँचा था। फिर उसने भड़काऊ भाषण देते हुए पुलिस थाने के बाहर खड़ी संप्रदाय विशेष की भीड़ को सम्बोधित किया। इसके बाद वो कॉन्ग्रेस विधायक श्रीनिवास के आवास पर हिंसक भीड़ के साथ प्रदर्शन करने पहुँचा। 

इस दौरान मुजम्मिल पाशा के साथ SDPI के दो और नेता साथ थे जो लगातार लोगों को भड़का रहे थे। उसके सहयोगी नेताओं जफ़र और खलील ने संप्रदाय विशेष की भीड़ को पत्थरबाजी करने और थाने के बाहर गाड़ियों को आग के हवाले करने के लिए भड़काया था। जहाँ पुलिस मुजम्मिल पाशा को गिरफ्तार करने में कामयाब रही है, जबकि बाकी 2 नेता फरार हो गए। सीसीटीवी फुटेज से भी इस मामले में बड़ा खुलासा हुआ है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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