उद्योग-धंधों की कमी के कारण गरीबी की मार झेल रहे बिहार के लोगों के लिए एक खुशखबरी सामने आई है। बिहार के बांका में सोने का भंडार का पता चला है। इसको लेकर वैज्ञानिक सर्वेक्षण का काम कर रहे हैं। यह पिछले कुछ दिनों में यह दूसरी बार है, जब जिले के किसी अन्य गाँव में सोने का पता लगाने के लिए सर्वेक्षण का काम शुरू किया गया है।
भारतीय भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण (GSI) की टीम ने जिले के कटोरिया प्रखंड के अंतर्गत लकरामा पंचायत के करवाव गाँव में खुदाई की थी। इस खुदाई में सोने समेत कई अन्य खनिजों के मौजूद होने के बारे में जानकारी मिली थी। अब GSI द्वारा यहाँ लगातार सर्वे, खनन और अध्ययन किया जा रहा है।
अब बांका जिले के जयपुर थाना क्षेत्र के चंदे पट्टी गाँव में सुनहरे पत्थर के बारे में GSI को जानकारी मिली है। यहाँ सोने की खदान होने का अनुमान है। इसके बारे में GSI की टीम यहाँ पहुँचकर खुदाई का काम कर रही है। इसके साथ ही वैज्ञानिक यहाँ की स्थिति का अध्ययन किया जा रहा है।
गाँव के लोगों का कहना है कि GSI की टीम गाँव के अलग-अलग 6 स्थानों पर गड्ढे करके उसके नमूने ली है और उसकी टेस्टिंग के लिए लैब लेकर गई है। इसके बाद बोरिंग प्वाइंट से लगभग 2 किलोमीटर रेडियस के जमीन को प्रत्येक 20 फीट पर मशीन से जाँच की गई और छोटे-छोट खूंटे गाड़ कर मार्किंग की गई है।
कहा जा रहा है कि इसी जगह पर ब्रिटिश काल में भी खजिन का भंडार मिलने की संभावना जताई गई थी। स्थानीय लोगों का कहना है कि अंग्रेजी हुकूमत ने उस समय भी यहाँ खुदाई कराई थी। यहाँ मौजूद 8-9 बड़े-बड़े गड्ढे अंग्रेजी सरकार द्वारा खुदाई कराने की पुष्टि कर रहे हैं।
लगभग 6 महीने बाद GSI की टीम द्वारा एक बार फिर सक्रिय होने के बाद स्थानीय लोगों में खुशी का माहौल है। स्थानीय लोगों का कहना है कि पिछले कई दिनों से तीन हेलीकॉप्टर एक साथ जमीन से काफी करीब गांव के आसपास कई चक्कर काट रहे थे। करवार गाँव के बाद चंदे पट्टी गाँव में यह खुदाई शुरू की गई है।
बताते चलें कि इस साल मई में लकरामा पंचायत अंतर्गत करवार गाँव में जीएसआई ने 320 फीट तक खुदाई की थी। अत्याधुनिक मशीनों से खुदाई के बाद 30 बॉक्स पत्थर निकालकर जाँच के लिए भेजे गए थे। खुदाई में निकले पत्थरों के सैंपल में काला और सुनहरा पत्थर भी शामिल था। इतना ही नहीं, उससे सटे इलाकों से भी सैंपल लिए गए थे।
माना जा रहा है कि जिन जमीनों में खनिज संपदा निकालने का अनुमान है, उसे चिह्नित किया जा रहा है। एक अन्य अधिकारी ने बस इतना बताया कि अभी सिर्फ ऊपरी सर्वेक्षण का कार्य चल रहा है, लेकिन यह इलाका भारत का गौरव बनने वाला है।