बिहार में 7 महीने से फरार चल रहे IPS आदित्य कुमार ने आखिरकार मंगलवार (5 दिसंबर 2023) को कोर्ट में सरेंडर कर दिया। सरेंडर के बाद उन्हें बेउर जेल भेज दिया गया है। भारतीय पुलिस सेवा 2011 बैच के अधिकारी आदित्य पर 15 अक्टूबर 2022 को शराब माफियाओं के खिलाफ लापरवाही बरतने एक आरोप में FIR दर्ज हुई थी। अपने बचाव में आदित्य कुमार ने बिहार के तत्कालीन DGP को पटना हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के नाम से फर्जी कॉल भी करवाई थी।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आदित्य कुमार पर 15 अक्टूबर 2022 को आर्थिक अपराध ईकाई (EOW) ने FIR दर्ज करवाई थी। FIR में IPS आदित्य पर शराब माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया गया था। यह केस गया जिले के थाना फतेहपुर में दर्ज हुआ था। केस दर्ज होने के बाद शासन ने आदित्य कुमार को सस्पेंड कर दिया था। अपनी गिरफ्तारी की आशंका को देखते हुए आदित्य कुमार फरार हो गए।
इस बीच बिहार के तत्कालीन DGP एस के सिंघल को एक फोन आया। फोन करने वाले ने खुद को पटना हाईकोर्ट का चीफ जस्टिस बताया था। उसने DGP से कहा कि वो आदित्य कुमार के खिलाफ चल रही कार्रवाई बंद करवा दें। साथ ही कॉलर ने आदित्य कुमार को किसी बढ़िया जगह तैनाती देने के लिए भी कहा। DGP को शक हुआ तो उन्होंने नंबर की जाँच करवाई। जाँच में वो नंबर आदित्य कुमार के ही दोस्त अभिषेक अग्रवाल का निकला। इस मामले में भी केस दर्ज हुआ था। इसमें आदित्य और उसके दोस्त अभिषेक अग्रवाल को नामजद किया गया था।
IPS आदित्य कुमार ने किया सरेंडर, गया में शराब माफिया को संरक्षण का आरोप। pic.twitter.com/9WnsKUNRcU
— News18 Bihar (@News18Bihar) December 5, 2023
पुलिस ने कार्रवाई करते हुए आदित्य के दोस्त अभिषेक को गिरफ्तार कर लिया। हालाँकि खुद IPS आदित्य पुलिस के हत्थे नहीं चढ़े और फरार रहे। नवंबर 2023 को आदित्य कुमार ने गिरफ्तारी से बचने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। बिहार शासन से तलब की गई रिपोर्ट आने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने आदित्य कुमार की जमानत अर्जी खारिज कर दी। इसी के साथ सुप्रीम कोर्ट ने आदित्य को 2 हफ्तों में सरेंडर करने का आदेश दिया। 2 हफ्तों की समय सीमा बीत जाने के अंदर ही आखिरकार मंगलवार को आदित्य ने पटना की एक अदालत में सरेंडर कर दिया।