बिहार में इन दिनों पंचायत चुनाव चल रहे हैं। 29 नवंबर को नौवें चरण के तहत आने वाली सीटों पर वोट डाले गए। कुल 11 चरणों में चुनाव होना है। पहले चरण का मतदान 24 सितंबर को हुआ था, जबकि आखिरी चरण में 12 दिसंबर को वोट डलेंगे। लेकिन नौवें चरण के मतदान के दौरान मुंगेर के बूथ पर कुछ ऐसा हुआ कि लोगों के होश उड़ गए। कई लोगों ने शिकायत की कि वोट डालने के बाद उनके बैंक खाते से पैसे निकल गए। जब जाँच हुई तो पता चला कि वोटिंग में फर्जीवाड़ा रोकने वाली बॉयोमेट्रिक सिस्टम के पास जिसे तैनात किया गया था उसने ही इस फ्रॉड को अंजाम दिया।
जानकारी के मुताबिक मुंगेर जिले के सदर प्रखंड की नौवागढ़ी उत्तरी पंचायत के बूथ संख्या-145 पर वोट देने वाले कई मतदाताओं के वोट देते ही उनके खाते से पैसे उड़ गए। फिंगरप्रिंट देते ही बैंक से राशि निकल जाने की घटना सुबह से ही हो रही थी और मतदाताओं के मोबाइल पर मैसेज भी आ रहा था। लोगों की शिकायत पर सदर एसडीओ खुशबू गुप्ता मतदान केंद्र पहुँच कर मामले की पूरी जानकारी ली।
पीड़ित लोगों ने एसडीओ खुशबू गुप्ता को मोबाइल का मैसेज दिखाते हुए मतदान करने का समय भी बताया। एसडीओ ने संदेह के आधार पर फिंगरप्रिंट लेने वाले मतदानकर्मी रवि कुमार सिंह को हिरासत में लेकर मुफस्सिल थाने को सौंप दिया। आरोपित ग्रामीण बैंक का सीएसपी संचालक है। सदर एसडीओ ने कहा कि संदेह के आधार पर फिंगर प्रिंट लेने वाले मतदानकर्मी को गिरफ्तार कर लिया गया है। इस संबंध में पूरी तरह से जाँच एवं छानबीन की जाएगी। किस परिस्थिति में और किस तरह से मतदाताओं के बैंक खाता से राशि निकली है, यह जाँच के बाद ही पता चलेगा।
पीड़ितों ने कहा- दो बार लिया था फिंगर प्रिंट
पहली घटना लगभग 8:00 बजे सुबह के करीब घटी। किंतु, लोगों का ध्यान इस ओर देर से गया। जैसे ही लोगों को पता चला कि बैंक से राशि निकल गई है तो सभी पीड़ित बूथ पर जमा हो गए। पीड़ितों में अधिकांश महिलाएँ थीं और सभी का खाता नौवागढ़ी ग्रामीण बैंक में है। वहाँ मौजूद ग्रामीणों ने बताया कि निभा कुमारी के खाते से 5000 रुपए, उषा कुमारी के खाते से 4000 रुपए, मधु देवी के खाते से 10,000 रुपए, सोनी कुमारी के खाते से 10000 रुपए, अमृता प्रीतम के खाते से 5000 रुपए एवं जयराम चौधरी के खाते से 10,000 रुपए निकाले जाने का मैसेज इन लोगों के मोबाइल पर आया है।
सभी पीड़ितों ने बताया कि इस घटना से वे हैरान हैं। संदेह है कि इस बूथ पर लगभग एक सौ से अधिक लोगों के खाते से पैसा निकले गए हैं। पीड़ितों ने बताया कि फिंगर प्रिंट लेने वाले कर्मी ने उन लोगों से दो बार फिंगरप्रिंट लिया था।
मतदाताओं की राशि लौटाई जाएगी
SDM ने बताया, “जितने भी मतदाताओं के खाते से पैसे निकाले गए हैं, जाँच के बाद उनके पैसे उन्हें लौटाए जाएँगे। इस गिरोह में कई जिले के लोग भी शामिल हैं। प्रथम दृष्ट्या बांँका के लोग इसमें शामिल हैं। अब इस बात की जाँच की जाएगी कि इसने अब तक कितने लोगों के खाते से रुपए निकाले हैं? इसके और भी साथी इस काम में शामिल हैं? इनका पूरा नेटवर्क खँगाला जाएगा।”
सीधे-साधे मतदाता को करता था टारगेट
पुलिस हिरासत में आरोपित बॉयोमैट्रिक्स संचालक रवि कुमार ने अपना गुनाह कबूल कर लिया। उसने बताया कि वह सीधे-साधे मतदाता को ही अपना टारगेट बनाता था। निर्वाचन आयोग ने जो टैब दिया था, उसके अतिरिक्त वह अपना थम्ब मशीन (अँगूठा मशीन) लेकर भी गया था। एक बार वह मतदाता का थम्ब निर्वाचन आयोग की मशीन पर लेता था। दूसरी बार वह अपनी मशीन पर यह कहते हुए मतदाताओं का अँगूठा लगवाता था कि पहले वाले पर अँगूठा सही से नहीं लगा है। मतदाता जब अँगूठा देकर वोट डालने जाते थे, इतनी ही देर में वह एक विशेष एप के माध्यम से अपने या अपने परिचित के खाते में मतदाता के खाते से रुपयों को ट्रांसफर कर देता था।
एसडीओ खुशबू गुप्ता ने बताया, “हवेली खड़गपुर के रवि कुमार सिंह को हिरासत में लेकर मुफस्सिल थाना में पूछताछ की जा रही है। उसके पास से निर्वाचन आयोग के मशीन के अलावे एक दूसरी मशीन भी जब्त किया गया है। मतदाताओं को गुमराह कर खाते से निकासी कर रहा था। पूछताछ की जा रही है।”