बिहार पुलिस के अधिकारी अश्विनी कुमार का शव देख उनकी माँ ने भी दम तोड़ दिया। किशनगंज के SHO अश्विनी कुमार की पश्चिम बंगाल में पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में फिरोज आलम, अबुजर आलम और शहीनूर खातून की गिरफ्तारी हुई है। पूर्णिया क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक ने बंगाल में छापेमारी के दौरान अश्विनी कुमार को अकेला छोड़कर भागने वाले 7 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है।
Circle Inspector along with 6 other police officials, who had escaped from West Bengal’s Pantapara area, has been suspended for leaving SHO of Kishanganj Police Station Ashwini Kumar alone with the crowd in Uttar Dinajpur: Kumar Ashish, SP, Kishanganj, Bihar Police https://t.co/0m0RDKWOzZ
— ANI (@ANI) April 11, 2021
बताया जा रहा है कि अश्विनी कुमार की मौत की खबर सुनकर उनकी माँ ने दम तोड़ दिया। जब उनका पार्थिव शरीर घर लाया गया तो उसे देखते ही माँ ने प्राण त्याग दिए। इसके बाद से पूरे इलाके का माहौल गमगीन है। आज (अप्रैल 11, 2021) एक साथ माँ उर्मिला देवी और थानेदार बेटे की अर्थी घर से उठेगी।
बिहार के किशनगंज थाने के एसएचओ अश्विनी कुमार वॉन्टेड अपराधी को पकड़ने के लिए पुलिस टीम के साथ पश्चिमी बंगाल के पांतापाड़ा गाँव में गए थे। यहाँ भीड़ ने एसएचओ की पीट-पीटकर मौत के घाट उतार दिया। घटनास्थल से अपनी जान बचाकर भागे सर्किल इंस्पेक्टर मनीष कुमार समेत 7 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है।
किशनगंज के एसपी कुमार आशीष ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि पूर्णिया रेंज के आईजी सुरेश कुमार चौधरी ने कर्तव्यहीनता के आरोप में 7 पुलिसकर्मियों को निलंबित किया है। यदि इन पुलिसकर्मियों ने अपने कर्तव्य का निर्वहन विवेकपूर्ण ढंग से किया होता तो संभवत: यह घटना नहीं घटित हुई होती।
निलंबित होने वाले 7 पुलिसकर्मी में अंचल निरीक्षक मनीष कुमार, सिपाही राजू सहनी, अखिलेश्वर तिवारी, प्रमोद कुमार पासवान, उज्ज्वल कुमार पासवान, सुनील चौधरी सहित सिपाही सुशील कुमार का नाम शामिल है। तो वहीं, इस मामले में तीन अपराधियों को भी गिरफ्तार किया गया है, जिसमें मुख्य अभियुक्त फिरोज आलम, अबुजार आलम और सहीनुर खातून शामिल है।
क्या है पूरा मामला
ये घटना पश्चिम बंगाल के उत्तर दिनाजपुर के गोलपोखर पुलिस स्टेशन इलाके के गाँव पांतापारा में हुई। किशनगंज थाने के एसएचओ अश्विनी कुमार दलबल के साथ बाइक चोरी को पकड़ने बंगाल के पांतापाड़ा गाँव छापेमारी करने गए थे। भीड़ ने पुलिसकर्मियों पर जानलेवा हमला कर खदेड़ा। थानाध्यक्ष को घेर लिया और पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। आरोप है कि पश्चिम बंगाल की पुलिस ने सूचना के बावजूद बिहार पुलिस की टीम का कोई सहयोग नहीं किया।