अपनी गोभी की फसल का कौड़ी का भाव मिलने के कारण खेत में हल चलवा कर फसल खत्म करने वाले बिहार के समस्तीपुर के किसान को सही भाव मिल गया है। केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने गोभी किसान का हाल जानने के बाद पहल की। अब उनकी गोभी 10 रुपए प्रति किलो बिक गई है। रविशंकर प्रसाद का कहना है कि यही नए कृषि कानून का फायदा है।
क्या है पूरा मामला
दरअसल, समस्तीपुर के मक्तापुर गाँव के किसान की कहानी पूरे देश में मीडिया की सुर्खियाँ बन गई थी। ओम प्रकाश यादव नाम के इस किसान का कहना था कि उन्हें गोभी की फसल का कौड़ी के बराबर भाव मिल रहा है। उनकी गोभी सिर्फ एक रुपए प्रति किलो के हिसाब से बिक रही है। ऐसे में गोभी काट कर बेचने से ज्यादा बेहतर है उसे खेत में ही नष्ट कर देना। किसान ने गोभी की फसल पर ट्रैक्टर चलवा दिया था।
कल मीडिया के द्वारा मुझे खबर मिली थी कि बिहार के समस्तीपुर के मुक्तापुर गांव के किसान ओम प्रकाश यादव को अपने खेत में उगाई गोभी की फसल का स्थानीय आढ़त में मात्र एक रुपया प्रति किलो भाव मिल रहा था। निराश हो कर उन्होंने अपने खेत के कुछ हिस्से पर ट्रैक्टर चलवा कर फसल को नष्ट कर दिया। pic.twitter.com/0dTKEtYwr4
— Ravi Shankar Prasad (@rsprasad) December 16, 2020
रविशंकर प्रसाद ने की पहल
समस्तीपुर के किसान की दुर्दशा की कहानी केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने भी पढ़ी। रविशंकर ने बुधवार (दिसंबर 16, 2020) को एक साथ कई ट्वीट कर किसान की मदद की पूरी कहानी बताई। रविशंकर प्रसाद के मुताबिक उन्हें मीडिया से खबर मिली थी कि बिहार के समस्तीपुर के मुक्तापुर गाँव के किसान ओम प्रकाश यादव को अपने खेत में उगाई गोभी की फसल का स्थानीय आढ़त में मात्र एक रुपया प्रति किलो भाव मिल रहा था। निराश हो कर उन्होंने अपने खेत के कुछ हिस्से पर ट्रैक्टर चलवा कर फसल को नष्ट कर दिया।
मैंने अपने विभाग के कॉमन सर्विस सेण्टर को निर्देश दिया कि इस किसान से संपर्क कर इनकी फसल को देश के किसी भी बाज़ार में उचित मूल्य पर बेचने का प्रबंध किया जाये। @CSCegov_ के डिजिटल प्लेटफॉर्म ई-किसान मार्ट पर इस किसान को दिल्ली के एक खरीदार ने दस रूपये प्रति किलो का मूल्य ऑफर किया। pic.twitter.com/S21ZHkeNHM
— Ravi Shankar Prasad (@rsprasad) December 16, 2020
दस रुपए किलो का मिला भाव
रविशंकर प्रसाद ने बताया है कि खबर पढ़ने के बाद उन्होंने अपने विभाग के कॉमन सर्विस सेंटर को निर्देश दिया कि वे किसान से संपर्क साधें और उनकी फसल को देश के दूसरे राज्य में सही दाम पर बेचने का बंदोबस्त करें। सरकार ने कृषि उत्पादों की बिक्री के लिए डिजिटिल प्लेटफार्म बना रखा है। इसी प्लेटफार्म पर दिल्ली के एक खरीददार ने किसान की गोभी 10 रुपए प्रति किलो खरीदने का ऑफर दिया।
किसान और खरीदार की आपसी सहमति कुछ ही घंटों में किसान के बैंक खाते में आधी राशि एडवांस के रूप में पहुँच गई। आज मुझे पता चला है कि न सिर्फ ट्रांसपोर्ट उपलब्ध करवाया गया बल्कि बची हुई राशि भी किसान के बैंक खाते में जमा हो गई है और समस्तीपुर की गोभी दिल्ली के लिए रवाना हो गई है। pic.twitter.com/QZzUfr7MrW
— Ravi Shankar Prasad (@rsprasad) December 16, 2020
किसान ओम प्रकाश यादव ने दस रुपए किलो के हिसाब से अपनी गोभी बेचने पर सहमति जताई। रविशंकर प्रसाद ने बताया कि किसान और खरीदार की आपसी सहमति के बाद कुछ ही घंटों में किसान के बैंक खाते में आधी राशि एडवांस के रूप में पहुँच गई। उन्हें पता चला है कि खरीददार ने न सिर्फ ट्रांसपोर्ट उपलब्ध करवाया बल्कि बची हुई राशि भी किसान के बैंक खाते में जमा कर दी है। समस्तीपुर के मुक्तापुर गाँव से गोभी दिल्ली के लिए रवाना हो गई है।
अब @narendramodi सरकार के नए कृषि कानूनों ने किसान को अपनी फसल कहीं भी बेचने की आज़ादी दे दी है। बिहार का ये किसान जिसे स्थानीय मंडी में मिल रहे दाम से निराश हो कर अपनी फसल नष्ट करने पर मजबूर होना पड़ा था, अब स्थानीय दाम से दस गुना अधिक दाम पर दिल्ली में अपनी फसल बेच पाया है। pic.twitter.com/PdF28aRsYt
— Ravi Shankar Prasad (@rsprasad) December 16, 2020
नए कृषि कानून का फायदा
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि यही नए कृषि कानून का फायदा है। केंद्र सरकार ने नए कृषि कानून के जरिए किसान को अपनी फसल कहीं भी बेचने की आज़ादी दे दी है। बिहार के इस किसान को स्थानीय मंडी में मिल रहे दाम से निराश हो कर अपनी फसल नष्ट करने पर मजबूर होना पड़ा था, लेकिन नए कृषि कानून के तहत ही वह स्थानीय दाम से दस गुना अधिक दाम पर दिल्ली में अपनी फसल बेच पाया है।