बिहार के सुशासन बाबू यानी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इंडी गठबंधन को जोड़ने में इस कदर मशगूल है कि उन्हें नौनिहालों की फिक्र तक नहीं है। राज्य में बच्चों के पोषण वाला मिड डे मील पकाने के लिए स्कूलों में जलावन तक का इंतजाम नहीं है। वहीं, ठंड के नाकाफी इंतजामों से छात्र और शिक्षक बेहोश हो रहे हैं। ठंड की चपेट में आने से एक दर्जन से अधिक बच्चे बीमार पड़ गए हैं।
ये वाकये बिहार की राजधानी पटना और चंपारण जिले के हैं। बात पूर्वी चंपारण जिले के मोतिहारी से शुरू करते हैं। हम सब जानते हैं कि सरकारी स्कूलों में अक्सर आर्थिक रूप से कमजोर तबके के बच्चे ही जाते हैं। मोतिहारी का चकिया नगर परिषद क्षेत्र के बौधी मंदिर का आर्दश राजकीय मध्य विद्यालय भी इससे अछूता नहीं है।
इस कड़कड़ाती ठंड में शासन-प्रशासन ने वहाँ स्कूल तो खुले रखे, लेकिन इस जानलेवा सर्दी से बच्चों को बचाने के कोई इंतजाम नहीं किए। नतीजा ये हुआ कि एक छात्र की मौत हो गई और कई छात्र बेहोश होकर गिर गए। कक्षा 6 का छात्र मनीष कुमार ठंड के प्रकोप की वजह से प्रार्थना के वक्त थरथरा कर जमीन पर गिर गया। उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहाँ उसे मृत घोषित कर दिया गया।
वहीं, मोतीहारी के ही रामगढ़वा में राजकीय प्राथमिक विद्यालय चिकनी में ठंड की वजह से एक शिक्षिका स्कूल में बेहोश हो गई। गाँव वालों ने अलाव जलाकर और तेल मालिश करके उसकी जान बचाई। रामगढ़वा के ही एक अन्य स्कूल में एक छात्र ठंड लगने से बेहोश हो गया। राजकीय मध्य माध्यमिक विद्यालय घरियारीचक का 7वीं का 12 वर्षीय छात्र तसीम रजा बेहोश हो गया।
पटना में स्कूल की बेंच जलाकर मिड डे मील बनाने का वीडियो वायरल, सरकारी जांच में सही पाया गया वीडियो, कोरहर के अपग्रेडेड मिडिल स्कूल का वीडियो@BiharEducation_ @NitishKumar @RJDforIndia @BJP4Bihar pic.twitter.com/NePvHJ0jDI
— NBT Bihar (@NBTBihar) January 11, 2024
इसी तरह की कई घटनाएँ बिहार के अन्य जिलों से भी आई हैं। सीवान, मुजफ्फरपुर, भागलपुर, बेगूसराय, वैशाली, बक्सर आदि के सरकारी स्कूलों में छात्र-छात्राएँ ठंड के कारण बेहोश होकर गिर रहे हैं। बिहार में ठंड का प्रकोप बढ़ने के बावजूद सरकार ने इस पर ध्यान नहीं दिया, जिसका परिणाम बच्चों को भुगतना पड़ा।
हालाँकि, इस तरह की घटनाओं के सामने आने के बाद बिहार सरकार की नींद अब खुली है। सरकार ने निर्देश पर जिला प्रशासन ने 16 जनवरी 2024 तक विद्यालयों में अवकाश घोषित कर दिया है। जहाँ स्कूलों में ठंड लगने से बच्चे बेहाल हैं, वहीं दूसरी तरफ छात्रों के मिड डे मील पकाने के लिए लकड़ी का इंतजाम भी नहीं है।
सोशल मीडिया पर पटना जिले के बिहटा खंड के कोरहर स्थित अपग्रेडेड मिडिल स्कूल में छात्रों के मिड डे भोजन पकाने के लिए बेंच जलाए जाने का वीडियो वायरल हुआ है। इसके बाद शिक्षा विभाग ने जाँच के आदेश दिए हैं। इस वीडियो में रसोइया छात्रों के लिए खाना पकाने के लिए स्कूल की बेंचों को जलाते नजर आ रहे हैं।
रसोइया ने इसके लिए स्कूल की शिक्षिका सविता कुमारी के सिर दोष मढ़ा है और कहा है कि उसे फँसाने की कोशिश की जा रही है। वहीं, शिक्षिका ने दावा किया कि स्कूल के प्रिंसिपल के कहने पर बेंचों को जलाने का आदेश दिया गया था। दूसरी तरफ प्रिंसिपल प्रवीण कुमार रंजन ने कहा कि यह एक मानवीय भूल थी। उनके मुताबिक, रसोइये पढ़े-लिखे नहीं थे और बहुत ठंड का दिन होने की वजह से उन्होंने बेंचें जला दी।
उन्होंने आगे कहा, “शिक्षा विभाग के आदेश पर हम मिड डे मील बनाने के लिए रसोई गैस का इस्तेमाल करते हैं। उस दिन बाहर ठंड बहुत होने से रसोइयों ने लकड़ी के लिए बेंच का इस्तेमाल किया।” इस घटना पर ब्लॉक शिक्षा पदाधिकारी निवेश कुमार ने कहा कि वीडियो की जाँच की जा रही है और जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।