बिहार में ईद के मौके पर विवादित आदिवासी जमीन पर बने ईदगाह में नमाज के लिए गए लोगों को आदिवासियों ने अपनी जमीन पर कब्ज़ा करने की कोशिश समझकर उन पर हमला कर दिया। समुदाय विशेष और आदिवासियों के बीच हुए संघर्ष में मजहब विशेष के कई लोग घायल हो गए हैं। सीने में तीर लगने से घायल लोगों को आनन-फानन में अस्पताल पहुँचाया गया, जहाँ उसकी हालत गंभीर बताई जा रही है। मामला ईद की नमाज पढ़ने को लेकर हुए विवाद का है।
ठाकुरगंज के चाय-बागान की घटना
बिहार के ठाकुरगंज की सखुआडाली पंचायत के धुलावाड़ी गाँव के चाय बागान में बने ईदगाह पर जब मोहम्मद फजीर, मोहम्मद कलाम, मोहम्मद शरीफ़ आदि ग्रामीण ईद की नमाज पढ़ने पहुँचे तो आदिवासियों ने उन पर अपने पारम्परिक हथियारों तीर-धनुष से हमला कर दिया। हमले में पाँच लोग तीर लगने से घायल हो गए। मो. फजीर और मो. शमशाद को सीने में तीर लगे। पाँचों को पहले तो सदर अस्पताल ले जाया गया लेकिन बाद में उन्हें एमजीएम मेडिकल कॉलेज खुद सिविल सर्जन ले गए।
मेडिकल कॉलेज के मुताबिक घायलों की हालत गंभीर है पर उनकी जान खतरे से बाहर है। सर्जरी विभाग के अलग-अलग चिकित्सकों की टीमों ने सबका इलाज किया। जिला प्रशासन की ओर से पाँच बोतल खून भी निःशुल्क उपलब्ध कराया गया है। सभी घायल ठीक होने के बाद आराम से चल-फिर सकेंगे।
पुराना है क्षेत्र में संघर्ष का इतिहास
सखुआडाली में आदिवासियों का अन्य समुदायों के साथ संघर्ष का इतिहास पुराना है। कभी मवेशी चराने को लेकर विवाद खड़ा हो जाता है, तो कभी शराब पीकर लौट रहे आदिवासी की गिरफ़्तारी के बाद हिरासत में मौत की फैली अफवाहों से भड़का समुदाय पुलिस थाने को आग के हवाले कर देता है। वहीं दूसरी ओर आदिवासियों का कहना है कि उन्हें भूमिहीन होने के बावजूद सरकारी योजनाओं से वंचित रहना पड़ रहा है। उनका आरोप यह भी है कि जमीन देने के नाम पर कभी नदी किनारे तो कभी बंजर, तो कभी माँग से कम जमीन थमा दी जाती है। ऐसे में उन्हें यह सब कदम मजबूरी में उठाने पड़ते हैं।