Sunday, November 17, 2024
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पिछली सरकारों ने नहीं दिया अयोध्या पर ध्यान, CM योगी के नेतृत्व में होगा राम जन्मस्थान का विकास: अयोध्या के शाही सदस्य

"अब यहाँ (यूपी) भाजपा की सरकार है, योगी आदित्यनाथ हमारे मुख्यमंत्री बने हैं, उनका पूरा ध्यान अयोध्या पर है। वह शहर का समग्र विकास चाहते है। अब इस बात की पूरी संभावना है कि अयोध्या एक विकसित शहर बनने की राह पर है।"

अयोध्या में राजवंश का इतिहास सैकड़ों वर्ष पुराना है। शाही परिवार के सदस्य बिमलेन्द्र प्रताप मिश्रा एक जानी-मानी शख्सियत हैं। हाल ही में उन्होंने टाइम्स नाउ के पद्मजा जोशी को इंटरव्यू दिया। इस दौरान मिश्रा ने पवित्र शहर अयोध्या को लेकर अपनी पुरानी यादें ताजा की।

इंटरव्यू के दौरान उन्होंने कहा कि अयोध्या में एक भव्य राम मंदिर नहीं होने के कारण इसे इसकी महिमा से वंचित कर दिया गया था। वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में अयोध्या अपने पवित्रता और वर्चस्व को पुनः प्राप्त करने की ओर अग्रसर है।

बिमलेन्द्र प्रताप मिश्रा ने अफसोस जताते हुए कहा कि तीन दशकों से सत्तारूढ़ सरकारों ने प्राचीन शहर को विकसित करने के लिए बहुत कम काम किया।

मिश्रा ने कहा, “अब यहाँ (यूपी) भाजपा की सरकार है, योगी आदित्यनाथ हमारे मुख्यमंत्री बने हैं, उनका पूरा ध्यान अयोध्या पर है। वह शहर का समग्र विकास चाहते है। अब इस बात की पूरी संभावना है कि अयोध्या एक विकसित शहर बनने की राह पर है।”

उन्होंने आगे कहा, “इससे पहले अन्य लोग सरकार में थे, उन्होंने अयोध्या पर बिल्कुल ध्यान नहीं दिया। यहाँ किसी तरह का विकास कार्य नहीं हुआ करता था। अब पूरे अयोध्या और यहाँ तक ​​कि भारत को भी उम्मीद है कि यह एक सुंदर शहर बनकर उभरेगा।” मिश्रा ने चुटकी लेते हुए यह भी कहा, “मुझे उम्मीद है कि अयोध्या वैटिकन सिटी के समान कद हासिल करेगा।”

उनसे जब अयोध्या में दशकों से चल रहे राजनीतिक उथल-पुथल को लेकर पूछा गया तो उन्होंने कहा, “राम मंदिर का मुद्दा काफी वास्तविक था। प्रभु राम का कहाँ जन्म हुआ था। उनका जन्म अयोध्या में हुआ था, वहाँ एक मंदिर का निर्माण होना बहुत आवश्यक था।”

बिमलेन्द्र प्रताप मिश्रा ने कहा कि बाबरी मस्जिद एक विवादित ढाँचा था जिसे एक मंदिर के विध्वंस के बाद बनाया गया था और इसे साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत हैं। उन्होंने आगे कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अयोध्या का गौरव बहाल हुआ है, इसका सम्मान वापस लौटा है।

मिश्रा ने कोरियाई शाही परिवार के साथ अपने सौहार्दपूर्ण संबंध के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा कि उन्हें शाही परिवार द्वारा दक्षिण कोरिया में आमंत्रित किया गया था क्योंकि उनका मानना ​​था कि वे अयोध्या की एक राजकुमारी के वंशज हैं। किम जोंग-पिल्म दक्षिण कोरिया के तत्कालीन प्रधान मंत्री, गराक साम्राज्य के राजा किम सुरो की 72 वीं पीढ़ी के वंशज थे।

बिमलेन्द्र प्रताप मिश्रा ने कहा कि कोरियाई शाही परिवार द्वारा उन्हें सरयू नदी के तट पर स्थापित रानी का एक स्मारक उपहार में दिया गया था। हर साल कोरियाई डेलिगेट्स रानी के रूप में कोरिया आने वाली अयोध्या की राजकुमारी को सम्मान देने के लिए उनके स्मारक जाते हैं। उन्होंने कहा कि अब यूपी सरकार साइट को और विकसित करने के लिए धन आवंटित कर रही है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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