फरीदाबाद की डाबुआ कॉलोनी में बुधवार (13 दिसंबर 2023) की रात हिंदूवादी कार्यकर्ता बिट्टू बजरंगी के छोटे भाई महेश को जिन्दा जलाने का प्रयास किया गया था। इस हमले में महेश पांचाल की हालत गंभीर बनी हुई है, जिन्हें इलाज के लिए तीसरे अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। 60% तक जल चुके 35 वर्षीय महेश एक बेटी के पिता हैं। यह बेटी ही बिट्टू के परिवार की एकलौती चिराग है। आर्थिक रूप से बेहद गरीब बिट्टू बजरंगी का परिवार सब्जी बेच कर गुजारा करता है। ऑपइंडिया की टीम ने बिट्टू बजरंगी के परिवार से गुरुवार (14 दिसंबर 2023) को मुलाकात की।
जब हम बिट्टू बजरंगी से मिलने पहुँचे तो उनका पूरा परिवार फरीदाबाद के प्राची अस्पताल में मौजूद मिला। बिट्टू के पिता और माता का देहांत काफी समय पहले हो चुका है। बिट्टू ने शादी नहीं की है। इसकी वजह वो धर्म के लिए खुद को समर्पित कर देना बताते हैं। बिट्टू के जिस भाई महेश को थिनर डाल कर आग लगाई गई, वो अस्पताल के बर्न वार्ड में भर्ती हैं। गेट पर पुलिस वालों की तैनाती दिखी। प्रशासनिक अधिकारियों के अलावा डॉक्टरों को छोड़ कर किसी को भी महेश से मिलने की इजाजत नहीं है।
अस्पताल के गेट पर हमें लगभग 5 वर्षीय एक बच्ची खेलती दिखाई दी। हमने नाम पूछा तो बच्ची ने दीपिका बताया। पापा के नाम के तौर पर दीपिका ने महेश बताया। उम्र कम होने की वजह से महेश की बेटी को अपने पापा के साथ हुई वारदात की गंभीरता का एहसास नहीं था। दीपिका ने खुद को कक्षा KG की छात्रा बताया। पापा के नाम पर दीपिका ने करिया बताया, जो घर में महेश का पुकारू नाम है। तभी दीपिका की माँ यानी महेश की पत्नी भी वहाँ आ गईं। हमसे बातचीत की शुरुआत करने से पहले ही महेश की पत्नी जोर-जोर से रोने लगीं।
दीपिका ने हमें ABCD सुनाया। जब हमने पूछा कि वो बड़ी हो कर क्या बनेगीं तो जवाब आया – ‘डॉक्टर’। हमने डॉक्टर ही बनने की वजह पूछी तो दीपिका ने बीमार लोगों को इंजेक्शन लगाने की बात कही। अपने पिता की हालत पर भी दीपिका ने कहा कि वो पहला इंजेक्शन अपने पापा को लगाएँगी।
दीपिका की माँ ने बताया कि उनकी बेटी पढ़ने में काफी तेज है लेकिन पहले बिट्टू की गिरफ्तारी और अब उनके पति पर हमले जैसी घटनाओं से बिटिया की पढ़ाई काफी बाधित हो रही है। साथ ही महेश के इलाज में तमाम पैसे खर्च हो जाने की वजह से अब इस परिवार पर आर्थिक संकट भी है।
ऑपइंडिया ने बिट्टू से उनकी पारिवारिक पृष्ठभूमि के बारे में बात की। बिट्टू ने हमें बताया कि उनके स्वर्गीय पिता ने जैसे-तैसे छोटे-मोटे काम करके फरीदाबाद में एक छोटा सा घर बनवा लिया था, जिसमें आज उनका परिवार रहता है। पिता की मृत्यु के बाद बिट्टू और उनके भाई महेश मिल कर सब्जी बेच कर परिवार का गुजारा करने लगे।
बिट्टू के हिन्दू संगठनों से जुड़ जाने की वजह से परिवार चलाने की जम्मेदारी उनके भाई महेश पर आ गई। महेश की शादी पलवल के पास एक गाँव में हुई है। 5 साल पहले वो एक बच्ची के पिता बने। यही बच्ची अब बिट्टू बजरंगी के घर की इकलौती चिराग है।
घटना के दिन महेश अपनी उसी सब्जी की दुकान पर मौजूद थे, जहाँ उनको थिनर डाल कर जला दिया गया। अस्पताल में हमें महेश के ससुराल के लोग भी मिले, जो बदहवासी की हालत में थे। 16 दिसंबर की शाम को ऑपइंडिया से बात करते हुए बिट्टू बजरंगी ने बताया कि उनके भाई की हालत में लगभग 10% की सुधार है। साथ ही उन्होंने बताया कि घर पर आई आफत के चलते उनकी भतीजी की पढ़ाई रुक गई है।
अपनी एक फेसबुक पोस्ट में बिट्टू बजरंगी ने स्थानीय नेताओं पर भी खुद को अनदेखा करने का आरोप लगाया है। आरोपितों में अभी तक अरमान खान के अतिरिक्त कोई अन्य नाम प्रकाश में नहीं आ पाया है। मामले की जाँच SIT कर रही है।