फरीदाबाद की डाबुआ कॉलोनी में बुधवार (13 दिसंबर, 2023) की रात हिंदूवादी कार्यकर्ता बिट्टू बजरंगी के परिवार को निशाना बनाया गया, जिसमें बिट्टू बजरंगी के भाई महेश पर थिनर डालकर आग लगा दिया गया। महेश पांचाल की हालत गंभीर है। महज कुछ घंटों के अंदर ही उन्हें तीसरे अस्पताल में ट्रांसफर किया गया है। महेश पांचाल 60 प्रतिशत से अधिक झुलस गए हैं और उनकी हालत बेहद नाजुक बताई जा रही है। डॉक्टरों का कहना है कि अगले 72 घंटे उनके लिए काफी महत्वपूर्ण हैं।
जानकारी के मुताबिक, महेश को जलाने वाले हमलावरों ने पहले तो महेश को पकड़ कर जलाने की कोशिश की, लेकिन वो सफल नहीं हुए। फिर उसके ऊपर थिनर डाल कर आग लगा दी। इसके बाद आरोपित भाग गए। महेश ने तुरंत नाले में कूद लगाई, लेकिन आग नहीं बुझी। इसके बाद उन्होंने 3-4 डुबकियाँ मारीं, तब जाकर आग बुझी। इसके बाद करीब 800 मीटर दूर स्थित घर खुद ही चल कर आए। किसी ने रास्ते में मदद नहीं की। महेश जब घर पहुँचे, तो खुद बिट्टू उन्हें लेकर अस्पताल गए।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अरमान की अगुवाई में हमलावरों ने पहले बिट्टू बजरंगी के भाई महेश पांचाल की बाकायदा पहचान सुनिश्चित की। उन्होंने महेश पांचाल से पूछा कि ‘क्या तुम बिट्टू बजरंगी के भाई हो?’ इस सवाल के जवाब में महेश ने जैसे ही हाँ कहा, उन लोगों ने उनके ऊपर थिनर डाला और आग के हवाले कर दिया।
इस मामले में मुख्य आरोपित अरमान खान से पूछताछ किए जाने की पुलिस ने पुष्टि की है। हालाँकि उसे हिरासत में लेने या गिरफ्तार किए जाने से इनकार किया है। इस बीच, पुलिस ने क्राइम सीन का मुआयना किया है। जानकारी के मुताबिक, हमलावरों ने जिस सफेद रंग की वैगनआर का इस्तेमाल किया उस पर नंबर नहीं दर्ज था। उसके साथ संदिग्ध तौर पर 2 बाइकें भी घटनास्थल पर गई थीं।
बिट्टू बजरंगी ने बताया कि अब तक महेश को तीन अस्पतालों में ले जाया गया है। पहला सरकारी अस्पताल, संतोष अस्पताल और अब प्राची अस्पताल – डॉक्टर ने अगले 72 घंटे बहुत क्रिटिकल बताए हैं। इस मौके पर हिंदू संगठनों के कार्यकर्ता भी अस्पताल पहुँचे, वहीं स्थानीय भाजपा विधायक भी महेश का हालचाल लेने पहुँचे।
बिट्टू का दावा है कि नूहं दंगा के दौरान अरमान फरीदाबाद में जूस बेचा करता था। उसने अपनी दुकान में खुद ही आग लगा कर हिंदुओं को फँसाने की कोशिश की थी। पुलिस की जाँच में वो पकड़ा गया था।
बिट्टू बजरंगी ने ये भी कहा कि उन्हें लंबे समय से जान से मारने की धमकी दी जा रही थी कि अपनी चप्पल लेकर जा। ‘चप्पल’ का कोड है – नूहं में जो चप्पल छोड़कर भागे थे, वो लेकर जाओ। क्योंकि नूहं में हिंदुओं पर जब हमले हुए थे, तब काफी लोगों के जूते-चप्पल मंदिर के बाहर ही छूट गए थे। ऐसे में उसे कोड की तरह इस्तेमाल किया जाता था।
खुद बिट्टू का ये दावा है कि जिन लोगों ने उनके भाई पर हमला किया, वो सब नूहं हिंसा से जुड़े हैं। उसके बाद से ही उन्हें और परिवार को निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि परिवार हथियारों का लाइसेंस माँग रहा था, लेकिन प्रशासन ने लाइसेंस नहीं दिया। यही नहीं, बिट्टू ने एक पुलिस अधिकारी के हवाले से दावा किया है कि जो शख्स धमकियाँ देता था, उसने गुड़गाँव के बड़े व्यापारी से भी प्रोटेक्शन मनी माँगी थी। वो प्रोफेशनल अपराधी हैं।
ऑपइंडिया की टीम भी मौके पर पहुँची और पाया कि अस्पताल में भारी मात्रा में पुलिस बल तैनात हैं। हिंदू संगठनों के लोग भी मौके पर मिले। किसी को भी पीड़ित से मिलने की अनुमति नहीं है। इस मामले में पुलिस ने धारा 147, 149, 307 और 326A समेत कई धाराएँ लगाई हैं।