गुरुग्राम सेक्टर-12ए में जिस जगह पर खुले में हर जुमे नमाज पढ़ी जाती थी, शुक्रवार (5 नवंबर 2021) को उसी जगह पर गोवर्धन पूजा आयोजित की गई। पूजा में दिल्ली भाजपा नेता कपिल मिश्रा भी शामिल हुए। खुले में नमाज के विरोध में इसका आयोजन संयुक्त हिंदू संघर्ष समिति की ओर से किया गया था।
इस दौरान मिश्रा ने पटाखे पर बैन की तरफ इशारा करते हुए कहा, “कल दिवाली पर, पूरे देश में हिंदुओं पर बहुत सारे आदेश और फरमान लगाए गए थे। परिणाम क्या हुआ? जितना दबाओगे, जितना अत्याचार करोगे… हम शांतिप्रिय लोग हैं। लेकिन अगर दबाओगे तो वही होगा जो पूरे देश में हुआ है। अगर हमें दीवार पर धकेला जाता है, तो फिर जवाब में एक धक्का तो मारना ही पड़ता है।”
उन्होंने कहा, “अपनी राजनीति के लिए सड़कों का इस्तेमाल न करें। हमने इसे शाहीनबाग में देखा था। उन्होंने सारे रास्ते जाम कर तमाशा किया था। क्या सीएए निरस्त कर दिया गया है? यदि धमनियाँ और तंत्रिकाएँ ब्लॉक हो जाती हैं, तो शरीर की गतिविधियाँ रूक जाती हैं। इसी तरह, अगर सड़कें बंद हो जाती हैं, तो शहर और देश रुक जाता है।”
हमें चाहिए आज़ादी
— Kapil Mishra (@KapilMishra_IND) November 5, 2021
सड़कों पे चलने की आज़ादी
दफ्तर जाने की आज़ादी
खुले पार्को की आज़ादी
स्कूल, अस्पताल जाने की आज़ादी
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कपिल मिश्रा ने कहा, “संविधान में सभी को समान अधिकार हैं। सड़कों को अवरुद्ध करना किसी के धर्म का हिस्सा नहीं हो सकता। यह नहीं होना चाहिए। गुड़गाँव एक महानगरीय शहर है जो दुनिया भर में प्रसिद्ध है। यहाँ आप सड़क जाम कर देंगे। आप दिल्ली में ब्लॉक कर देंगे? यह धर्म का अंग नहीं हो सकता… यह देश की अर्थव्यवस्था को रोकने और बाधित करने का एक तरीका है। सड़कों का पहला अधिकार उन लोगों का है जो उन पर चलते हैं या अपना व्यवसाय चलाते हैं या उनका उपयोग कार्यालयों, अस्पतालों, स्कूलों तक पहुँचने के लिए करते हैं। अगर स्थानीय निवासी आपत्ति जताते हैं तो किसी को भी बैठने और सड़क जाम करने का संवैधानिक अधिकार नहीं है।”
उन्होंने कहा, “मैं कहना चाहता हूँ कि लोगों को अपने धार्मिक स्थलों पर प्रार्थना करनी चाहिए। इस देश में वक्फ बोर्ड के पास सबसे ज्यादा जमीन है वहाँ नमाज अदा करने की व्यवस्था करें। यह मामला सिर्फ गुड़गाँव का नहीं है। इससे सभी परेशान हैं। इसे (पूजा) करने से दूसरों को प्रेरणा मिलेगी कि हमें अपने अधिकारों के लिए आवाज उठानी होगी। हर हफ्ते सड़कों को अवरुद्ध करना दुनिया में कहीं भी स्वीकार्य नहीं है। इसकी अनुमति नहीं दी जाएगी। लोगों को स्कूलों, अस्पतालों, कार्यस्थलों पर जाने से रोकना कोई विकल्प नहीं है।”
उन्होंने आगे कहा, “मैं उन लोगों को बधाई देना चाहता हूँ जिन्होंने इन संवैधानिक अधिकारों की रक्षा के लिए लड़ाई लड़ी। यही है आजादी की असली लड़ाई। वह नहीं जिसके लिए आजादी के नारे लगाए जाते हैं। हमें सड़कों पर आज़ादी से चलने की आज़ादी चाहिए।”
इससे पहले संयुक्त हिंदू संघर्ष समिति के प्रदेश अध्यक्ष महावीर भारद्वाज ने कहा था, “हम पूजा का आयोजन कर रहे हैं, जिसमें 5000 से अधिक लोगों के इकट्ठा होने की उम्मीद है। प्रार्थना के बाद स्थल पर ढोल और नगाड़े बजाए जाएँगे और प्रसाद का वितरण किया जाएगा। यह शहर के अन्य स्थलों पर भी किया जाएगा या नहीं, इस पर निर्णय बाद में लिया जाएगा। हम सभी सार्वजनिक स्थानों पर नमाज का विरोध करने के लिए अपना आंदोलन जारी रखेंगे।”
बता दें कि हाल ही गुरुग्राम प्रशासन ने 8 स्थानों पर नमाज पढ़ने की अनुमति को रद्द कर दिया था। गुरुग्राम पुलिस के एक बयान में कहा था कि निर्णय स्थानीय निवासियों और निवासी कल्याण संघों की आपत्ति के बाद लिया गया। कथित तौर पर 2018 में प्रशासन की तरफ से नमाज पढ़ने के लिए 37 स्थानों को चिन्हित किया था। जिसको लेकर संयुक्त हिंदू संघर्ष समिति ने विरोध जताया था।