सामने आई वीडियो में देख सकते हैं कि वो पहले पटपड़गंज के मंडावली इलाके में स्थित तोमर डेरी पर गए। वहाँ अल्तमस तोमर नाम का युवक अपनी दुकान ‘तोमर डेयरी’ नाम से दुकान खोला हुआ था। रवि नेगी ने उससे पहले उसकी पहचान पूछी। बाद में बोले,
“अगर तुम मुस्लिम हो तो तुमने दुकान पर नाम तोमर क्यों लिखा हुआ है। तुम्हारा नाम अल्तमस है, तो इसे बोर्ड पर लिखवाओ तुम हिंदू बस्ती में काम कर रहे हो। तुम्हें अपना नाम बताकर रखना चाहिए। अगर तुम ऐसा नहीं करते तो तुम्हारी दुकान बंद हो जाएगी।”
पटपड़गंज विधानसभा के मंडावली वार्ड में तोमर डेरी हिंदू नाम रखा है पर उसका असली नाम मुस्लिम नाम है, और हमने कहा कि आप अपना असली नाम रखिए हिंदू नाम रखकर हिंदुओं के साथ क्यों खिलवाड़ कर रहे हैं पटपड़गंज विधानसभा में बिल्कुल भी इस तरह की दुकान हम नहीं चलने देंगे जो हिंदू नाम रख रहे… pic.twitter.com/TtSLNZJCV9
— Ravinder Singh Negi (@ravinegi4bjp) September 27, 2024
रवि ने ये भी कहा, “देखो हमारी आपसे कोई लड़ाई नहीं है और न ही आपके मजहब से है। हमारी लड़ाई इस बात से है कि आप लोग होते मुसलमान हो, लिखते तोमर हो। “
इसी तरह वह एक अन्य दुकान वाले के पास गए। दुकानदार का असली नाम मोहम्मद अयान था लेकिन वो रावल डेयरी के नाम पर दुकान चला रहा था। अयान से उन्होंने पूछा- “आप लोग हिंदुओ को क्यों धोखा दे रहे हो। क्या हमसे कोई लड़ाई है। लिखा रावल है, नाम आपका मोहम्मद अयान है।”
पटपड़गंज विधानसभा में हिंदू नाम से दुकान खोली जा रही है पर उनकी असली पहचान मुस्लिम है ऐसी बहुत सारी दुकानों का हमने पर्दाफाश किया पटपड़गंज विधानसभा में थूक जेहाद बिल्कुल भी नहीं होने देंगे,#FakeName pic.twitter.com/V2Z4Iiu16L
— Ravinder Singh Negi (@ravinegi4bjp) September 30, 2024
रवींद्र नेगी ने अपने अकॉउंट पर दुकानदारों से बातचीत की वीडियो साझा की। साथ ही लिखा- “…हिंदुओं के साथ क्यों खिलवाड़ कर रहे हैं.. पटपड़गंज विधानसभा में बिल्कुल भी इस तरह की दुकान हम नहीं चलने देंगे जो हिंदू नाम रख रहे हैं पर है मुस्लिम।”
उनकी वीडियो देखने के बाद कई लोग इसे एक अच्छा प्रयास बता रहे हैं। साथ ही उनकी तारीफ भी कर रहे हैं।
बता दें कि ये वीडियो ऐसे समय में सामने आई है जब पिछले दिनों यूपी में योगी सरकार ने आदेश दिय़ा था कि हर दुकान पर मालिक का असली नाम और पता दिखना जरूरी है। बाद में हिमाचल प्रदेश की कॉन्ग्रेस सरकार ने भी देखा-देखी में ऐसा ऑर्डर निकाला था कि दुकानों पर मालिक का असली नाम लिखना जरूरी है।