बॉम्बे हाई कोर्ट ने कस्टम विभाग को फटकार लगाई है। हाई कोर्ट ने कस्टम विभाग को मसाजर को सेक्स टॉय कहकर जब्त करने के मामले में फटकार लगाई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा कि यह कमिश्नर की कल्पना या उनकी व्यक्तिगत धारणा थी कि सामान प्रतिबंधित वस्तुएं के तहत आती हैं। हाई कोर्ट ने कहा कि बॉडी मसाजर को सेक्स टॉय के रूप में नहीं देखा जा सकता, ऐसे में इसे आयात के लिए प्रतिबंधित वस्तुओं की लिस्ट में भी शामिल नहीं किया जा सकता।
बॉम्बे हाई कोर्ट से जस्टिस गिरीश कुलकर्णी और जस्टिस किशोर संत की पीठ ने कस्टम ड्यूटी डिपार्टमेंट द्वारा बॉडी मसाजर वाली खेप को जब्त करने के आदेश को रद्द कर दिया। इस मामले में कस्टम ड्यूटी कमिश्नर ने यह दावा करते हुए सामान जब्त कर लिया था कि बॉडी मसाजर्स का इस्तेमाल अडल्ट सेक्स टॉय के रूप में किया जा सकता है और ऐसी वस्तुओं को आयात के लिए प्रतिबंधित किया गया है। कस्टम ड्यूटी कमिश्नर के दावे को हाई कोर्ट ने उनकी कल्पना बताया और कहा कि ये गलत कदम है।
हाई कोर्ट ने सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी और सर्विस टैक्स अपीलीय न्यायाधिकरण द्वारा पारित मई 2023 के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें कस्टम कमिश्नर के आदेश को रद्द किया गया था। कोर्ट ने सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी और सर्विस टैक्स अपीलीय न्यायाधिकरण के आदेश को बरकरार रखा और जब्त किया गया सामान लौटाने का आदेश दिया।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कस्टम ड्यूटी कमिश्नर ने अप्रैल 2022 में बॉडी मसाजर्स वाली खेप को यह कहते हुए मंजूरी देने से इनकार कर दिया था कि ये अडल्ट सेक्स टॉय थे और इसलिए जनवरी 1964 में जारी सीमा शुल्क अधिसूचना के अनुसार आयात के लिए बैन सामानों की लिस्ट में शामिल थे। इसके बावजूद इन्हें मंगाया गया है, ऐसे में कस्टम डिपार्टमेंट ने सारा माल जब्त कर दिया।
इस मामले में अब हाई कोर्ट ने साफ कहा है कि कस्टम अधिकारी अपने कर्तव्यों का सही तरीके से पालन नहीं किया। उन्होंने अपनी कल्पना के आधार पर फैसले लिए, लिहाजा उनकी अपील को रद्द किया जाता है और सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी और सर्विस टैक्स अपीलीय न्यायाधिकरण के आदेश को बरकरार रखा जाता है। हाई कोर्ट ने कहा कि बॉडी मसाजर जैसी मशीनों की तुलना उन वस्तुओं से नहीं की जा सकती है, जो पुस्तक, पैम्फलेट, कागज, ड्राइंग, पेंटिंग, प्रतिनिधित्व, आकृति या लेख आदि अधिसूचना के तहत निषिद्ध की प्रकृति में हैं।