बॉम्बे हाईकोर्ट ने झाड़-फूँक की आड़ में लड़कियों से बलात्कार करने वाले मौलवी मेहंदी कासिम जैनुल आबिदीन शेख की उम्रकैद की सजा को बरकरार रखा है। मौलवी मेहंदी कासिम बंगाली बाबा नाम से प्रसिद्ध था, जो खुद को तांत्रिक बताया करता था। मेहंदी 5 साल से 6 नाबालिग सहित 7 लड़कियों के साथ दुष्कर्म कर रहा था। इस मामले दोषी पाते हुए निचली अदालत ने उसे उम्रकैद की सजा दी थी।
बॉम्बे हाई कोर्ट की पीठ ने याचिकाकर्ता शेख की अपील को खारिज करते हुए कहा, “यह हमारे समय की एक दुर्भाग्यपूर्ण वास्तविकता है कि लोग अपनी समस्याओं के समाधान के लिए कभी-कभी झाड़-फूँक करने वालों के दरवाजे खटखटाते हैं और ये तथाकथित झाड़-फूँक करने वाले लोगों की असुरक्षा और अंधविश्वास का फायदा उठाते हैं और उनका शोषण करते हैं।”
कोर्ट ने आगे कहा, “झाड़-फूँक करने वाले न केवल उनसे पैसे ऐंठकर उनकी कमजोरियों का फायदा उठाते हैं, बल्कि कई बार समाधान देने की आड़ में पीड़ितों का यौन उत्पीड़न भी करते हैं। अपीलकर्ता ने पीड़ितों की माँ की आशंका का पूरा फायदा उठाया और उनके डर को बरगलाकर लड़कियों को ठीक करने का आश्वासन दिया और इस प्रक्रिया में उनका आर्थिक शोषण भी किया।”
हाईकोर्ट ने अपनी टिप्पणी में मेहंदी की करतूत को ‘यातना’ बताया और उसे कड़ी सजा के योग्य माना है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 37 वर्षीय मेहंदी शेख मुंबई के पायधुनी इलाके के मरियम टॉवर में रहता है। वह पीड़ित परिवार में कुरान और अन्य मज़हबी किताबें पढ़ाने जाया करता था। यहाँ 3 सगी बहनें मौलवी से दीनी तालीम हासिल करती थीं।
थोड़े समय के बाद ही मौलवी की नजदीकियाँ इन बच्चियों की अम्मी से भी बढ़ गईं। साल 2005 से 2010 के बीच मौलवी ने इन बच्चियों और कई महिलाओं से कई बार रेप किया। उस दौरान इन लड़कियों की उम्र 5 से 16 वर्ष के बीच थी। रेप के बाद मौलवी मेहंदी कासिम शेख इन बच्चियों को अपना मुँह बंद रखने की भी धमकी दिया करता था। इनमें से चार लड़कियों का गर्भपात भी कराया है।
आखिरकार लगातार यौन शोषण से त्रस्त बच्चियों ने एक दिन अपने पिता से इसकी शिकायत कर दी। बच्चियों के पिता ने इस मामले की शिकायत पुलिस में की। अंत में यह केस मुंबई के जेजे मार्ग थाने में दर्ज हुआ। आरोपित मौलवी मेहंदी पर IPC की धारा 465, 466, 471, 292, 323, 376, 312, 313, 314, 416, 506 और 420 के तहत कार्रवाई की गई।
जाँच के दौरान पुलिस ने मौलवी के ठिकानों से लगभग 1 करोड़ रुपए मूल्य के गहने एवं अन्य सामान बरामद किए थे। यह तमाम चीजें उसने पीड़ित परिवार के अलावा अन्य लोगों से ठगी करके जुटाई थीं। जाँच में मौलवी द्वारा शोषित की गईं कुछ अन्य पीड़िताओं के भी मामले सामने आए। इसके बाद उस पर IPC की धारा 354 को भी जोड़ दिया गया।
इस मामले में निचली अदालत ने 7 अप्रैल 2016 को मौलवी मेहंदी कासिम को उम्रकैद की कठोर सजा सुनाई थी। इसके साथ ही उस पर 50 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया था। सजा को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए अलदात ने कहा कि 7 लड़कियों के रेपिस्ट को इससे कम सजा नहीं जा सकती है। इसकी सुनवाई न्यायमूर्ति मंजूषा देशपांडे और न्यायमूर्ति रेवती मोहिते डेरे ने की।