Monday, December 23, 2024
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अब गुजरात के खंभात में जहाँ हुई थी हिंसा, वहाँ अवैध निर्माणों पर चला बुलडोजर, रामनवमी पर हमले के लिए कब्रिस्तान के पास पत्थरबाजों का हुआ था जमावड़ा

पुलिस ने अपनी जाँच में पाया है कि खंभात हिंसा में मौलवियों द्वारा बाहर से बुलाए गए पत्थरबाजों को शोभा यात्रा के दौरान कब्रिस्तान के पास रहने को कहा गया था। पत्थरबाजी के लिए कब्रिस्तान इसलिए चुना गया था, क्योंकि वहाँ पत्थर आसानी से मिल जाते हैं।

रामनवमी (Ram Navami) के दिन गुजरात के खंभात (Khambhat, Gujarat) में हुई हिंसा के आरोपितों के अवैध निर्माणों पर बुलडोजर चलाया गया है। इस कार्रवाई में प्रशासन ने कई अवैध दुकानों को ध्वस्त कर दिया है। यह कार्रवाई 15 अप्रैल 2022 (शुक्रवार) को हुई है। बुलडोजर की कार्रवाई का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

न्यूज़ 18 के मुताबिक, खंभात के जिलाधिकारी के आदेश के बाद अवैध निर्माण के खिलाफ यह कार्रवाई शकरपुर ग्राम पंचायत क्षेत्र में की गई है। SDM निरुपा गड़वी ने बताया, “खंभात में अवैध और गैर-कानूनी निर्माणों के खिलाफ हमारी कार्रवाई जारी है। इस अभियान में हमारे साथ पुलिस का भी सहयोग है।”

इस अभियान में शामिल खंभात के एडिशनल SP अभिषेक गुप्ता ने कहा, “हिंसा में शामिल आरोपितों के खिलाफ पुलिस की जाँच जारी है। इस बीच SDM के निर्देश पर शकरपुर विस्तार में उनके द्वारा बनाए गए अवैध निर्माणों पर कार्रवाई की जा रही है। इस दौरान सभी संवेदनशील स्थानों को भी चिन्हित किया जा रहा है।”

पत्थरबाजी करने के लिए कब्रिस्तान सबसे बेहतर स्थान

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पुलिस ने अपनी जाँच में पाया है कि खंभात हिंसा में मौलवियों द्वारा बाहर से बुलाए गए पत्थरबाजों को शोभा यात्रा के दौरान कब्रिस्तान के पास रहने को कहा गया था। पत्थरबाजी के लिए कब्रिस्तान इसलिए चुना गया था, क्योंकि साजिशकर्ताओं के मुताबिक कब्रिस्तान में पत्थर आसानी से मिल जाते हैं। साथ ही बाहरी पत्थरबाजों को ये विश्वास दिलाया गया था कि अगर वो पकड़े गए तो उनको छुड़वा लिया जाएगा।

मोबाईल से डिलीट कर दी गई थी चैटिंग

अहमदाबाद मिरर के मुताबिक, मामले की जाँच कर रही पुलिस टीम में शामिल एडिशनल SP ने पाया कि आरोपितों ने सबूत छिपाने की काफी कोशिश की थी। हिंसा के बाद आरोपितों द्वारा मोबाईल से हुई चैट को डिलीट किया गया था। डिलीट किए सबूतों में चैटिंग के साथ कॉल रिकार्डिंग भी शामिल है। पुलिस फॉरेंसिक एक्सपर्ट्स के साथ उन सबूतों को दुबारा रिकवर करने का प्रयास कर रही है। हिंसा के आरोपितों द्वारा मोबाईलों पर भड़काऊ वीडियो भी देखे जाते थे।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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