उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले में एक मुस्लिम लड़की ने इस्लाम छोड़ कर हिन्दू धर्म में घर-वापसी की है। लड़की का नाम बुशरा हुसैन है। बुशरा अब वर्षा वाल्मीकि नाम से जानी जाएँगी। उन्होंने मंदिर में विधि-विधान से अपना शुद्धिकरण करवाया और दलित समुदाय के हिन्दू युवक गोलू वाल्मीकि से वैदिक रीति से विवाह किया। इस मौके पर बजरंग दल के सदस्यों ने लड़की के परिजनों द्वारा होने वाले विधि-विधान निभाए। बुधवार (14 अगस्त) को हुई इस शादी के बाद बुशरा अपने पति के साथ ख़ुशी-ख़ुशी ससुराल चली गईं।
बुशरा ने एक वीडियो जारी कर के अपने परिवार से अपनी सुरक्षा करने के लिए पुलिस के तत्कालीन SHO और बजरंग दल को धन्यवाद भी किया है।
यह मामला मुरादाबाद जिले के थाना क्षेत्र भगतपुर का है। यहाँ के गाँव सकटपुरा में रहने वाले ज़ाहिद हुसैन और अकबरी बेगम की बेटी बुशरा का इसी थानाक्षेत्र के निवासी दलित समुदाय (SC वर्ग) के गोलू से काफी समय से प्रेम प्रसंग चल रहा था। गोलू भी मुरादाबाद के ही भगतपुर थाना क्षेत्र का निवासी है जो मेहनत-मजदूरी कर के अपना परिवार पालता है। बुशरा और गोलू के अफेयर की खबर उनके परिजनों को लगी। तब बुशरा के अब्बा और अन्य परिजनों ने उसे काफी प्रताड़ित किया।
इसी प्रताड़ना से तंग आ कर लगलभ 5 महीने पहले बुशरा घर छोड़ कर कहीं चली गई। उस समय बुशरा नाबालिग थी। उसकी उम्र लगभग 17 साल और 8 महीने थी। तब उसके अब्बा ने पुलिस में अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ अपहरण का मुकदमा दर्ज करवाया। पुलिस मामले की जाँच कर ही रही थी कि लगभग 15 दिनों में बुशरा वापस लौट आई। वह सीधे थाना भगतपुर पर गई और अपने परिजनों द्वारा लगाए गए अपहरण के आरोपों को झूठा और बेबुनियाद बताया। बुशरा ने बताया कि वह अपनी मर्जी से कहीं चली गई थी।
आखिरकार तमाम कानूनी प्रावधानों और काउंसिलिंग के बाद बुशरा को उसके परिजनों को सौंप दिया गया था। कुछ दिनों बाद बुशरा अपने साथ किसी अनहोनी की आशंका से डर कर थाने पहुँची। यहाँ उसने अपने परिजनों के ही खिलाफ अपनी सुरक्षा की गुहार लगाई। पुलिस ने बुशरा को कानूनी प्रावधानों के तहत एक बार फिर से चाइल्ड वेलफेयर कमेटी (CWC) के समक्ष पेश किया। CWC के आगे बुशरा ने फिर से अपने घर जाने से साफ मना कर दिया। मजबूरन CWC ने पुलिस को आदेश दिया कि बुशरा को बालिग़ होने तक लखनऊ स्थित नारी निकेतन में भेज दिया जाए।
इस आदेश का पालन हुआ और बुशरा नारी निकेतन में शिफ्ट कर दी गई। 4 माह तक नारी निकेतन में रहने के बाद जब बुशरा बालिग़ हुई तब वो बाहर आई। यहाँ से वो सीधे अपने प्रेमी गोलू वाल्मीकि के पास पहुँची। गोलू वाल्मीकि और बुशरा ने बजरंग दल से अपनी शादी के लिए मदद माँगी। आखिरकार बुधवार (14 अगस्त) को भगतपुर थानाक्षेत्र के एक मंदिर में दोनों का वैदिक विधि-विधान से विवाह हुआ। इस अवसर पर गोलू के परिजन मौजूद रहे। बुशरा के परिजनों का तमाम क्रिया-कलाप बजरंग दल के सदस्यों ने निभाया।
इस दौरान बजरंग दल पदाधिकारी सुभाष और मंदिर के पुजारी ने नव दम्पति को आशीर्वाद दिया। शादी के दौरान बुशरा ने हवन किया और जय श्री राम का नारा लगाया और हवन किया। इसी स्थान पर बुशरा ने अपना नया नाम वर्षा वाल्मीकि रखा। शादी के बाद वर्षा बनी बुशरा और उनके पति गोलू वाल्मीकि ने एक सामूहिक वीडियो जारी किया है। उन्होंने भगतपुर थानाक्षेत्र के तत्कालीन SHO इंस्पेक्टर कृष्ण कुमार और बजरंग दल के सदस्यों को अपनी सुरक्षा करने के लिए धन्यवाद बोला है।
बकौल बुशरा अगर पुलिस व हिन्दू संगठन साथ न देते तो उनके परिवार वाले उन्हें बड़ा नुकसान पहुँचा सकते थे। बुशरा ने अपनी नई शादीशुदा जिंदगी में खुद को बेहद खुश बताया है।