कुछ दिन पहले ख़बर आई थी कि तिहाड़ जेल के पास निर्भया गैंगरेप के दोषियों को फाँसी देने के लिए लोग ही नहीं मौजूद हैं। अब इस मामले में तिहाड़ ने दूसरे जेलों से मदद माँगी है। इसके बाद बिहार का बक्सर जेल आगे आया है। बक्सर जेल में बंद कुछ अपराधी आजकल ओवरटाइम काम कर रहे हैं। दरअसल, उन्हें फाँसी के फंदे वाली रस्सी तैयार करने का जिम्मा दिया गया है। ऐसी कुल 10 रस्सियाँ तैयार की जा रही हैं। चर्चा है कि दिल्ली निर्भया गैंगरेप व हत्या के गुनहगारों को फाँसी के फंदे पर चढ़ाने के लिए इन्हीं रस्सियों का इस्तेमाल किया जाएगा।
बक्सर सेंट्रल जेल इस मामले में हमेशा से आगे बढ़ कर पहल करता रहा है। फ़रवरी 9, 2013 को जब आतंकी अफजल गुरू फाँसी के फंदे पर झूला था, तब तिहाड़ जेल ने बक्सर जेल से ही रस्सियाँ मँगाई थीं। अफजल गुरू 2001 में संसद भवन पर हुए हमलों में दोषी पाया गया था। गंगा नदी के किनारे स्थित बक्सर सेंट्रल जेल ऐसी रस्सियाँ तैयार करने के मामले में हमेशा अव्वल रहा है। पहले इन रस्सियों को ‘मनीला रोप’ भी कहा जाता था। बक्सर जेल सुपरिटेंडेंट वोइजे कुमार अरोड़ा ने इस बारे में बात करते हुए कहा:
“मुझे वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा निर्देश दिया गया है कि हमें 10 रस्सियाँ तैयार कर के रखनी हैं। मुझे तो ये भी नहीं पता कि इतनी बड़ी संख्या में फाँसी के फंदों वाली रस्सियों की माँग किस जेल ने की है? लेकिन हमलोग पूरी मेहनत से अपना काम करने में लगे हुए हैं।”
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से दरख्वास्त किया है कि निर्भया गैंगरेप व हत्या के एक दोषी की दया याचिका खारिज कर दी जाए। इसके बाद से ही इस मामले में सुगबुगाहट बढ़ गई है। जेल के एक अधिकारी ने पहचान उजागर न करने की शर्त पर ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ को बताया कि गृह मंत्रालय के इस निवेदन के आलोक में यही प्रतीत होता है कि निर्भया गैंगरेप व हत्या के दोषियों को जल्द ही फाँसी मिलने वाली है।
बक्सर जेल में अभी भी कुछ ऐसे अपराधी हैं, जिन्होंने अफजल गुरू के फाँसी का फंदा तैयार किया था। उन्हें धागों का प्रयोग कर के मजबूत रस्सियाँ बनाने का पुराना तकनीकी अनुभव है। 7 लोग मिल कर लगातार 4 दिन पूरी लगन से काम करते हैं, तब जाकर ऐसी एक रस्सी तैयार होती है। अफजल गुरू को फाँसी पर लटकाने के लिए जिस रस्सी का प्रयोग किया गया था, उसे बनाने में 1725 रुपए ख़र्च आए थे। चूँकि अब धागों व इसमें प्रयोग होने वाली अन्य चीजों के दाम बढ़ गए हैं, इस बार ख़र्च ज्यादा आएगा।
#BuxarJail is said to be the only prison in the country where #Manilaropes also known as hanging ropes, are manufactured. #Bihar #Nirbhaya #Patna #RamNathKovind #Hyderabad #AfzalGuruhttps://t.co/zjFANjgSZB
— The Statesman (@TheStatesmanLtd) December 8, 2019
इस रस्सी को बनाने में प्रयोग किए जाने वाले ‘Brass Bush’ की क़ीमत में भी उछाल आया है। फाँसी के फंदे वाली रस्सी की लम्बाई उस व्यक्ति से 1.6 गुना ज्यादा होनी चाहिए, जिसे उस पर झुलाया जाएगा। गया स्थित मानपुर के टेक्सटाइल व्यापारी अब तक इसके लिए धागों की सप्लाई करते आए हैं। इससे पहले इन्हें पंजाब के भटिंडा से ख़रीदा जाता था। अब तक सामान्यतः बक्सर जेल देश में अकेला ऐसा जेल था, जहाँ ये रस्सियाँ बनाई जा रही थीं। लेकिन, अब कई अन्य जेल भी इस मामले में आगे बढ़ कर काम कर रहे हैं।
1930 से ही ‘मनीला रोप’ तैयार कर रहे बक्सर जेल के अधिकारी गर्व से बताते हैं कि उनकी बनाई रस्सियाँ आज तक कभी भी विफल नहीं हुई हैं और अपराधी की मृत्यु ज़रूर हुई है। 1992 और 1995 में भागलपुर जेल में बंद कुछ अपराधियों को फाँसी पर लटकाया गया था, तब बक्सर जेल ने ही रस्सियाँ सप्लाई की थी। पश्चिम बंगाल में बलात्कारी धनंजय चटर्जी भी बक्सर जेल की बनी रस्सी से ही फाँसी पर झूला था। जेल के आईजी ने कहा कि फाँसी पर लटकने की प्रक्रिया में विलम्ब न हो, इसीलिए एडवांस में ही रस्सियाँ तैयार की जा रही हैं।
CRPF हमला: 4 जिहादियों शरीफ़, फ़ारूक़, सलाउद्दीन और इमरान को फाँसी, 2 हैं पाकिस्तानी
निर्भया के बलात्कारियों और फाँसी के बीच अब सिर्फ दया याचिका, जेल अधीक्षक ने दे दिया नोटिस