केवल हलाल मांस बेचना मैक्डॉनल्ड्स इंडिया को भारी पड़ सकता है। इस संबंध में मिले लीगल नोटिस का जवाब देने से वह बच रहा है। कानून के जानकारों के मुताबिक मैक्डॉनल्ड्स इंडिया का यह बिजनेस मॉडल न केवल संवैधानिक मूलभूत अधिकारों का, बल्कि एससी/एसटी एक्ट का भी उल्लंघन है।
इसी साल अगस्त में ग्लोबल फ़ास्ट-फ़ूड चेन मैक्डॉनल्ड्स ने कबूल किया था कि गैर-मुस्लिमों के साथ भेदभाव भारत में उसके बिज़नेस मॉडल का हिस्सा है। उसने अपने सभी रेस्तरां में केवल हलाल मांस बेचने और उनके हलाल प्रमाणित होने की बात कही थी। हलाल पशु वध का एक इस्लामी तरीका है, जो बेहद क्रूर होता है। साथ ही इसकी पूरी प्रक्रिया में गैर मुस्लिम शामिल नहीं हो सकते।
इस कबूलनामे के बाद सामाजिक कार्यकर्ता हरीश शर्मा की तरफ से वकील ईशकरण भंडारी ने मैक्डॉनल्ड्स इंडिया को लीगल नोटिस भेजा था। नोटिस मैक्डॉनल्ड्स इंडिया के ज्वाइंट वेंचर पाटर्नर और मैनेजिंग डायरेक्टर द्वय अमित जाटिया तथा विक्रम बख्शी को भेजा गया था।
नोटिस में मैक्डॉनल्ड्स इंडिया के अगस्त के कबूलनामे का हवाला देते हुए उससे झटका मांस की नीति के बारे में स्पष्टीकरण मॉंगा गया था। पशु वध का यह तरीका कम क्रूर होता है। ज्यादातर हिंदू और सिख इसी तरीके के मांस का उपयोग करते हैं।
हलाल से जुड़े मैक्डॉनल्ड्स के गाइडलाइन के मुताबिक पशु वध की पूरी प्रक्रिया और उसके पैकेजिंग में केवल मुस्लिमों को ही शामिल किया जाता है। इस व्यवसाय से जुड़े अन्य धर्म के लोगों के साथ भेदभाव करने की बात मानते हुए वह उन्हें कारोबार के लिए बराबरी का मौका मुहैया कराने से इनकार करता रहा है।
नोटिस में केवल हलाल मांस बेचने के ट्वीट का जिक्र करते हुए कहा गया है कि एक खास तरह का ही मांस परोसना सामाजिक, नस्लीय और धार्मिक आधार पर भेदभाव नहीं करने के संविधान के मूलभूत अधिकार का उल्लंघन है। नोटिस में यह भी कहा गया है कि कई समुदाय के लोग हलाल मांस का इस्तेमाल नहीं करते। ऐसे में केवल हलाल मांस परोस मैकडॉनल्ड्स उनकी धार्मिक भावनाओं को आहत कर रहा है। लीगल नोटिस में मैकडोनॉल्डस यूके और कनाडा के बयान का भी उल्लेख है, जो कहते हैं कि उनके रेस्तरां में हलाल मांस नहीं परोसा जाता और इसकी सेवा शुरू करने की उनकी कोई योजना भी नहीं है।
As explained on our website, none of our food is certified as Halal, and McDonald's U.K. has no current plans to introduce Halal food to the menu at any McDonald's restaurant. Thanks.
— McDonald's UK (@McDonaldsUK) August 26, 2019
फूड चेन से 15 दिनों के भीतर नोटिस का जवाब मॉंगा गया था। मैकडॉनल्ड्स ने सभी आरोपों से इनकार करते हुए विस्तार से जवाब देने के लिए और वक्त मॉंगा। लेकिन, मैकडॉनल्ड्स की खत्म होती नहीं दिख रही। इसे देखते हुए वकील भंडारी ने बताया कि वे रिमांइडर भेजने की तैयारी कर रहे हैं। भंडारी ने ऑप इंडिया को बताया कि केवल हलाल मांस बेच कर मैकडॉनल्ड्स एससी/एसटी एक्ट का भी उल्लंघन कर रहा है। झटका मांस की प्रोसेसिंग से जुड़े ज्यादातर लोग एससी और एसटी ही हैं।