एक महीने पहले एक मस्जिद में क़ुरान जलाने की घटना पुलिस ने सफलतापूर्वक सुलझा ली है। मामला जालंधर का है, जब नकोदर के नजदीक खानपुर ढड्डा गाँव में स्थित एक मस्जिद में कुरानशरीफ सहित कई मज़हबी पुस्तकों को जला डाला गया था। फिजिक्स और अंग्रेजी की पुस्तकें भी जलाई गई थीं। पुलिस ने इस गुत्थी को सुलझा लिया है। मस्जिद का केयरटेकर ही ने ही इस कृत्य को अंजाम दिया था।
6 जुलाई को मुख़्तार अली ने शिकायत दर्ज कराई थी कि जब वह मस्जिद के दरवाजे पर पहुँचे, तब उन्होंने देखा कि मस्जिद का दरवाजा खुला हुआ था और प्रवेश द्वार का टाला टूटा हुआ था। जब वे मस्जिद के अंदर पहुँचे, तब उन्होंने देखा कि कुरान, अन्य मज़हबी पुस्तकें, चटाइयाँ और चादर जली हुई अवस्था में जमीन पर पड़े हुए थे। शिकायतकर्ता ने अंदेशा जताया कि शरीफ मोहम्मद उर्फ़ विक्की ने ये सब किया है।
पुलिस ने विक्की को गिरफ़्तार कर शुरुआती जाँच के बाद उसे रिहा कर दिया गया। वह निर्दोष साबित हुआ। पुलिस ने मामले की जाँच के लिए एक एसआईटी का गठन किया। इसके अलावा कुछ बुद्धिजीवी मुस्लिमों की एक कमिटी भी बनाई गई, जिसका उद्देश्य पुलिस की मदद करना था ताकि दोषी को जल्द से जल्द पकड़ा जा सके। शनिवार (अगस्त 3, 2019) को पुलिस ने मस्जिद की देखभाल करने वाली व्यक्ति शौकत अली को गिरफ्तार कर लिया।
Another case of Muslims faking a hate-crime surfaces in Jalandhar, India. Cops solve a month-old case of sacrilege. Mosque caretaker, Shaukat Ali himself burnt a copy of Quran to implicate one Mohammed who also ran a mausoleum and made more money than him. https://t.co/wngsZ74ma8
— Sonam Mahajan (@AsYouNotWish) August 7, 2019
शौकत अली के ख़िलाफ़ पुलिस के पास सबूत भी थे, जिसके बाद उसने अपना गुनाह स्वीकार कर लिया। शौकत अली की शरीफ मोहम्मद से दुश्मनी थी और बदले की भावना से उसे फँसाने के लिए उसने ऐसा किया। वह इस बात से नाराज था कि मोहम्मद उससे ज्यादा रुपए कमा रहा है।