इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) में सट्टेबाजी के मामले में शनिवार (14 मई 2022) को CBI ने बड़ी कार्रवाई की है। केंद्रीय जाँच एजेंसी ने खुलासा किया है कि 2019 के आईपीएल में पाकिस्तान से सट्टेबाजी नेटवर्क चलाया जा रहा था। इस मामले में सीबीआई ने एक केस दर्ज करते हुए तीन आरोपितों को गिरफ्तार किया है।
सीबीआई ने अपनी एफआईआर में कहा है कि सट्टेबाजी में शामिल आरोपित पाकिस्तान से मिले इनपुट्स के आधार पर आईपीएल के मैचों के रिजल्ट को प्रभावित कर रहे थे। इस मामले में गिरफ्तार किए गए तीन आरोपितों दिलीप कुमार, वासू गुरराम और सज्जन सिंह के अलावा गुरराम सतीश, प्रभुलाल मीणा ,अमित कुमार शर्मा और राम अवतार को भी आरोपित बनाया गया है।
अधिकारियों के मुताबिक, अवैध सट्टेबाजी का यह अंतरराष्ट्रीय रैकेट 2013 से काम कर रहा था। इसके तहत काम करने वाले जालसाजों के बैंक अकाउंट फर्जी पहचान का इस्तेमाल कर रहे थे। इसमें अज्ञात बैंक अधिकारियों की भी मिलीभगत है। इन्होने इन सट्टेबाजों के लिए डॉक्यूमेंट्स (आईडी और केवाइसी) बनवाने का काम किया। जाँच एजेंसी के मुताबिक, ये अकाउंट इन्हीं फर्जी दस्तावेजों के आधार पर खोले गए थे। एफआईआर में कहा गया है, “इस तरह की सट्टेबाजी गतिविधियों के लिए भारत की जनता से प्राप्त धन का एक हिस्सा हवाला लेनदेन का उपयोग करके विदेशों में स्थित उनके सहयोगियों के साथ भी साझा किया जा रहा है।”
सीबीआई का कहना है कि 2010 से सट्टेबाजी का ये रैकेट चलाया जा रहा है और इसमें कुछ सरकारी अधिकारियों भी मिलीभगत है। अब तक 10 करोड़ रुपए से अधिक का लेनदेन हो चुका है।
पाकिस्तानी नागरिक के संपर्क में थे सट्टेबाज
2013 से चल रहे सट्टेबाजी के इस रैकेट को पाकिस्तानी नागरिक वकास मलिक चला रहा था। उसके मोबाइल नंबर को भी ट्रेस कर लिया गया है। बहरहाल, सीबीआई की रडार पर कई शहरों के कई लोग हैं। हालाँकि, अभी तक सीबीआई ने ये खुलासा नहीं किया है कि किन मैचों को प्रभावित करने की कोशिशें की गई हैं।