बाबरी विध्वंस मामले में 27 साल से सुनवाई कर रही सीबीआई की एक विशेष अदालत अब 30 सितंबर को अपना फैसला सुनाएगी। अदालत ने इस मामले में आरोपित लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, कल्याण सिंह और उमा भारती, विनय कटियार को फैसले के दिन अदालत में उपस्थित रहने के निर्देश दिए हैं।
Special CBI judge SK Yadav to pronounce judgment in Babri Masjid demolition case, on September 30. Court has directs all accused to remain present in the court for hearing the judgment.
— ANI UP (@ANINewsUP) September 16, 2020
बता दें 6 दिसंबर, 1992 को विवादित ढाँचे को ध्वस्त करने के आरोप में 49 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था। जिनमें से 17 लोगों का निधन हो चुका है। वकील केके मिश्रा ने बताया कि सीबीआई की अदालत ने बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में अंतिम फैसला देने के लिए 30 सितंबर की तारीख तय की है। मिश्रा मामले के 32 में से 25 आरोपितों की वकालत कर रहे हैं, जिनमें भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, कल्याण सिंह, उमा भारती सहित कई अन्य शामिल हैं।
गौरतलब है कि 24 जुलाई को वरिष्ठ बीजेपी नेता लालकृष्ण आडवाणी ने 1992 बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में विशेष सीबीआई अदालत के सामने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए अपना बयान दर्ज कराया था। खुद को निर्दोष बताते हुए आडवाणी ने कहा था कि उन पर लगाए गए आरोप राजनीति से प्रेरित हैं।
इस मामले में मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती भी अपना बयान दर्ज करा चुके हैं और खुद को निर्दोष भी बता चुके हैं। जोशी ने उस वक्त केंद्र की तत्कालीन कॉन्ग्रेस सरकार पर आरोप लगाते हुए झूठे सबूत पेश करने की बात भी कही।
उल्लेखनीय है कि अयोध्या में छह दिसंबर 1992 को ‘कारसेवकों’ ने विवादित बाबरी मस्जिद के ढाँचे को गिरा दिया था। उनका दावा था कि मस्जिद की जगह पर राम का प्राचीन मंदिर हुआ करता था। राम मंदिर आंदोलन का नेतृत्व करने वाले लोगों में आडवाणी और जोशी भी शामिल थे।