उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने रविवार (2 अगस्त, 2020) को लैब टेक्निशियन संजीत यादव के अपहरण और हत्या के मामले की जाँच अब सीबीआई से करवाने का फैसला लिया है। संजीत कानपुर के बर्रा इलाके के रहने वाले थे। कुछ दिन पहले बदमाशों ने उनका अपहरण करने के बाद हत्या कर दी थी।
राज्य सरकार के अतिरिक्त मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी ने बताया कि सरकार ने संजीत यादव के परिवार वालों के आग्रह पर मामले की जाँच सीबीआई से कराने की सिफारिश करने का फैसला किया है।
On request of Sanjeet Yadav’s family,state govt has decided to recommend CBI (Central Bureau of Investigation) inquiry in Sanjeet’s kidnapping case:Chief Minister’s Office
— ANI UP (@ANINewsUP) August 2, 2020
Sanjeet was abducted,killed & his body was thrown in Pandu river by kidnappers on June 26-27,as per police
पुलिस के मुताबिक इस हत्याकांड में पाँच लोगों को गिरफ्तार किया गया है। जिनमें एक महिला (नीलू सिंह) और संजीत यादव के दो दोस्त ज्ञानेंद्र यादव, कुल्दीप गोस्वामी भी शामिल हैं। पुलिस इन आरोपितों का पूछताछ के लिए नार्को टेस्ट कराने की तैयारी कर रही है।
न्याय की माँग करते हुए संजीत यादव की बहन रुचि यादव ने अतिरिक्त महानिदेशक (ADG- पुलिस मुख्यालय) बीपी जोगदंड से मुलाकात की थी। यहाँ उन्होंने इस पूरे मामले की सीबीआई जाँच की माँग करते हुए संदेह जताया था कि हत्या के पीछे और भी लोग शामिल हो सकते हैं।
वहीं इस मामले को लेकर संजीत यादव के परिवार के सदस्य ने मीडिया के सामने यह दावा किया था कि उन्होंने पुलिस की मौजूदगी में एक फ्लाईओवर से रेलवे ट्रैक पर 30 लाख रुपए से भरा बैग फेंका था। इसके अलावा अपहरणकर्ताओं ने जो भी माँग रखी थी, वह भी पूरा किया था लेकिन अफसोस इतने के बाद भी संजीत को जिंदा नहीं छोड़ा गया।
मीडिया को दिए इस बयान को सर्कल ऑफिसर विकास पांडे ने गलत बताते हुए कहा था कि पुलिस की मौजूदगी में फिरौती की रकम नहीं दी गई थी। परिवार के सदस्य द्वारा लगाया गया यह आरोप गलत है।
वहीं इस मामले में पुलिस विभाग ने एसपी अपर्णा, एसओ रंजीत राय और दूसरे पुलिसकर्मियों को उनकी संदिग्ध भूमिका के लिए सस्पेंड कर दिया है।
गौरतलब है कि कानपुर के बर्रा में जून महीने में एक लैब टेक्नीशियन का काम करने वाले युवक संजीत का अपहरण हो गया था। यह मामला तब गरमाया, जब अपहृत के परिजनों ने पुलिस पर यह आरोप लगाया कि पुलिस के कहने पर उन्होंने 30 लाख रुपए की फिरौती अपराधियों को दे दी है। लेकिन फिर भी अपहृत युवक का कुछ पता नहीं चल सका है। ऐसे कई सवाल इस हत्याकांड के बाद उठ रहे हैं, जिनके जवाब पुलिस के पास भी नहीं हैं।