केंद्रीय जाँच ब्यूरो (CBI) ने शुक्रवार (8 मार्च 2024) को संदेशखाली में महिलाओं का यौन उत्पीड़न करने के आरोपित शाहजहाँ शेख के घर पर छापेमारी की। यह छापेमारी प्रवर्तन निदेशालय (ED) के अधिकारियों पर किए गए हमले के मामले में की गई है। वहीं, सत्ताधारी तृणमूल कॉन्ग्रेस (TMC) से बर्खास्त शाहजहाँ शेख पूछताछ में सीबीआई अधिकारियों को सहयोग नहीं कर रहा है।
ED के अधिकारियों पर हमले के संबंध में सबूत जुटाने के लिए अधिकारी संदेशखाली स्थित सरबेरिया के अकुंचीपारा इलाके में गए। इसके बाद अधिकारी उसके कार्यालय गए। छापेमारी करने वाली 14-सदस्यीय टीम में सीबीआई के छह अधिकारी और केंद्रीय फोरेंसिक के 6 अधिकारियों के अलावा प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारी भी शामिल थे। ईडी के यही दो अधिकारी हमले में घायल हुए थे।
न्यूज 18 की रिपोर्ट के मुताबिक, इस मामले में सीबीआई की टीम शाहजहाँ शेख से लगातार पूछताछ कर रही है। हालाँकि, वह सीबीआई के सवालों का सीधा-सीधा उत्तर देने की जगह अधिकारियों को उलझाने में लगा हुआ है। कभी बस कंडक्टर का काम करने वाले शाहजहाँ शेख की जन्म कुंडली बनाने में सीबीआई के आधा दर्जन अधिकारी लगे हुए हैं।
सीबीआई उससे जानना चाह रही है कि घटना वाले दिन ईडी अधिकारियों के उसके यहाँ जाने की खबर उसे कैसे मिली थी। क्या किसी सरकारी अधिकारी ने उसे यह खबर दी थी? इसके अलावा, बंगाल पुलिस के कई अधिकारी भी सीबीआई की रडार पर हैं। दरअसल, ईडी अधिकारियों पर हमले के बाद जो बयान दर्ज हुए थे, उससे संबंधित धाराएँ एफआईआर में नहीं जोड़ी गई हैं।
यह एफआईआर बंगाल पुलिस के SI पिनाकी सरकार द्वारा दर्ज की गई थी। इतना ही, घटना वाले दिन ईडी अधिकारियों के कई महत्वपूर्ण दस्तावेज, लैपटॉप, मोहर प्रिंटर मोबाइल फोन आदि भी गायब हुए थे। इनके बारे में बंगाल पुलिस अभी तक कोई सुराग नहीं लगा पाई है। इसको लेकर जाँच एजेंसी को डर है कि उनका गलत इस्तेमाल ना कर लिया जाए।
दरअसल, प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारी राज्य के राशन घोटाले की जाँच के सिलसिले में 5 जनवरी 2024 को उसके घर पर छापेमारी करने गए थे। इसी दौरान लगभग 3000 लोगों की भीड़ ने अधिकारियों पर हमला कर दिया था। इस हमले में कई अधिकारी और सीआरपीएफ के जवान घायल हो गए थे।
शाहजहाँ को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों पर हमले से संबंधित दो मामलों में गिरफ्तार किया गया है। ये अधिकारी राशन घोटाले के संबंध जाँच के लिए उसके आवास पर गए थे। इसी दौरान उन पर हमला हुआ था। अधिकारियों ने बताया, “उस पर 147 (दंगा) और 307 (हत्या का प्रयास) सहित भारतीय दंड संहिता (IPC) की विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया गया था।”
सामने आए रिमांड कॉपी के पहले पन्ने में कहा गया है कि शाहजहाँ ने जाँच अधिकारी के सामने अपना अपराध कबूल कर लिया है। उसने माना है कि ईडी अधिकारियों पर हमले में उसकी संलिप्तता थी। इसमें यह भी लिखा है कि शाहजहाँ एफआईआर में नामित आरोपित है। वह अपने क्षेत्र में प्रभावशाली है और जमानत पर रिहा होने के बाद उसके फरार होने और मामले के गवाहों को धमकी देने की पूरी आशंका है।
उसमें आगे कहा गया है कि इस हमले में बड़ी संख्या में उपद्रवी शामिल हैं, जिनकी सही ढंग से पहचान करना जरूरी है। शेख ही एकमात्र व्यक्ति है, जो फरार आरोपितों की जानकारी दे सकता है। इस मामले में अब तक लूटे गए सामानों की बरामदगी नहीं हो सकी है। आरोपित ने अपने गुर्गों द्वारा लूटे गए सामान को गुप्त स्थानों से बरामद करने में पुलिस की मदद करने का आश्वासन दिया है।
बता दें कि शाहजहाँ शेख को बंगाल पुलिस ने गुरुवार (29 फरवरी) की सुबह नॉर्थ 24 परगना के मीनाखान इलाके से उसे गिरफ्तार किया था। लगभग 55 दिन से फरार शेख को बशीरहाट कोर्ट में पेश किया गया, जहाँ से उसे 10 दिन की पुलिस रिमांड में भेज दिया गया है। वहीं, भाजपा ने आरोप लगाया है कि केंद्रीय एजेंसियों की गिरफ्तारी से बचाने के लिए बंगाल पुलिस ने हिरासत में लिया और उसे हर तरह की सुख-सुविधा उपलब्ध करा रही है।
वहीं, कलकत्ता हाईकोर्ट सोमवार (4 मार्च 2024) को संदेशखाली मामले की जाँच CBI को सौंपे जाने की याचिका पर सुनवाई करेगा। साउथ बंगाल के ADG सुप्रतिम सरकार ने बताया कि इस गिरफ्तारी में सेक्शुअल असॉल्ट का कोई मामला नहीं है। शाहजहाँ के खिलाफ कई मामले दर्ज किए गए हैं। हाल ही में दर्ज हुए मामले 2-3 साल पहले की घटनाओं के हैं और इनकी जाँच-पड़ताल में समय लगेगा।