Sunday, November 17, 2024
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विकास दिव्यकीर्ति के ‘दृष्टि’ समेत 20 UPSC कोचिंग संस्थानों को नोटिस, भरमाने वाला विज्ञापन के कारण जुर्माना: देखें लिस्ट में किस-किस के नाम

सीसीपीए की मुख्य आयुक्त ने आगे कहा कि उदाहरण के लिए, एक सेंटर ने दावा किया कि 2022 यूपीएससी परीक्षा में चयनित 933 में से 682 उसके पूर्व छात्र थे।

भारत में अब ऐसे IAS कोचिंग सेंटर चलाने वाले की खैर नहीं जो बेईमानी से कामयाबी दर का झूठा दावा कर लोगों को लुभाकर उन्हें अपने यहाँ बुलाते हैं। केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) इनके खिलाफ हरकत में आ चुका है। उसने ऐसे 20 कोचिंग सेटर को नोटिस थमाया तो 4 पर एक-एक लाख का जुर्माना लगा डाला है।

सीसीपीए के एक सीनियर अधिकारी ने सोमवार (23 अक्टूबर, 2023) को कहा कि भरमाने वाले विज्ञापन जारी करने वाले देशभर के 20 आईएएस कोचिंग संस्थानों को नोटिस भेजा है। सीसीपीए ने पाया है कि बड़े पैमाने पर धड़ल्ले से गलत तरीके से अधिकतर आईएएस कोचिंग संस्थान अपने विज्ञापनों में उन छात्रों को दिखाकर यूपीएससी परीक्षा में अपनी ‘सफलता दर’ का दावा करते हैं, जिन्होंने उनके केंद्रों पर केवल मॉक इंटरव्यू दिए थे न कि पूरा सिलेबस पढ़ा था।

इन कोचिंग सेंटर के बढ़ा-चढ़ाकर किए गए दावों का पैमाना इस कदर बड़ा है कि ये यूपीएससी को ही झूठे साबित करते नजर आते हैं। दरअसल, जहाँ यूपीएससी 2022 में 933 उम्मीदवारों का चयन किया गया था। वहीं 10 कोचिंग संस्थानों के विज्ञापनों में दावा किया गया था कि उनके 3500 से अधिक ‘पूर्व छात्रों’ का चयन किया गया है।

सीसीपीए ऐसे ही दिल्ली के 20 कोचिंग सेटर गलत कारोबारी तरीके के खिलाफ जाँच कर रहा है। इसके साथ ही उसने 4 ऐसे सेंटर राउज आईएएस स्टडी सर्किल, चहल अकादमी,आईक्यूआरए आईएएस और आईएएस बाबा पर एक-एक लाख रुपए का जुर्माना ठोका है।

हालाँकि, दो संस्थानों ने सीसीपीए की कार्रवाई को चुनौती दी है। जुर्माने के आदेश के खिलाफ राउज आईएएस स्टडी सर्किल राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निपटान आयोग में अपील दायर की है तो वहीं ‘आईएएस बाबा’ ने इसके खिलाफ स्टे ले लिया है।

वहीं सीसीपीए ने कहा है कि भ्रामक विज्ञापन आईएएस बनने के इच्छुक उम्मीदवारों के फैसले पर असर डालते हैं। उसने कोचिंग सेंटर्स से अपने दावों को साबित करने के लिए कहा है और उन पाठ्यक्रमों या विषयों के बारे में “ईमानदार खुलासा” भी करने को कहा है जिनके लिए सफल छात्रों ने उनसे कोचिंग ली है।

सीसीपीए की मुख्य आयुक्त निधि खरे के मुताबिक, “पिछले डेढ़ साल में कोचिंग सेंटर्स को अपने सफल छात्रों के बारे में जानबूझकर अहम जानकारी छिपाने के लिए नोटिस जारी किए गए हैं। हम उनके विज्ञापनों के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन उन्हें सभी जानकारी ईमानदारी से देनी चाहिए। यदि सही खुलासे होंगे तो धोखा कम होगा।”

उन्होंने आगे कहा कि सीसीपीए ने ऐसे विज्ञापनों पर स्वत: संज्ञान लेते हुए उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम,2019 की धारा 2(28) के प्रावधानों के उल्लंघन के लिए इन सेंटर्स के खिलाफ नोटिस जारी किया था।

सीसीपीए के मुताबिक, वाजीराव एंड रेड्डी इंस्टीट्यूट, चहल अकादमी, खान स्टडी ग्रुप आईएएस, एपीटीआई प्लस, एनालॉग आईएएस, शंकर आईएएस, श्रीराम आईएएस, बायजू आईएएस, अनएकेडमी, नेक्स्ट आईएएस, दृष्टि आईएएस,आईक्यूआरए आईएएस, विजन आईएएस, आईएएस बाबा, योजना आईएएस,प्लूटस आईएएस,एएलएस आईएएस, राउज आईएएस स्टडी सर्किल को नोटिस भेजा गया।

खरे ने आगे बताया, “सीसीपीए के कोचिंग सेंटर्स को उनके दावों का विवरण माँगने के लिए जारी स्वत: संज्ञान नोटिस के जवाब में अधिकांश ने जवाब दिया हैं। इसमें उन्होंने स्वीकार किया है कि उनके विज्ञापनों में दिखाए गए यूपीएससी के कामयाब उम्मीदवारों केवल मॉक इंटरव्यू और इंटरव्यू गाइडेंस प्रोग्राम में शामिल हुए थे। सीसीपीए ने पाया कि कोचिंग सेंटर्स ये सब मुफ्त में करते हैं क्योंकि यह उनके (सेंटर्स) फायदे में है।”

सीसीपीए की मुख्य आयुक्त ने आगे कहा कि उदाहरण के लिए, एक सेंटर ने दावा किया कि 2022 यूपीएससी परीक्षा में चयनित 933 में से 682 उसके पूर्व छात्र थे। हालाँकि, CCPA नोटिस के जवाब में सेंटर ने कहा कि 673 छात्रों ने केवल मॉक इंटरव्यू दिया था और बाकि नौ ने टेस्ट सीरीज़ और सामान्य अध्ययन जैसे पाठ्यक्रम लिए थे।

खरे ने आगे बताया, “किसी भी विज्ञापन में यह जिक्र नहीं है कि सफल उम्मीदवारों ने केवल मॉक इंटरव्यू दिए। इससे ऐसी धारणा बनती है जैसे कि परीक्षा पास करने वाले सभी लोगों ने इन सेंटर्स में पूरा कोर्स किया है, जो भ्रामक है।” उन्होंने कहा कि भ्रामक विज्ञापन उम्मीदवारों को यह सोचने के लिए प्रेरित कर सकते हैं कि जब तक वे विज्ञापन देने वाले सेंटर में दाखिला नहीं होंगे, वे आईएएस, जेईई या एनईईटी जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं में कामयाब नहीं हो पाएँगे।

अधिकारियों ने कहा कि आईएएस कोचिंग सेंटर प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा के बाद शॉर्टलिस्ट किए गए उम्मीदवारों को मुफ्त मॉक इंटरव्यू सत्र के लिए आमंत्रित करते हैं, ताकि उनके सफल होने के वो उनके सेंटर के पूर्व छात्र होने का दावा कर सकें।

कई मामलों में ये मॉक इंटरव्यू मुश्किल से कुछ घंटों के लिए होते हैं। इसलिए, सेंटर्स कम से कम कुछ ऐसे उम्मीदवारों का चयन करने में कामयाब हो जाते हैं जिन्होंने उनके मुफ्त मॉक इंटरव्यू वाले सेशन का फायदा उठाया था। सीसीपीए के मुताबिक, देश में कोचिंग कारोबार का मौजूदा राजस्व करीब 58,088 करोड़ रुपए है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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