इस साल जिन लोगों को पद्म पुरस्कारों से नवाजा गया है, उनमें एक नाम चंद्रप्रकाश द्विवेदी (Chandraprakash Dwivedi) का भी है। इस फिल्म निर्देशक और पटकथा लेखक को पद्मश्री (Padam Shri) से सम्मानित किया गया है। 90 के दशक में दूरदर्शन पर प्रसारित हुए धारावाहिक चाणक्य (Chanakya) के वे निर्देशक हैं। चाणक्य की भूमिका भी उन्होंने ही निभाई थी। उनके किरदार ने देश के घर-घर में चाणक्य को पहुँचाने का काम किया।
उन्होंने ‘मृत्युंजय’, ‘एक और महाभारत’, ‘उपनिषद गंगा’ जैसे शो भी बनाए हैं। फिल्मों की बात करें तो वह ‘पिंजर’, ‘जेड प्लस’, ‘मोहल्ला अस्सी’ जैसी फिल्मों का निर्देशन कर चुके हैं। आने वाली फिल्मों में ‘पृथ्वीराज’ शामिल है। महाराजा पृथ्वीराज चौहान की इस कहानी में अक्षय कुमार शीर्ष भूमिका रहे हैं। वे अक्षय कुमार की फिल्म ‘राम सेतु’ को प्रोड्यूस भी कर रहे हैं।
पद्मश्री से सम्मानित होने को लेकर निर्देशक चंद्रप्रकाश द्विवेदी ने खुशी जताई और कहा, “मुझे हमेशा लगता है कि इस तरह की पहचान आपको अधिक जोखिम भरे प्रोजेक्ट लेने के लिए ताकत और साहस देती हैं। मैं ऐतिहासिक काम करता रहा हूँ, मैंने कभी किसी अन्य चीज को आगे बढ़ाने के बारे में नहीं सोचा था। लेकिन जब आपको आपकी सरकार द्वारा प्रोत्साहित किया जाता है, तो आपको लगता है कि आपको इसे और अधिक करना है। इस क्षेत्र में और लोगों को तैयार करना है।” उन्होंने कहा, “मैं हमेशा ऐसा व्यक्ति रहा हूँ जिसने हमारे देश के इतिहास और संस्कृति में डूबी एक कहानी बताने की कोशिश की है और मैं इस पुरस्कार को अपने देश को समर्पित करता हूँ।”
‘आज तक’ से द्विवेदी ने कई मुद्दों पर बात की है। इस दौरान हिंदुत्व और राष्ट्रवाद से जुड़े सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि फिल्मों में राष्ट्रवाद क्यों नहीं होना चाहिए? अगर यह नहीं होगा तो क्या लोग अमेरिका या इंग्लैंड का एजेंडा लेंगे? उन्होंने क्रिटिक को लेकर भी बात की। कहा कि पहले समीक्षक फिल्म मेकर्स को डराया करते थे। लेकिन अब सोशल मीडिया पर लोग खुल कर बात करने लगे हैं। इसलिए क्रिट्क्स द्वारा एक या दो स्टार देने वाले फिल्म भी बॉक्स ऑफिस पर धूम मचा देती है।
उन्होंने कहा, “जब से ये फेसबुक व सोशल मीडिया आया है, उन्होंने औकात दिखा दी है क्रिटिक्स को। जिसे एक या दो स्टार मिलते हैं, वैसी फिल्म बॉक्स ऑफिस के रेकॉर्ड्स तोड़ रही हैं। आपके रिव्यू का सम्मान है, लेकिन आप कोई ब्रह्म वाक्य नहीं लिख रहे हैं। जब मैंने चाणक्य बनाई थी, तो मुझ पर भी नेशनलिस्ट का आरोप लगा। आज चाणक्य कल्ट माना जाता है।”
इस दौरान उन्होंने सरकार द्वारा अपने फेवरेट लोगों को अवॉर्ड देने के आरोप को भी नकारा। उन्होंने कहा कि जब आपकी जमीन मजबूत होती है और आप सच बोलते हैं तो कोई सरकार आपको बाध्य नहीं कर सकती। चाणक्य का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि उस समय कॉन्ग्रेस की सरकार थी और उन्हें विरोध झेलना पड़ा था। लेकिन जब पिंजर के लिए अवॉर्ड मिला तब भी कॉन्ग्रेस की ही सरकार थी। इसी तरह जब मोहल्ला को लेकर विवाद हुआ उस समय भाजपा की सरकार थी।
गौरतलब चंद्रप्रकाश द्विवेदी का जन्म साल 1960 में राजस्थान के सिरोही जिले में हुआ था। द्विवेदी पेशे से एक डॉक्टर हैं। लेकिन साहित्य और इतिहास में गहरी रूचि के चलते उन्होंने डॉक्टरी का पेशा छोड़ थिएटर से अपना करियर शुरू किया था।