विवेक करीब आठ साल का था। चंडीगढ़ में रहता था। एक दिन घर से स्कूल के लिए निकला और वापस नहीं लौटा। अब आठ साल बाद वह उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर से मिला है। उसका नाम ‘मोहम्मद उमर’ रख दिया गया था।
विवेक को अब उसके परिवार को सौंप दिया गया है। मामले में चार लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। इनमें एक मौलवी, एक मौलाना, एक ग्राम प्रधान भी शामिल है। इस संबंध में FIR 14 अक्टूबर 2023 को दर्ज हुई थी। बताया जाता है कि आरोपितों में से एक को जमानत मिल चुकी है, जबकि तीन अभी भी फरार हैं।
चंडीगढ़ से लाए जाने के बाद विवेक का धर्मांतरण सहारनपुर जिले के एक मदरसे मे हुआ था। यहीं उसका नाम विवेक से बदल कर मोहम्मद उमर रखा गया था। उसका खतना भी कराया गया था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मामला मुजफ्फरनगर के चरथावल थाना क्षेत्र का है। मूलतः हरदोई जिले के वीरेंद्र चंडीगढ़ में मजदूरी कर परिवार पालते थे। एक दिन उनका बेटा विवेक चंडीगढ़ के रायपुर कला से लापता हो गया। 17 मार्च 2016 को उन्होंने चंडीगढ़ के मौलीजागरा थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई। तब उनका बेटा कक्षा 4 का छात्र था। पुलिस उनके बेटे का पता लगाने में नाकाम रही।
4 अक्टूबर 2023 को मुजफ्फरनगर के एक आधार कार्ड सेंटर पर मतलूब नाम का व्यक्ति पहुँचा। उसने मोहम्मद उमर को अपना बेटा बताते हुए आधार कार्ड में पता बदलने को कहा। सेंटर चलाने वाले ने आधार कार्ड पर नाम विवेक, पिता का नाम वीरेंद्र कुमार और पता चंडीगढ़ देखा। शक होने पर उसने इसकी जानकारी लुहारी खुर्द गाँव के प्रधान जैकी सैनी को दी।
ग्राम प्रधान जैकी सैनी के मामले की सूचना पुलिस को दी। पुलिस ने विवेक को कस्टडी में लिया और उसके परिजनों को बुलवाया। तब विवेक के धर्म परिवर्तन सहित उसे मदरसे आदि में रखने के मामले का खुलासा हुआ। पूछताछ में पता चला कि विवेक का धर्मान्तरण सहारनपुर जिले के रामपुर मनिहारान में पड़ने वाले जामिया उस्मानिया रहमानिया नाम के मदरसे में वहाँ के मौलवी की मौजूदगी में हुआ था। इस मामले में मुजफ्फरनगर के गाँव नगलाराई के प्रधान अफसरूल को भी नामजद किया गया है।
मुजफ्फरनगर के पत्रकार समर ठाकुर के मुताबिक मदरसे का मौलवी और गाँव के प्रधान आपस में रिश्तेदार हैं। वहीं से उमर बने विवेक को मुजफ्फरनगर भेज दिया गया। पुलिस को दी गई शिकायत में आरोप है कि चंडीगढ़ से युवक को मतलूब नाम का व्यक्ति ही लेकर आया था। धर्मान्तरण के इस मामले में चौथे आरोपित के तौर पर मौलाना मुकर्रम जमाल को नामजद किया गया है। वीरेंद्र की इस तहरीर पर पुलिस ने चारों आरोपितों के खिलाफ IPC की धारा 420 के तहत उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम के तहत FIR दर्ज कर ली है।
ऑपइंडिया के पास FIR कॉपी मौजूद है। विवेक को उनके परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया है। हालाँकि उससे पहले ही इस रैकेट का भंडा फूट गया। मतलूब को जमानत मिल चुकी है। ग्राम प्रधान अफसरूल और जामिया उस्मानिया इस्लामिया मदरसे का मौलवी और अब मौलाना मुकर्रम जमाल फरार बताए जा रहे हैं।
ऑपइंडिया ने इस मामले में विवेक से बात की। विवेक के मुताबिक उन्हें याद नहीं है कि चंडीगढ़ से उन्हें कौन और कैसे लाया था। विवेक को अपने साथ सहारनपुर के बाद की घटनाएँ याद थीं। विवेक ने हमें बताया कि अब वह भैंसे का गोश्त खाते हैं। हमें बताया गया कि उसके निकाह के लिए लड़की भी देखी जा रही थी।