इस साल की चार धाम यात्रा रद्द कर दी गई है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि देश में बढ़ रहे कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते यह निर्णय लिया गया है। मुख्यमंत्री रावत ने कहा, “उत्तराखंड सरकार के द्वारा इस वर्ष चार धाम यात्रा रद्द करने का निर्णय लिया गया है। देश में Covid-19 के बढ़ते संक्रमण के चलते यह निर्णय लिया गया है कि चार धाम मंदिरों में सिर्फ पुजारी ही पूजा और विभिन्न अनुष्ठान करेंगे।“
हालाँकि मंदिर के कपाट तय समय पर ही खुलेंगे। इस वर्ष 14 मई से चार धाम यात्रा शुरू होने वाली थी। उत्तराखंड में प्रत्येक वर्ष आयोजित होने वाली इस यात्रा में देश के कोने-कोने से श्रद्धालु शामिल होते हैं। इसके अंतर्गत केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री की यात्रा श्रद्धालुओं द्वारा की जाती है।
Uttarakhand government has suspended Char Dham Yatra this year in view of #COVID19 situation in the state. Only priests of the four temples will perform rituals and puja: Chief Minister Tirath Singh Rawat
— ANI (@ANI) April 29, 2021
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पिछले कुछ दिनों से वामपंथी और लिबरल मीडिया गिरोह चार धाम यात्रा और उत्तराखंड की भाजपा सरकार के खिलाफ प्रोपेगेंडा चला रहे थे। इनमें द वायर और द लॉजिकल इंडियन जैसे मीडिया समूह सबसे आगे हैं। द वायर ने लिखा कि हरिद्वार कुम्भ मेला में हुई आलोचना के बाद भी उत्तराखंड की सरकार चार धाम यात्रा की अनुमति दे रही है।
द लॉजिकल इंडियन ने भी चार धाम यात्रा को एक गलत निर्णय बताया। इसके अलावा इंडियन एक्स्प्रेस भी कुम्भ मेला पर उत्तराखंड सरकार की आलोचना कर चुका है, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हस्तक्षेप के बाद कुम्भ को प्रतीकात्मक बना दिया गया था।
गौरतलब है कि पिछले साल भी चार धाम यात्रा के दौरान कड़े प्रतिबंध थे। इसके कारण 2019 में आए 38 लाख श्रद्धालुओं के मुकाबले साल 2020 में मात्र 4 लाख श्रद्धालुओं ने चार धाम यात्रा में भाग लिया था। इस साल Covid-19 के बढ़ते संक्रमण के कारण चार धाम यात्रा को रद्द ही कर दिया गया है।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के आँकड़ों के अनुसार उत्तराखंड में 28 अप्रैल को 6054 नए संक्रमित मरीज मिले। राज्य में वर्तमान में 45,383 सक्रिय मरीज हैं। 28 अप्रैल को ही 3485 मरीज स्वस्थ हुए।