बीते दिनों जैन बेकर्स एंड कन्फेक्शनरी के एक विज्ञापन के कारण सोशल मीडिया पर काफी बवाल के बाद चेन्नई के टी नगर में बेकरी के मालिक प्रशांत को ‘धार्मिक भेदभाव’ करने के मामले में गिरफ्तार किया गया। उन पर मुस्लिम समुदाय की भावनाओं को आहत करने का आरोप लगा।
अब ताजा जानकारी के मुताबिक ऐसा लगता है कि बेकरी के मालिक ने स्थाई रूप से अपनी दुकान बंद कर दी है। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है, क्योंकि जब गूगल पर जैन बेकर्स एंड कन्फेक्शनरी के नाम से सर्च किया जाता है तो रिजल्ट ‘permanently closed’ लिखकर आता है।
Google business के मुताबिक जैन बेकर्स एंड कन्फेक्शनरी चेन्नई के टी नगर में है, जिसे नफरत फैलाने को लेकर स्थाई रूप से बंद कर दिया गया है। बताया जाता है कि गूगल पर कोई संस्थान तभी ‘permanently closed’’ दिखाई देता है, जब उस संस्थान का मालिक खुद ऐसा करे। संस्थान का मालिक ही ये तय कर सकता है कि उसके गूगल पेज पर कौन सी जानकारी सार्वजनिक रूप से दिखाई जाएगी और कौन सी नहीं। कोई तीसरा इसमें कोई छेड़-छाड़ नहीं करता है।
ऐसा लगता है कि संस्थान के मालिक और प्रमोटर्स ने सोशल मीडिया पर भद्दी गालियाँ और धमकी मिलने के बाद इसे बंद करने का फैसला कर लिया। बता दें कि लॉकडाउन की वजह से लगभग सारे रेस्टॉरेंट फिलहाल बंद हैं। हालाँकि, जब हम उन्हें गूगल पर सर्च करते हैं, तो उनके बिजनेस प्लेटफॉर्म पर ‘permanently closed’ की जगह ‘closed’ अथवा ‘temporarily closed’ लिखा हुआ दिखाई देता है।
उदाहरण के लिए बेंगलुरु के डोसा प्वाइंट, जो कि फिलहाल लॉकडाउन के मद्देनजर बंद हैं, को हम गूगल पर सर्च करते हैं, तो उसके बिजनेस प्लेटफॉर्म पर ‘Closed’ लिखा हुआ दिखाई देता है, न कि ‘permanently closed’।
ऑपइंडिया ने इस बाबत कुछ उद्यमियों से बात की, जो अपने बिजनेस को प्रमोट करने के लिए गूगल का इस्तेमाल करते हैं। उन्होंने ने भी यही बताया कि सिर्फ संस्थान ही अपने बिजनेस प्लेटफॉर्म पर बदलाव कर सकता है, कोई तीसरा इसमें कुछ नहीं कर सकता है। इनकी बात से इस बात की पुष्टि हो जाती है कि व्हाट्सएप पर सर्कुलेट किए गए विज्ञापन के बाद मिली धमकियाँ और गालियों की वजह से बेकरी के मालिक ने दुकान हमेशा के लिए बंद कर दी।
हालाँकि, इनमें से एक उद्यमी ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि हो सकता है कि बेकरी के कंटेंट के खिलाफ मास रिपोर्टिंग की गई हो, उनके कंटेट को आपत्तिजनक बताया गया हो, तो ऐसे में गूगल भी उनके बिजनेस प्लेटफॉर्म को बंद कर सकता है। ऐसे में संभव है कि बेकरी के मालिक ने बंद न किया हो, गूगल ने कर दिया हो।
ऑपइंडिया ने जैन बेकर्स एंड कन्फेक्शनरी से भी बात करने की कोशिश की, मगर नंबर आउट ऑफ सर्विस होने की वजह से संपर्क नहीं हो पाया। उनसे संपर्क होते ही हम रिपोर्ट को अपडेट कर देंगे।
उल्लेखनीय है कि बेकरी मालिक ने अपने प्रोडक्ट को लेकर एक विज्ञापन छपवाया था। विज्ञापन में अन्य जानकारियों के साथ लिखा था “Made by Jains on orders, no Muslim staffs”। यानी ऑर्डर पर सामान जैनी तैयार करते हैं, यहॉं कोई मुस्लिम काम नहीं करता। व्हाट्सएप पर इस विज्ञापन के वायरल होने के बाद पुलिस ने बेकरी के मालिक प्रशांत को गिरफ्तार किया।
हालाँकि, बाद में पता चला कि जिस तस्वीर पर विवाद बढ़ा, वो तस्वीर फोटोशॉप की गई थी। जिसे रिजवान निजामी, बेकरी की छवि बिगाड़ने के लिहाज से सर्कुलेट कर रहे थे। मगर, अब सच्चाई का खुलासा होते ही रिजवान के ऊपर एफआईआर दर्ज करवा दी गई है।
एडवोकेट चाँदनी शाह ने ट्विटर पर इसकी जानकारी देते हुए लिखा था, “बेकरी के कर्मचारियों ने स्पष्ट कहा है कि ये तस्वीर व्हॉट्सअप पर इसलिए भेजी गई थी क्योंकि कुछ लोग लगातार उनसे पूछ रहे थे कि उनकी बेकरी में खाना कहीं स्पेशल कम्यूनिटी वाले तो नहीं बनाते? मगर रिजवान निजामी ने फोटोशॉप तस्वीर को फैलाया ताकि बेकरी को बदनाम कर सके। मैंने इस उद्दंडता पर एफआईआर दर्ज करा दी है।”