छत्तीसगढ़ के दुर्ग से एक हिंदू युवक को आधार कार्ड में मुस्लिम बना देने का मामला सामने आया है। पीड़ित का नाम सोनू तिवारी है। उसके पिता शिव कुमार तिवारी है। लेकिन आधार कार्ड में उसका नाम फिरोज अंसारी और पिता का नाम राजू अंसारी कर दिया गया है।
शैक्षणिक प्रमाण-पत्रों में सोनू और उसके पिता का असली नाम दर्ज है। अब आधार कार्ड में हुए इस ‘खेल’ को दुरुस्त करवाने के लिए वह दफ्तरों के चक्कर काट रहा है। सोनू के अनुसार उसकी पहचान बदलने का ‘खेला’ उसकी माँ और मामा ने ही किया है। उसकी माँ परवीन बानो मुस्लिम है।
दैनिक भास्कर ने सोनू की पीड़ा को लेकर विस्तार से रिपोर्ट छापी है। रिपोर्ट के मुताबिक यह मामला दुर्ग जिले के कसारीडीह इलाके का है। सोनू के पिता शिव कुमार तिवारी अपने इलाके के हिस्ट्रीशीटर थे और मुस्लिम महिला परवीन बानो से लव मैरिज की थी। 8 सितंबर 1992 को परवीन ने एक बच्चे को जन्म दिया। इस बच्चे का नाम सोनू तिवारी रखा गया।
पीड़ित ने बताया कि उसकी प्रारम्भिक शिक्षा-दीक्षा सोनू तिवारी के ही नाम से कसारीडीह के प्राइमरी स्कूल में हुई। इस स्कूल से मिली टीसी और मार्कशीट में भी उसका नाम सोनू तिवारी दर्ज है। उसकी पढ़ाई के ही दौरान शिवकुमार तिवारी को किसी मामले में जेल हो गई। पिता के जेल जाने के बाद परवीन अपने बच्चे के साथ मायके चली आई। यहाँ सोनू तिवारी का नया आधार कार्ड बनवाया गया। इस आधार कार्ड में सोनू का नाम फ़िरोज़ अंसारी कर दिया गया।
सोनू का कहना है कि आधार कार्ड में उसके पिता का भी नाम बदला दिया गया है। शिव प्रसाद तिवारी की जगह आधार कार्ड में राजू अंसारी लिखा हुआ है। इसी आधार कार्ड पर सोनू तिवारी का ड्राइविंग लाइसेंस भी फ़िरोज़ अंसारी के नाम से बनवा दिया गया। सोनू तिवारी ने इस साजिश में अपने मामा की मिलीभगत भी बताई है। फ़िलहाल सोनू अपनी असली पहचान वापस पाने की लड़ाई लड़ रहा है।
वह 2 साल से जिले के तमाम प्रशासनिक अधिकारियों को प्रार्थना पत्र दे कर इस गलती को दुरुस्त करने की गुहार लगा रहा है। सोनू का कहना है कि वह हिंदू है और इसी पहचान के साथ रहना चाहता है। उसने SDM को इस संबंध में आवेदन दिया है। बताया जाता है कि अब उसकी माँ ने भी सहमति दे दी है। SDM मुकेश रावटे के अनुसार मामले में जाँच कर नियमानुसार निर्णय लिया जाएगा।