Sunday, November 17, 2024
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छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के हमले में 3 जवान बलिदान, 14 घायल: एयरलिफ्ट कर रायपुर भेजा गया

छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के टेकलगुड़ेम पुलिस कैंप पर नक्सलियों ने बड़ा हमला किया है। इस हमले में 3 जवान बलिदान हो गए हैं, जबकि लगभग 15 जवान घायल हैं। घायलों को जगदलपुर रायपुर ले जाया गया है। इनमें 4 जवानों की हालत गंभीर है, जबकि अन्य खतरे से बाहर हैं। साल 2021 में टेकलगुड़ेम में ही नक्सलियों के हमले में 23 जवान वीरगति को प्राप्त हो गए थे।

छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के टेकलगुड़ेम पुलिस कैंप पर नक्सलियों ने बड़ा हमला किया है। इस हमले में 3 जवान बलिदान हो गए हैं, जबकि लगभग 14 जवान घायल हैं। घायलों को जगदलपुर रायपुर ले जाया गया है। इनमें 4 जवानों की हालत गंभीर है, जबकि अन्य खतरे से बाहर हैं। बता दें कि साल 2021 में टेकलगुड़ेम में ही नक्सलियों ने हमला किया था, जिसमें 23 जवान वीरगति को प्राप्त हो गए थे।

रिपोर्ट के मुताबिक, मंगलवार (30 जनवरी 2024) को जोनागुड़ा-अलीगुड़ा क्षेत्र में सुरक्षाबलों की टीम सर्च ऑपरेशन चला रही थी। इस टीम में सीआरपीएफ की कोबरा, एसटीएफ और डीआरजी के जवान शामिल थे। दोपहर 3 बजे के करीब घात लगाए नक्सलियों ने सुरक्षाबलों की टीम पर फायरिंग शुरू कर दी। इसके बाद सुरक्षाबलों ने भी अपनी पोजिशन सँभाल ली और दोनों तरफ से फायरिंग हो ने लगी।

दरअसल, पुलिस और नक्सलियों के बीच यह मुठभेड़ जगरगुंडा थाना क्षेत्र के टेकलगुड़ेम गाँव में हुई है। टेकलगुड़ेम गाँव में एक नया पुलिस कैंप खोला गया है। इसी कैंप से सुरक्षाबल सर्च ऑपरेशन के लिए निकले थे। इसके बाद टीम पर माओवादियों ने हमला कर दिया। चार घंटों तक चली मुठभेड़ में सुरक्षाबलों को भारी पड़ता देख नक्सली जंगल की आड़ लेकर भागने में कामयाब हो गए हैं।

गौरतलब है कि टेकलगुड़ा में ही 3 अप्रैल 2021 में सुरक्षाबलों और नक्सली की मुठभेड़ में 23 जवान बलिदान हो गए थे, जबकि 35 से ज्यादा घायल हो गए थे। इस मुठभेड़ में करीब 350 से 400 नक्सली शामिल थे। इनमें माओवादियों के बड़े लीडर भी मौजूद थे। जवानों पर BGL (बैरल ग्रेनेड लॉन्चर) दागा गया था।

इतना ही नहीं, इस दौरान नकस्लियों ने DRG, CRPF और कोबरा बटालियन के जवानों से हथियार भी लूट कर ले गए थे। नक्सलियों ने कोबरा बटालियन के एक जवान राकेश्वर सिंह मन्हास का अपहरण भी कर लिया था। हालाँकि, छह दिन तक कब्जे में रखने के बाद नक्सलियों ने बस्तर के गाँधी कहलाने वाले स्वतंत्रता सेनानी धर्मपाल सैनी की मध्यस्थता के बाद राकेश्वर सिंह को छोड़ दिया था।

बताते चलें कि तीन दिन पहले चिंतागुफा क्षेत्र में सक्रिय रहे दो महिलाओं और एक पुरुष नक्सली ने सुरक्षाबलों के सामने आत्मसमर्पण किया था। इनमें से एक महिला नक्सली पर एक लाख रुपए का इनाम रखा गया था। शनिवार (27 जनवरी 2024) की शाम को सीआरपीएफ के 50वीं बटालियन के अधिकारियों के समक्ष नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया।

सीआरपीएफ के द्वितीय कमान के अधिकारी दुर्गाराम ने बताया कि पुलिस के पूना नर्कोम अभियान से प्रभावित होकर दूधी सुकड़ी (53), दूधी देवे (38) और माड़वी हड़मा (26) ने आत्मसमर्पण किया है। इनमें से दूधी देवे पर एक लाख रुपए का इनाम था। तीनों को प्रोत्साहन राशि दी गई। इसके अलावा, इन्हें राज्य सरकार की पुनर्वास नीति योजना का लाभ दिया जाएगा।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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