एक ख़ौफ़नाक घटना में, छत्तीसगढ़ के बीजापुर ज़िले में रविवार (23 जून) को दिन के उजाले में एक साप्ताहिक बाजार में माओवादी आतंकवादियों द्वारा एक पुलिसकर्मी की हत्या कर दी गई।
Chhattisgarh: An Assistant Constable was stabbed to death by naxals in weekly market of Mirtur in Bijapur today. More details awaited. pic.twitter.com/ihuXC1pdtl
— ANI (@ANI) June 23, 2019
हिंदुस्तान टाइम्स की ख़बर के अनुसार, यह घटना रविवार दोपहर करीब 2 बजे की है जब सहायक कॉन्स्टेबल चैतू कादती अपनी पत्नी और बच्चों के साथ मितुर गाँव के बाज़ार में गए थे। नक्सलियों ने मितुर गाँव में परिवार और अन्य लोगों के सामने पुलिसकर्मी को चाकू मार दिया।
माओवादियों की एक छोटी ‘एक्शन टीम’ ने अचानक चैतू कादती पर चाकू से ताबड़तोड़ वार किए, जिससे उनकी मौक़े पर ही मौत हो गई। हालाँकि, माओवादी नक्सलियों ने कादती के परिवार के अन्य सदस्यों को कोई हानि नहीं पहुँचाई। चौंकाने वाली बात यह है कि माओवादियों ने पुलिसकर्मी की हत्या की और फिर बिना किसी डर के वो जंगल में वापस चले गए। कॉन्ग्रेस शासित छत्तीसगढ़ राज्य में अराजकता का यह स्पष्ट उदाहरण है।
पुलिस के अनुसार, कादती की तैनाती मिर्तुर पुलिस स्टेशन में थी, लेकिन वो नियमित तौर पर माओवाद विरोधी अभियानों में भाग लिया करते थे। एक अधिकारी ने कहा, “विद्रोही ने उन पर नज़र रखी होगी और उसे पता था कि वह रविवार को अपने परिवार के साथ ‘हाट’ में ख़रीदारी करने जाएँगे।”
इसके आगे अधिकारी ने बताया कि घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस की एक टीम घटनास्थल पर पहुँची और शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया। उन्होंने बताया कि हमलावरों को पकड़ने के लिए तलाशी अभियान जारी है। हाल ही में, एक ऐसी ही घटना में, छत्तीसगढ़ के बस्तर ज़िले में माओवादियों द्वारा एक पुलिस के मुख़बिर की हत्या कर दी गई थी। 30 वर्षीय पुलिस का मुख़बिर ज़िसे छन्नू सोढ़ी के नाम से जाना जाता है, उस पर इन वामपंथी आतंकवादियों की एक ‘छोटी एक्शन टीम’ ने हमला किया था।