छत्तीसगढ़ के रायपुर जिले में जून माह में हुई तीन मुस्लिमों की मौत के बारे में बड़ा खुलासा हुआ है। पुलिस जाँच में सामने आया है कि इन तीनों की मौत सूखी नदी में कूद कर चोटिल होने के कारण हुई थी। इस मामले में पहले आरोप लगाया गया था कि इन तीनों की मौत मॉब लिंचिंग के कारण हुई।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, इस मामले की जाँच कर रही SIT ने कोर्ट में दाखिल चार्जशीट में बताया है कि पाँच गौरक्षक इन मुस्लिमों का एक गाड़ी में पहले से इन्तजार कर रहे थे। गौरक्षकों को यह सूचना था कि यह तीनों एक ट्रक में भर कर गोवंश ले जा रहे हैं।
उन्होंने इन्हें रोक कर ट्रक की जाँच करने का प्रयास भी किया था लेकिन तीनों ने ही ट्रक रोकने की जगह उसे भगा दिया था। इसके बाद गाड़ी सवार पाँच लोगों ने उनका पीछा किया था। ट्रक में सवार लोगों ने इस दौरान 53 किलोमीटर तक भागने का प्रयास किया था।
चार्जशीट में बताया गया कि इसके बाद वह आरंग में स्थित महानदी के पुल पर ट्रक रोक कर कूद गए थे। उन्होंने नदी में यह सोच कर छलाँग लगाई थी कि इसमें पानी बह रहा है। हालाँकि, नदी उस दौरान सूखी थी और यह तीनों ही इसमें गिरने से घायल हो गए थे।
इस दुर्घटना के कारण चाँद मियाँ (23) की मौत तुरंत हो गई थी जबकि गुड्डू खान (35) की मौत अस्पताल ले जाए जाने के दौरान हुई थी। उनके साथी सद्दाम कुरैशी (18) की मौत बाद में इलाज के दौरान हो गई थी। यह तीनों उत्तर प्रदेश के सहारनपुर और शामली जिलों के रहने वाले थे।
इस मामले में पहले आरोप लगाया गया था कि इन तीनों को रोक कर मारा पीटा गया। कहा गया था कि उनकी मॉब लिंचिंग हुई। अब इस मामले की चार्जशीट और पुलिस अधिकारियों ने बताया है कि उन पर कभी हमला हुआ ही नहीं। तीनों की मौत इसलिए हुई क्योंकि वह डर गए और नदी में कूद गए।
गौरतलब है कि 7 जून, 2024 को चाँद, गुड्डू खान और सद्दाम छत्तीसगढ़ से एक ट्रक में मवेशी भर कर निकले थे। यह महासमुंद से रायपुर जा रहे थे। आरोप लगाया गया था कि इन्हें गौरक्षक बताने वाले युवकों ने महानदी के पुल पर रोका और पीटा जिसके बाद यह तीनों नदी में कूदे और इनकी मौत हो गई। इस मामले में मॉब लिंचिंग का आरोप लगाया गया था।
मामले की जाँच के लिए SIT का गठन किया गया था। अब उसने अपनी जाँच करके कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की है। इस मामले में तब मॉब लिंचिंग को लेकर खूब हल्ला मचाया गया था, यह आरोप अब गलत साबित हुए हैं।