Sunday, December 22, 2024
Homeदेश-समाज6 साल के जुड़वा भाई, अगवा कर ₹20 लाख फिरौती ली; फिर भी हाथ-पैर...

6 साल के जुड़वा भाई, अगवा कर ₹20 लाख फिरौती ली; फिर भी हाथ-पैर बाँध यमुना में फेंका: ढाई साल बाद इंसाफ

तत्कालीन कमलनाथ सरकार में जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने इस अपराध के लिए उलटे उत्तर प्रदेश की पूरी सरकार का इस्तीफा माँगा था।

मध्य प्रदेश स्थित सतना जिले के चित्रकूट में दो जुड़वा भाइयों के अपहरण और हत्या के मामले में 5 दोषियों को आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई गई है। दोनों भाइयों की जब हत्या की गई थी, तब उनकी उम्र महज 6 साल थी। इस हत्याकांड के लगभग ढाई वर्षों बाद अदालत का फैसला आया है। मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि अगर पुलिस से चूक नहीं होती तो अपहरण के दिन ही अपराधी पकड़े जा सकते थे।

12 फरवरी, 2019 को इन दोनों मासूमों का अपहरण किया गया था। बाइक पर जा रहे बदमाशों की एक दूसरे बाइक सवार के साथ टक्कर भी हो गई थी। दोनों में झगड़ा भी हुआ था और पुलिस को सूचना दी गई थी, लेकिन तब पुलिस से चूक हो गई। रजौला के बाद बच्चों को लेकर भागते अपराधी मनोज मिश्रा नामक व्यक्ति से टकराए थे। दोनों पक्षों में बहस हुई, जिसके बाद आरोपित भागने लगे तो मनोज को शक हुआ।

उन्होंने बाइक सवारों का पीछा किया। हनुमान बाग़ आश्रम की तरफ मुड़ कर अपराधी गायब हो गए। ये दोनों भाई चित्रकूट स्थित सद्गुरु पब्लिक स्कूल में पढ़ाई करते थे। अपहरण वाले दिन वो दोपहर 1 बजे छुट्टी के बाद घर लौट रहे थे। स्कूल परिसर में ही बाइक से आए दो नकाबपोशों ने उन्हें पिस्तौल के दम पर किडनैप कर लिया था। सीसीटीवी फुटेज में भी ये देखा गया था। अगले दिन फोन कर के 2 करोड़ रुपए की फिरौती माँगी गई, जो मोल-मोलाई होते-होते 20 लाख तक पहुँची।

फिरौती माँगने के लिए अपहरणकर्ताओं ने अपने नंबर की बजाए किसी राहगीर के नंबर का उपयोग किया था। इसके लगभग एक हफ्ते बाद 20 फरवरी को एक व्यक्ति को अपहरणकर्ताओं ने फोन किया। बच्चों के पिता बृजेश रावत यूपी पुलिस के एक जवान के साथ जरिए बंदौसा के पास चौसर नामक स्थान पर फिरौती देने गए। उन्हें वहीं बुलाया गया था। वहाँ स्थित एक पुल पर उन्हें 20 लाख रुपए रख देने को कहा गया था।

फिरौती देकर लौटने के बाद अपराधियों ने भरतकूप के पास बच्चों को छोड़ने की बात कही। लेकिन, अगले दिन शाम होने तक जब बच्चे वापस नहीं आए तो परिजनों व पुलिस का शक बढ़ गया। 22 फरवरी को मध्य प्रदेश पुलिस एक अपराधी तक पहुँचने में कामयाब रही और अगले दिन शाम तक सभी 6 अपराधी धर-दबोचे गए। खुलासा हुआ कि गुनहगारों ने बच्चों के हाथ-पाँव बाँध कर उन्हें उत्तर प्रदेश के बाँदा जिले में यमुना नदी में फेंक दिया था।

आरोपितों के कब्जे से 4 बाइक और एक बोलेरो गाड़ी बरामद हुई थी। आरोपित बार-बार बाइक बदलते रहते थे, ताकि उन पर किसी का शक न जाए। अपहरण के लिए ग्लैमर बाइक का प्रयोग किया गया था। बच्चों को बाँदा के ही अरतरा में रखा गया था। अपाचे बाइक से बदनाम फिरौती वसूलने पहुँचे थे। आरोपितों में से एक ने जेल में ही आत्महत्या कर ली थी। इसीलिए, बचे 5 को सज़ा सुनाई गई है।

तब इस मामले को राजनीतिक रंग देते हुए मध्य प्रदेश के तत्कालीन कमलनाथ सरकार में जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने इस अपराध के लिए उलटे उत्तर प्रदेश की पूरी सरकार का इस्तीफा माँगा
था। बच्चों की तलाश में उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश पुलिस का संयुक्त अभियान चल रहा था। कई जगहों पर सरकार की इस नाकामी के ख़िलाफ़ प्रदर्शन हुए थे। पुलिस के 1500 जवान चित्रकूट में तैनात किए गए थे।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

किसी का पूरा शरीर खाक, किसी की हड्डियों से हुई पहचान: जयपुर LPG टैंकर ब्लास्ट देख चश्मदीदों की रूह काँपी, जली चमड़ी के साथ...

संजेश यादव के अंतिम संस्कार के लिए उनके भाई को पोटली में बँधी कुछ हड्डियाँ मिल पाईं। उनके शरीर की चमड़ी पूरी तरह जलकर खाक हो गई थी।

PM मोदी को मिला कुवैत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘द ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर’ : जानें अब तक और कितने देश प्रधानमंत्री को...

'ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर' कुवैत का प्रतिष्ठित नाइटहुड पुरस्कार है, जो राष्ट्राध्यक्षों और विदेशी शाही परिवारों के सदस्यों को दिया जाता है।
- विज्ञापन -